कार्बन के रवाहीन रूप (Amorphous Forms of Carbon)
कार्बन के कुछ रूप रवाहीन भी होते हैं जैसे कोयला, चारकोल, काष्ठ चारकोल,काजल आदि। इनमें से अधिकतर पदार्थों में कार्बन की प्रचुर मात्रा होती है किंतु वे कार्बन के विशुद्ध रूप नहीं होते हैं।कार्बन के कुछ रवाहीन रूपों का विवरण इस प्रकार है-
कोयला (Coal) : कोयला पृथ्वी की ऊपरी भूपर्पटी के नीचे उपस्थित रहता है। कोयला लकड़ी से बनता है जिसके लिए उच्च दबाव तथा तापमान के प्रभाव से व वायु की अनुपस्थिति में लकड़ी विविध चरणों में कोयले में परिवर्तित हो जाती है जो है-
लकड़ी → पीट → लिग्नाइट(भूरा कोयला) → बिटुमिनस → ऐन्थ्रेसाइट
(→ पर ऊष्मा तथा दबाव )
वायु की अनुपस्थिति में ,उच्च तापमान तथा दबाव के प्रभाव से लकड़ी धीरे-धीरे कोयले में परिवर्तित हो जाती है।यह परिवर्तन की प्रक्रिया कार्बनीकरण कहलाता हैं।
ऐन्थ्रेसाइट, कोयले का सर्वाधिक विशुद्ध रूप है। इसमें कार्बन का 94-95% भाग रहता है।कोयले की सामान्य किस्म (बिटुमिनस) कठोर होती है और यह धुआंदार लौ के साथ जलती है।
उपयोग(Uses) : कोयले के उपयोग मुख्यतः निम्नलिखित हैं-
- कोयले का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है।
- इसका उपयोग गैस उत्पादक तथा तरल गैस के निर्माण में जिनका उपयोग गैस ईंधन के रूप में किया जाता है।
- कोयले का उपयोग कोलतार कोक तथा कोयले की गैस के रूप में किया जाता है।
- कोयले का प्रयोग ग्रेफाइट के उत्पादन में किया जाता है। साथ ही ऐन्थ्रेसाइट का प्रयोग ग्रेफाइट के उत्पादन में किया जाता है।
- कोयले का प्रयोग कोयले के उत्प्रेरित हाइड्रोजनीकरण द्वारा संश्लेषित पेट्रोल के उत्पादन में किया जाता है।
चारकोल (Coke)
कोयले के भंजक आसवन के बाद मटमैला काला अवशिष्ट बचता है जिसे कोक या चारकोल कहते हैं। कोक कोयले से नमी तथा अन्य वाष्पशील पदार्थ को निकालने के पश्चात प्राप्त होता है।
अतः हम ऐसा कह सकते हैं कि,
कोक = कोयला - नमी - वाष्पशील पदार्थ
उपयोग (Uses) : कोक का प्रयोग कई चीजों में किया जाता है जो इस प्रकार हैं-
- कोक का उपयोग घरेलू ईंधन के रूप में किया जाता है।
- इसका उपयोग धातु के निष्कर्षण में अब कारक के रूप में किया जाता है।
- कोक का प्रयोग ईंधन गैस का उत्पादन करने में किया जाता है। जैसे जलीय गैस तथा उत्पादक गैस।
- कोक का प्रयोग कार्बाईड जैसे कैलशियम कार्बाईड सिलीकान कार्बाईड एलुमिनियम कार्बाईड आदि के उत्पादन में किया जाता है।
काष्ठ चारकोल (Wood Charcoal)
काष्ठ चारकोल को सामान्यतः चारकोल भी कहा जाता है। चारकोल को लकड़ी से प्राप्त किया जाता है। वायु की अनुपस्थिति में लकड़ी को गर्म करने पर, वाष्पशील पदार्थ तथा नमी बाहर निकल जाते हैं और लकड़ी चारकोल में परिवर्तित हो जाती है।
लकड़ी का काष्ट चारकोल में परिवर्तन को हम इस प्रकार दिखा सकते हैं-
किसी पदार्थ को वायु की अनुपस्थिति में बहुत देर तक गर्म करके तोड़ना भंजक आसवन कहलाता है। अतः हम कह सकते हैं कि चारकोल को लकड़ी के भंजक आसवन द्वारा प्राप्त किया जाता है।
गुण (Properties)-
चारकोल के कई प्रमुख विशेषताएं हैं-
उपयोग(Uses) : चारकोल का उपयोग हम कई प्रकार से कर सकते हैं जैसे-
लकड़ी → चारकोल (काला अवशिष्ट) + वाष्पशील पदार्थ + नमी
गुण (Properties)-
चारकोल के कई प्रमुख विशेषताएं हैं-
- चारकोल काला सरंध्र तथा भंगुर ठोस होता है।
- चारकोल का चूर्ण एक अच्छा अवशोषक होता है। यह विलेयन से रंगीन पदार्थ तथा वायु से विषाक्त गैसें अवशोषित कर लेता है।
- चारकोल एक अच्छा अपचायक (Reducing agent) होता है।
उपयोग(Uses) : चारकोल का उपयोग हम कई प्रकार से कर सकते हैं जैसे-
- चारकोल का प्रयोग घरेलू इंधन के रूप में।
- चारकोल का प्रयोग गन्धहर(Deodorant) तथा रंगहर (Decolouring agent) के रूप में किया जाता है। इसका प्रयोग तेल को रंगहीन करने तथा गैस मास्क बनाने में किया जाता है।
- चारकोल का उपयोग बारूद बनाने में भी किया जाता है।
जांतव चारकोल (Animal Charcoal)
जांतव चारकोल अथवा पशु चारकोल हड्डियों को वायु की अनुपस्थिति में जलाने से प्राप्त होता है इसमें लगभग 10 से 12% रवाहीन कार्बन होता है।
शर्करा चारकोल (Sugar Charcoal)
शर्करा चारकोल चीनी को वायु की अनुपस्थिति में जलाने से प्राप्त होता है। शर्करा चारकोल रवाहीन कार्बन का सबसे अधिक विशुद्ध रूप होता है।
काजल (Lamp Black)
काजल सीमित वायु की उपस्थिति में मोम वनस्पति घी अथवा तारपीन के तेल को जलाकर प्राप्त किया जाता है। काजल मखमली काला चूर्ण होता है इसका उपयोग स्याही बनाने, प्रिंटर की स्याही बनाने, काले पेंट व वार्निश तथा कार्बन पेपर आदि को बनाने में किया जाता है।
कार्बन ब्लैक (Carbon Black)
कार्बन ब्लैक को सीमित वायु की उपस्थिति में प्राकृतिक गैसों को जलाकर प्राप्त किया जाता है। जलती हुई गैस से प्राप्त धुंआ घूर्णनशील प्लेट पर एकत्र करके खुरच लिया जाता है जिसे ब्लैक कार्बन कहते हैं।
गैस कार्बन तथा पेट्रोलियम कोक (Gas Carbon and Petroleum Coke)
कोयले के भंजक आसवन के लिए प्रयोग किए जाने वाले बक-यंत्र (Retort) की दीवारों पर से खुर्चा गया कार्बन, गैस कार्बन कहलाता है।
पेट्रोलियम कोक, पेट्रोलियम आसवन टावर पर कच्चे तेल के शोधन के समय एकत्रित हो जाता है।
गैस कार्बन तथा पेट्रोलियम कोक दोनों विद्युत के सुचालक होते हैं। इनका प्रयोग शुष्क सेलों में इलेक्ट्रोड बनाने के लिए किया जाता है।
यह कार्बन के कुछ रवाहीन रूपों के उदाहरण है जिनका उपयोग हम विभिन्न कार्यों को करने में करते हैं तथा विभिन्न वस्तुओं को बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
tags - हीरा तथा ग्रेफाइट में अंतर
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