विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder): निर्माण विधि, सामान्य गुणधर्म तथा उपयोग|hindi


विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder): निर्माण विधि, सामान्य गुणधर्म तथा उपयोग
विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder): निर्माण विधि, सामान्य गुणधर्म तथा उपयोग|hindi

रासायनिक सूत्र - कैल्सियम क्लोरो हाइपोक्लोराइट
अणु सूत्र – CaOCl2

इसके एक अणु में एक कैल्सियम आयन (Ca++), एक क्लोराइड आयन (Cl- ) तथा एक हाइपोक्लोराइट आयन (OCl-) होते हैं। यह एक मिश्रित लवण (mixed salt) है।

निर्माण की विधियां
विरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) को शुष्क बुझे हुए चूने पर क्लोरीन गैस की क्रिया से बनाया जाता है।

      Ca(OH)2 + Cl2 → CaOCl2 + H2O

इसको व्यापारिक मात्रा में बनाने की दो विधियाँ प्रमुख हैं-
(i) हेजनक्लेवर की विधि (Hasenclever's method)
(ii) बेचमान की विधि (Bachmann's method)

हेजनक्लेवर विधि

इस विधि में प्रयुक्त संयंत्र (plant) को नीचे चित्र में प्रदर्शित किया गया है। इस संयंत्र में कई खोखले बेलन होते हैं जिनमें बीच में लगी छुड़ों में कई विलोडक (stirrers) लगे होते हैं। इन बेलनों का सम्बन्ध एक-दूसरे से इस प्रकार से होता है कि इनमें भरे पदार्थ एक-दूसरे में आ जा सकते हैं। ऊपरी बेलन में से बुझा हुआ चूना डालने पर, निचले बेलन में से क्लोरीन गैस प्रवाहित करने पर तथा विलोडकों (stinners) को चलाने पर क्लोरीन तथा बुझे हुये चूने की क्रिया होती है तथा ब्लीचिंग पाउडर बन जाता है।
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बैचमान विधि
इस विधि में प्रयुक्त संयंत्र (plant) नीचे चित्र में प्रदर्शित किया गया है। यह संयंत्र एक मीनार की आकृति का होता है जिसमें बीच में लगी एक छड़ में कई चर्खियाँ (rakes) लगी होती हैं। इसमें ऊपर की ओर से बुझा हुआ चूना संपीडित वायु (compressed air) की सहायता से डाला जाता है तथा नीचे की ओर से क्लोरीन गैस तथा गर्म वायु प्रवाहित की जाती हैं। संयंत्र में क्लोरीन तथा बुझे हुए चूने की क्रिया से ब्लीचिंग पाउडर बनता है जो संयंत्र के नीचे के भाग से बाहर निकलता रहता है।

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सामान्य गुण

1. यह हल्के पीले रंग का चूर्ण होता है। यह जल में विलेय है लेकिन अशुद्धियों की उपस्थिति के कारण यह जल में पूर्णतया कभी भी घुल नहीं पाता है। इसमें से क्लोरीन जैसी गन्ध आती रहती है।

2. ब्लीचिंग पाउडर धीरे-धीरे स्वयं अपघटित होता रहता है तथा कैल्सियम क्लोराइड और कैल्सियम क्लोरेट बनाता है।
   6CaOCl2 → 5CaCl2 + Ca(ClO3)2

3. यह कार्बन डाइऑक्साइड से क्रिया करके क्लोरीन गैस बनाता है। इसी कारण इसमें से क्लोरीन जैसी गन्ध आती रहती है।

    CaOCl2 + CO2 → CaCO3 + Cl2↑

4. तनु अम्लों के साथ क्रिया करके भी यह क्लोरीन गैस मुक्त करता है।

         CaOCl2 + H2SO4 CaSO4 + H2O + Cl2
         CaOCl2 + 2CH3COOH Ca(CH3COO)2 + H2O + Cl2


5. जल के साथ क्रिया करके यह नवजात ऑक्सीजन बनाता है जो विरंजक क्रिया का कार्य करती है।

2CaOCl2 +2H2O CaCl2 + Ca(OH)2 + 2HCIO

HCIO  HCI + O


रंगीन पदार्थ + O रंगहीन पदार्थ


6. कोबाल्ट क्लोराइड (उत्प्रेरक) की उपस्थिति में भी यह अपघटित होकर ऑक्सीजन गैस बनाता है।
                       CoCl2
        2CaOCl2   →   2CaCl2 + O2


उपयोग
ब्लीचिंग पाउडर विभिन्न पदार्थों में उपस्थित कुछ यौगिकों के साथ क्रिया करके क्लोरीन या (नवजात) ऑक्सीजन बनाता है जो प्रबल ऑक्सीकारक होने के कारण उन पदार्थों के रंगों को उड़ा देती है। अत: ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग विभिन्न पदार्थों (कपड़ों, फर्नीचर, कागज, आदि) के रंगों के उड़ाने में किया जाता है। इसी कारण इसे विरंजक चूर्ण (bleaching powder) कहते हैं।

इसका उपयोग जीवाणुनाशक के रूप में तथा कुछ यौगिकों के बनाने में भी किया जाता है।


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