प्रकाश(Light):परिभाषा ,प्रदीप्त और अप्रदीप्त पिंड तथा प्रकाश के स्रोत|hindi


प्रकाश (Light)
प्रकाश(Light):परिभाषा ,प्रदीप्त और अप्रदीप्त पिंड तथा प्रकाश के स्रोत|hindi

परिभाषा (Definition) : पूर्ण अंधकार में हम कुछ भी नहीं दे सकते हैं। जब आप अंधेरे कमरे में प्रवेश करते हैं तो कुछ भी नहीं दिखाई देता है किंतु जैसे ही बल्ब या कोई मोमबत्ती जलाई जाती है तो कमरे में रखे वस्तुएं दिखने लगती हैं।अतः प्रकाश (Light) हमें आसपास की वस्तुएं देखने में मदद करता है। प्रकाश ऊर्जा का एक प्रकार है जो हमारी आंखों में दृश्य संवेदना उत्पन्न करता है। हम प्रकाश को विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करते हैं जैसे सूर्य बिजली का लैंप मोमबत्ती तेल के दिए जलती हुई लकड़ी आदि।
प्रकाश पारदर्शी पदार्थ जैसे कांच, पानी आदि से पार हो सकता है किंतु अपारदर्शी पदार्थ जैसे लकड़ी, धातु इत्यादि से नहीं आर पार हो सकता है। प्रकाश सदा सरल रेखा में चलता है। निर्वाह क्षेत्र में प्रकाश 300 अरब मीटर प्रति सेकंड  की गति से चलता है। सूर्य से पृथ्वी तक पहुंचने में प्रकाश लगभग 8 मिनट  का समय लेता है।
प्रकाश से संबंधित और अधिक जानकारी हम नीचे पढ़ेंगे।



प्रदीप्त और अप्रदीप्त पिंड (Luminous and Nonluminous Objects)
जो पदार्थ प्रकाश उत्सर्जित करते हैं प्रदीप्त पिंड कहलाते हैं। प्रदीप पिंड अपने प्रकाश से चमकते हैं। प्रदीप्त पिंड प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित हो सकते हैं। तारे ,सूर्य ,जुगनू आदि प्राकृतिक प्रदीप्त पिंड है। बिजली का लैंप, तेल का दिया आदि मानव निर्मित प्रदीप्त पिंड है।
प्रकाश(Light):परिभाषा ,प्रदीप्त और अप्रदीप्त पिंड तथा प्रकाश के स्रोत|hindi

जो पदार्थ प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते हैं अप्रदीप्त पिंड कहलाते हैं। अप्रदीप्त वस्तुएं स्वयं नहीं चमकते हैं। अप्रदीप्त पदार्थ इसलिए चमकदार दिखलाई पड़ते हैं क्योंकि किसी प्रदीप्त वस्तु से प्राप्त प्रकाश के परावर्तन के कारण वह अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को प्रतिबिंबित करते हैं  जिससे वस्तु चमकदार दिखाई पड़ने लगती है। जैसे चंद्रमा, मेज, कुर्सी तथा पुस्तकें आदि प्रकाश उत्सर्जित नहीं करती हैं। अतः यह अप्रदीप्त पदार्थ है।

चंद्रमा भी एक अप्रदीप्त पदार्थ है लेकिन वह रात में चमकता है क्योंकि वह अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को प्रतिबंधित करके चमकता है। चंद्रमा की तरह हम पृथ्वी के प्रकाश की बात भी कर सकते हैं। सूर्य से आने वाला प्रकाश पृथ्वी की सतह से परावर्तित होता है जिसे पृथ्वी का प्रकाश कहते हैं पृथ्वी का प्रकाश चंद्रमा से देखा जा सकता है।



प्रकाश के स्रोत (Sources of Light)
वस्तु अथवा पदार्थ जो प्रकाश उत्सर्जित करती है प्रकाश का स्रोत (Sources of Light) कहलाती है। सभी प्रदीप्त वस्तुएं अपना प्रकाश उत्सर्जित करती हैं अतः सभी प्रदीप्त वस्तुएं प्रकाश का स्रोत होती हैं। प्राकृतिक प्रदीप्त वस्तुएं जैसे सूर्य, तारे तथा जुगनू प्राकृतिक प्रकाश के स्रोत हैं। मानव निर्मित प्रदीप्त वस्तुएं जैसे जलती हुई मोमबत्ती, जलता हुआ विद्युत लैम्प, टॉर्च, जलती हुई लकड़ी, बल्ब इत्यादि मानव निर्मित प्रकाश के स्रोत हैं।
प्रकाश(Light):परिभाषा ,प्रदीप्त और अप्रदीप्त पिंड तथा प्रकाश के स्रोत|hindi

प्रकाश(Light):परिभाषा ,प्रदीप्त और अप्रदीप्त पिंड तथा प्रकाश के स्रोत|hindi

ठंडे और गर्म प्रकाश के स्रोत (Cold and Hot Sources of Light)
प्रकाश के स्रोत जो प्रकाश और ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं प्रकाश के गर्म स्रोत कहलाते हैं तथा प्रकाश के वे स्रोत  जो केवल प्रकाश उत्सर्जित करते हैं प्रकाश के ठंडे स्रोत कहलाते हैं। वस्तुएं जो बहुत अधिक गर्म करने पर प्रकाश उत्सर्जित करती हैं तापदीप्त या उद्दीप्त वस्तुएं कहलाती हैं। उद्दीप्त वस्तुएं प्रकाश के बहुत गर्म स्त्रोत कहलाते हैं।
विद्युत बल्ब  में टंगस्टन की बनी तार होती है। सामान्य तापमान पर यह तार प्रकाश उत्सर्जित नहीं करती। जब तार से विद्युत गुजरती है तब यह गर्म हो जाता है और प्रकाश उत्सर्जित करने लगता है इस अवस्था पर तार उद्दीप्त अवस्था में रहता है। तार की दीप्ति उसके तापमान पर निर्भर करती है। सूर्य और तारे भी अपने अत्यंत उच्च तापमान के कारण प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। सूर्य के धरातल पर उसका तापमान लगभग 6000 डिग्री सेल्सियस होता है। सूर्य और अन्य तारों में ऐसा उच्च तापमान नाभिकीय संलयन अभिक्रिया के समय बढ़ती मात्रा में ऊर्जा के उत्सर्जन के कारण होता है। तारों का रंग और दीप्ति उसके तापमान पर निर्भर करती है। 

ट्यूबलाइट  प्रकाश की ठंडी स्रोत होती है क्योंकि यह सामान्य तापमान पर प्रतिदीप्ति प्रक्रिया द्वारा प्रकाश उत्सर्जित करती है। ट्यूबलाइट में विद्युत धारक तार नहीं होता है।
ट्यूबलाइट एक लंबी पतली-दीवार युक्त शीशे की नली से निर्मित होती है जो अंदर से प्रतिदीप्त पदार्थ द्वारा पुती रहती है। ट्यूब के प्रत्येक सिरे पर एक छोटी सी तार रहती है। ट्यूब में कम दाब पर, आर्गन गैस था मरकरी के वाष्प का मिश्रण भरा रहता है। जब ट्यूबलाइट का स्विच ऑन किया जाता है तब तारें बहुत कम तापमान पर गर्म हो जाती हैं। यह इलेक्ट्रॉन मरकरी के परमाणुओं के साथ टकराकर पराबैगनी किरणें उत्पन्न करती हैं। ट्यूब की आंतरिक दीवारों पर पुता प्रतिदीप्त पदार्थ, पराबैंगनी किरणें अवशोषित कर लेता है और प्रतिदीप्ति के कारण प्रकाश उत्सर्जित करता है।
जुगनू  प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया के कारण जलता- बुझता है तथा प्रकाश उत्सर्जित करता है इसलिए जुगनू को भी प्रकाश का एक ठंडा स्त्रोत ही कहा जाएगा।

No comments:

Post a Comment