भोजन (Food) : कॉकरोच सर्वाहारी (omnivorous) होता है। यह रोटी, साग-सब्जी, कागज, कपड़ा, चमड़ा, मांस, मरे हुए कीड़े-मकोड़े आदि को खा लेता है। यहाँ तक कि यह अपने शरीर से उतरे बाह्य कंकाल को भी खा जाता है।
भोजन ग्रहण (Ingestion of Food) : अपने लम्बे ऐन्टिनी (antennae) द्वारा सूँघकर कॉकरोच भोजन की खोज करता है। खाद्य वस्तु के मिलते ही दोनों मैक्सिली इसे पकड़कर मैन्डिबल्स के बीच में चबाने के लिए रोके रखती हैं। फिर सभी मुख-उपांग मिलकर चबे हुए भोजन को पीछे मुख में डाल लेते हैं। इस पूरी क्रिया के समय सभी मुख-उपांग लार में भीगे रहते हैं। अतः भोजन लार में सनकर गीला हो जाता है।
पाचन (Digestion) : मुख प्रकोष्ठ से ग्रसनी तथा ग्रासनली में होता हुआ, भोजन अन्नपुट में पहुँचता है। आहारनाल में भोजन इसकी दीवार की तरंगगति (peristalsis) के कारण ही पीछे खिसकता है। अन्नपुट (Crop) में पहुँचने तक भोजन पर लार से पाचक एन्जाइमों की प्रतिक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। ये एन्जाइम होते हैं ऐमाइलेज, काइटिनेज तथा सेलुलेज (amylase, chitinase and cellulase)। ये कार्बोहाइड्रेट्स का आंशिक पाचन कर देते हैं। अन्नपुट (Crop) में यह अधूरा पचा हुआ भोजन एकत्रित होता रहता है। इसी बीच midgut की ग्रन्थिल कोशिकाओं द्वारा स्रावित पाचक रस पेषणी (gizzard) में होता हुआ अन्नपुट (Crop) में आ जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्-पाचक एन्जाइम इन्वरटेज, माल्टेज एवं लैक्टेज (invertase, maltase and lactase) के अतिरिक्त, प्रोटीन-पाचक ट्रिप्सिन, प्रोटिएजेज एवं पेप्टीडेजेज (trypsin, proteases,peptidases) और वसा पाचक लाइपेज (lipase) भी होते हैं। अतः अन्नपुट (Crop) में भोजन का अधिकांश पाचन हो जाता है। फिर अधपचा भोजन पेषणी (Proventriculus) में पहुँचता है। पेषणी (Proventriculus) के दाँत इसे भली-भाँति पीस डालते हैं। पिसे भोजन के महीन कण पेषणी (Proventriculus) में छनकर midgut में चले जाते हैं, परन्तु मोटे कणों को पाचन के लिए वापस अन्नपुट (Crop) में धकेल दिया जाता है। स्टोमोडियल वाल्व (stomodaeal valve) के कारण, midgut में आए हुए भोजन कण तो वापस पेषणी (Proventriculus) में नहीं जा सकते, परन्तु पाचक रस पेषणी (Proventriculus) में उँडेले जा सकते हैं। midgut के अग्र भाग में भी भोजन पर इसकी एवं सीकी की एपिथीलियम द्वारा स्रावित एन्जाइम्स की प्रतिक्रिया होती रहती है। अतः यहाँ भोजन के सभी पोषक पदार्थों का शेष पाचन पूरा हो जाता है।
- कॉकरोच के उपांग (Appendages of Cockroach)|hindi
- कॉकरोच (Cockroach) : वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना, क्षेत्रीयकरण|hindi
- कॉकरोच का कंकाल (Skeleton of Cockroach)|hindi
- कॉकरोच के पाचन तंत्र का सचित्र वर्णन (Digestive System of Cockroach)hindi
- कॉकरोच की लार ग्रंथि पुंज का सचित्र वर्णन (Salivary Gland complex of Cockroach)|hindi
- कॉकरोच का परिसंचरण तन्त्र (Circulatory system of Cockroach)|hindi
मलत्याग (Egestion of faeces) : भोजन का अपाच्य भाग Hindgut में एकत्रित होता रहता है। मलाशय में पहुँचने पर इसकी दीवार इसमें से लवणों एवं जल की अधिकांश मात्रा सोख लेती है। स्पष्ट है कि इसके ऊपर की उपचर्म (cuticle) जल एवं लवणों के लिए पारगम्य होती है। जलहीन मल, प्रायः छोटी-छोटी सूखी-सी गोलियों (pellets) के रूप में, गुदा से निकलता है। गुदा की संकोचक पेशी (sphincter muscle) मलत्याग का नियन्त्रण करती है।
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