विसरण-दाब- न्यूनता (Diffusion Pressure Deficit = DPD) : परिभाषा, उदाहरण|hindi


विसरण-दाब- न्यूनता (Diffusion Pressure Deficit = DPD) अथवा चूषण-दाब ( Suction Pressure = SP) : परिभाषा, उदाहरण 
विसरण-दाब- न्यूनता (Diffusion Pressure Deficit = DPD) : परिभाषा, उदाहरण|hindi

प्रत्येक द्रव का एक विशेष, निश्चित प्रसरण दाब (diffusion pressure) होता है। शुद्ध विलायक (solvent) का विसरण- दाब उसके किसी विलयन (solution) से अधिक होता है, अर्थात् यदि किसी पदार्थ जैसे कि शर्करा अथवा नमक का जल में विलयन बनाया जाये, तब उस विलयन का विसरण दाब शुद्ध जल के विसरण दाब से कम होगा। यदि विलयन और शुद्ध जल के ऊपर समान दाब डाला जाये तो दोनों के विसरण दाब का अन्तर विलयन के परासरण दाब के बराबर होगा, अर्थात् यदि विलयन को परासरण दाब (osmotic pressure) 8 atm है तब उस विलयन की विसरण दाब - न्यूनता ( diffusion pressure deficit) भी 8 atm होगी। अतः-

विसरण- दाब - न्यूनता (Diffusion Pressure Deficit = DPD) किसी विलयन और उसके शुद्ध विलायक के विसरण-दाब की मात्राओं का अन्तर है जिस समय दोनों समवायुमण्डलीय दाब (atmospheric pressure) और तापमान पर हों। इसे चूषण- दाब ( Suction Pressure = SP) भी कहते हैं।

[The amount by which the diffusion pressure of a solution is lower than that of its solvent is called Diffusion Pressure Deficit (DPD). DPD is an index of absorbing power of a solution. It is also called Suction Pressure (SP).]


एक विलयन को जिसका परासरण दाब 26 atm है एक ऐसी अलचीली (enelastic) झिल्ली में रखा जिसके द्वारा केवल जल के अणु ही प्रसरित होते हों। इस तन्त्र को 10 atm परासरण दाब वाले विलयन में डुबोया जाये तो जल के अणुओं का प्रसरण बाहर के विलयन से अन्दर के विलयन की ओर होगा, अथवा यह कह सकते हैं कि जल का प्रसरण कम सान्द्रता वाले विलयन से अधिक सान्द्रता वाले विलयन की ओर होगा, 
अथवा, यह भी कह सकते हैं कि जल का प्रसरण कम विसरण-दाब न्यूनता वाले विलयन से अधिक विसरण दाब-न्यूनता वाले विलयन की ओर होगा, 
अथवा, यह भी कह सकते हैं कि जल का प्रसरण अधिक विसरण दाब वाले विलयन से कम विसरण दाब वाले विलयन की ओर होगा। 

वास्तव में किसी कोशिका की विसरण- -दाब- न्यूनता (Diffusion Pressure Deficit = DPD) कोशिका की जल अवशोषण शक्ति का मापक है जिस कारण इसे चूषण- दाब ( Suction Pressure–SP) भी कहते हैं। यह परासरण दाब (OP), स्फीति-दाब (TP) तथा भित्ति-दाब (WP) से निम्नलिखित रूप से सम्बन्धित है—


    DPD (SP) = OP - WP

परन्तु       WP = TP

इसी कारण    DPD (SP) = OP - TP


कोशिका की श्लथ (flaccid) अवस्था में जीवद्रव्य कला, कोशा-भित्ति से अलग हट जाती है अतः स्फीति - दाब (TP) शून्य होगा। ऐसी अवस्था में पीछे दिये गये समीकरण को निम्न प्रकार से दर्शाया गया है-

DPD (SP) = OP – 0

में इस कारण, कोशिका की श्लथ अवस्था में, चूषण-दाब, परासरण दाब के समान होगा।
परन्तु कोशिका की पूर्ण स्फीति (turgid) अवस्था में परासरण दाब एवं स्फीति- दाब बराबर होंगे। ऐसी अवस्था विसरण दाब न्यूनता (DPD) शून्य हो जायेगा और कोशिका में जल प्रवेश नहीं कर सकेगा।


स्फीति कोशा (turgid cell) में

OP = TP
DPD = OP - TP
         = 0 (ZERO)


ऊपर दिये गये समीकरण को निम्न प्रकार से दर्शाया जायेगा-

विसरण-दाब- न्यूनता ही कोशिकाओं के बीच जल की गति का निर्धारण करता है। जल सदैव कम विसरण - दाब - न्यूनता वाली कोशा से अधिक विसरण दाब-न्यूनता वाली कोशा में जाता है। यदि दो कोशाओं A तथा B में विसरण दाब- न्यूनता क्रमशः 5 व 6 atm हो तो जल A से B में जायेगा। इस प्रक्रिया को अन्य उदाहरणों से भी स्पष्ट किया जा सकता है
  • जब कोशाओं में स्फीति दाब समान परन्तु परासरण दाब भिन्न हों।
  • जब कोशाओं में परासरण दाब व स्फीति दाब भिन्न हों।
  • जब कोशाओं में परासरण दाब समान परन्तु स्फीति दाब भिन्न हों।

(i) जब कोशाओं में स्फीति दाब (TP) समान परन्तु परासरण दाब (OP) भिन्न हों —

विसरण-दाब- न्यूनता (Diffusion Pressure Deficit = DPD) : परिभाषा, उदाहरण|hindi

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