ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ (exothermic reactions)
प्रत्येक द्रव्य ऊर्जा के एक निश्चित मूल्य से सम्बन्धित होता है। ऊर्जा का यह मूल्य द्रव्य की रासायनिक प्रकृति तथा उसके ताप, दाब व आयतन पर निर्भर करता है। इस ऊर्जा को द्रव्य की आन्तरिक ऊर्जा (internal energy) कहते हैं। स्पष्ट है कि विभिन्न पदार्थों की आन्तरिक ऊर्जाएँ भी भिन्न होती हैं। रासायनिक अभिक्रियाओं में नए पदार्थ बनते हैं अर्थात् एक या अधिक पदार्थ दूसरे पदार्थों में परिवर्तित हो जाते हैं। इस क्रिया में अभिकारक पदार्थों की आन्तरिक ऊर्जा का योग उत्पादों की आन्तरिक ऊर्जा के योग से भिन्न होता है। अतः रासायनिक अभिक्रियाओं में ऊर्जा अवशोषित होती है या निर्मुक्त होती है। रासायनिक अभिक्रियाओं में ऊर्जा प्रायः ऊष्मा के रूप में अवशोषित या निर्मुक्त होती है।
ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऊष्मा निर्मुक्त होती है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ (exothermic reactions) कहलाती हैं।
उदाहरण के लिए-
(i) हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैसों की अभिक्रिया से जल बनने की क्रिया में ऊष्मा उत्सर्जित होती है। 4 ग्राम हाइड्रोजन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन की अभिक्रिया से 36 ग्राम जल बनता है। इस अभिक्रिया की मानक अवस्था (standard condition, 25°C ताप तथा 1 वायुमण्डलीय दाब) में 136.8 कि० कैलोरी ऊष्मा का उत्सर्जन होता है। अतः यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
2H₂(g) + O₂(g) →2H₂O (l) + 136.8 कि कैलोरी
(ii) ग्रेफाइट (कार्बन का एक रूप) को वायु में जलाने पर निम्नलिखित अभिक्रिया होती है-
C(graphite) + O₂ (g) CO₂(g) +94.0 कि० कैलोरी
इस अभिक्रिया में भी ऊर्जा निर्मुक्त होती है तथा यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
प्रत्येक द्रव्य ऊर्जा के एक निश्चित मूल्य से सम्बन्धित होता है। ऊर्जा का यह मूल्य द्रव्य की रासायनिक प्रकृति तथा उसके ताप, दाब व आयतन पर निर्भर करता है। इस ऊर्जा को द्रव्य की आन्तरिक ऊर्जा (internal energy) कहते हैं। स्पष्ट है कि विभिन्न पदार्थों की आन्तरिक ऊर्जाएँ भी भिन्न होती हैं। रासायनिक अभिक्रियाओं में नए पदार्थ बनते हैं अर्थात् एक या अधिक पदार्थ दूसरे पदार्थों में परिवर्तित हो जाते हैं। इस क्रिया में अभिकारक पदार्थों की आन्तरिक ऊर्जा का योग उत्पादों की आन्तरिक ऊर्जा के योग से भिन्न होता है। अतः रासायनिक अभिक्रियाओं में ऊर्जा अवशोषित होती है या निर्मुक्त होती है। रासायनिक अभिक्रियाओं में ऊर्जा प्रायः ऊष्मा के रूप में अवशोषित या निर्मुक्त होती है।
ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऊष्मा निर्मुक्त होती है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ (exothermic reactions) कहलाती हैं।
उदाहरण के लिए-
(i) हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैसों की अभिक्रिया से जल बनने की क्रिया में ऊष्मा उत्सर्जित होती है। 4 ग्राम हाइड्रोजन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन की अभिक्रिया से 36 ग्राम जल बनता है। इस अभिक्रिया की मानक अवस्था (standard condition, 25°C ताप तथा 1 वायुमण्डलीय दाब) में 136.8 कि० कैलोरी ऊष्मा का उत्सर्जन होता है। अतः यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
2H₂(g) + O₂(g) →2H₂O (l) + 136.8 कि कैलोरी
(ii) ग्रेफाइट (कार्बन का एक रूप) को वायु में जलाने पर निम्नलिखित अभिक्रिया होती है-
C(graphite) + O₂ (g) CO₂(g) +94.0 कि० कैलोरी
इस अभिक्रिया में भी ऊर्जा निर्मुक्त होती है तथा यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ (endothermic reactions)
ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऊष्मा अवशोषित होती है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ (endothermic reactions) कहलाती हैं।
(i) नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन गैसों की अभिक्रिया से नाइट्रिक ऑक्साइड गैस बनने की क्रिया में ऊर्जा अवशोषित होती है। 28 ग्राम नाइट्रोजन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन की अभिक्रिया से 60 ग्राम नाइट्रिक ऑक्साइड गैस बनती है। इस अभिक्रिया की मानक अवस्था (25°C ताप तथा 1 वायुमण्डलीय दाब) में 42.0 कि० कैलोरी ऊष्मा अवशोषित होती है। अत: यह एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
N₂ (g) + O₂ (g) + 42.0 कि० कैलोरी → 2NO(g)
(ii) फॉस्फोरस पेण्टा-क्लोराइड (PCl5) का ऊष्मीय वियोजन एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
PCl5 (g) + ऊष्मा → PCl3 (g) + Cl₂ (g)
ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें ऊष्मा अवशोषित होती है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ (endothermic reactions) कहलाती हैं।
(i) नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन गैसों की अभिक्रिया से नाइट्रिक ऑक्साइड गैस बनने की क्रिया में ऊर्जा अवशोषित होती है। 28 ग्राम नाइट्रोजन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन की अभिक्रिया से 60 ग्राम नाइट्रिक ऑक्साइड गैस बनती है। इस अभिक्रिया की मानक अवस्था (25°C ताप तथा 1 वायुमण्डलीय दाब) में 42.0 कि० कैलोरी ऊष्मा अवशोषित होती है। अत: यह एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
N₂ (g) + O₂ (g) + 42.0 कि० कैलोरी → 2NO(g)
(ii) फॉस्फोरस पेण्टा-क्लोराइड (PCl5) का ऊष्मीय वियोजन एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
PCl5 (g) + ऊष्मा → PCl3 (g) + Cl₂ (g)
(iii) जल-वाष्प तथा कार्बन की अभिक्रिया से जल-गैस (CO+ H₂) का निर्माण एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
C(s) + H₂O(g) +131.4 कि० जूल CO(g) + H₂ (g)
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