प्रिज़्म के माध्यम से अपवर्तन (Refraction Through A Prism)
एक प्रकाश की किरण (PQ) प्रिज़्म के पृष्ठ AB पर पड़ती है। जब यह प्रिज़्म में प्रवेश करती है यह अभिलंब की ओर आपतित बिंदु पर मुड़ जाती है और QR की दिशा में चलती है। किरण QR अपवर्तन किरण कहलाती है। जब यह R बिंदु पर प्रिज़्म को छोड़ती है, यह अभिलंब से दूर हटकर मुड़ती है। किरण RS निर्गत किरण कहलाती है।
ऊपर चित्र का प्रेक्षण करने पर यह पता चलता है कि निर्गत किरण, आपतित किरण के समानांतर नहीं होती है जैसा की कांच की सिल्ली की किरण के अपवर्तन में होता है। निर्गत किरण, आपतित किरण के सापेक्ष किसी निश्चित कोण पर मुड़ जाती है। जिस कोण पर आपतित किरण प्रिज़्म के बाहर निर्गत होती है उसे विचलन का कोण कहते हैं।
प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण (Dispersion of White Light)
सफेद प्रकाश का सात रंगों में वर्ण-विक्षेपण प्रकाश का विक्षेपण कहलाता है। प्रकाश सात रंगों में इसलिए विक्षेपित होता है क्योंकि विभिन्न रंगों की प्रकाश-किरण कांच के प्रिज़्म से भिन्न-भिन्न कोणों पर मुड़ती हैं।कांच के प्रिज़्म के एक पृष्ठ पर सूर्य की एक पतली किरण पड़ने दें। प्रिज़्म के दूसरे सिरे पर एक सफेद कागज रखें। कागज पर आपको सात रंगों की एक पट्टी देखाई देगी। कागज पर दिखलाइए देने वाली सात रंगों की पट्टी- बैंगनी, जामुनी, नीले, हरे, पीले, नारंगी और लाल रंगों से निर्मित है। इस क्रम को अंग्रेजी के शब्द विविध VIBGYOR याद रख सकते हैं।
सफेद प्रकाश के विक्षेपण के कारण बनी सात रंगों की पट्टी स्पेक्ट्रम कहलाती है। अतः सफेद प्रकार अथवा सूर्य का प्रकाश सात रंगों से निर्मित होता है।
प्रकाश के सभी रंग निर्वात में समान गति से चलते हैं। किंतु किसी भी पारदर्शी माध्यम जैसे- कांच, पानी आदि में प्रकाश के विभिन्न रंग अलग-अलग गति में चलते हैं।
सभी सात रंगों में लाल रंग सबसे तेजी से चलता है अतः लाल रंग की तरंग धैर्य सबसे अधिक होती है और बैंगनी रंग सबसे धीरे अतः इसकी तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है। जिसके परिणाम स्वरूप लाल प्रकाश सबसे कम मुड़ता है और बैंगनी सबसे अधिक मुड़ता है। यद्यपि इन रंगों की तरंगदैर्ध्य अलग अलग होती है परंतु इनकी चाल निर्वात में समान(3×10⁸ मीटर/सेकंड) होती है।
सभी सात रंगों में लाल रंग सबसे तेजी से चलता है अतः लाल रंग की तरंग धैर्य सबसे अधिक होती है और बैंगनी रंग सबसे धीरे अतः इसकी तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है। जिसके परिणाम स्वरूप लाल प्रकाश सबसे कम मुड़ता है और बैंगनी सबसे अधिक मुड़ता है। यद्यपि इन रंगों की तरंगदैर्ध्य अलग अलग होती है परंतु इनकी चाल निर्वात में समान(3×10⁸ मीटर/सेकंड) होती है।
इंद्रधनुष (The Rainbow)
इंद्रधनुष प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण का दृृष्टव्य है। वर्षा के तुरंत बाद, वायु में असंख्य पानी की छोटी-छोटी बूंदे रह जाती हैं। प्रत्येक बूंद एक छोटे प्रिज़्म की भांति कार्य करती हैं।
जब सूर्य का प्रकाश इन बूंदों पर पड़ता है तब प्रकाश सात रंगों में विक्षेपित हो जाता है। अनेक बूंदों से विक्षेपित प्रकाश सात रंगों की पट्टी बनाता है जिसमें लाल रंग सबसे बाहर और बैंगनी रंग सबसे अंदर की ओर होता है। यह सतरंगी पट्टी इंद्रधनुष (Rainbow) कहलाती है। अतः वर्षा के पश्चात वायु प्रलंबित असंख्य वर्षा की बूंदों द्वारा प्रकाश के विक्षेपण से इंद्रधनुष बनता है।
जब सूर्य का प्रकाश इन बूंदों पर पड़ता है तब प्रकाश सात रंगों में विक्षेपित हो जाता है। अनेक बूंदों से विक्षेपित प्रकाश सात रंगों की पट्टी बनाता है जिसमें लाल रंग सबसे बाहर और बैंगनी रंग सबसे अंदर की ओर होता है। यह सतरंगी पट्टी इंद्रधनुष (Rainbow) कहलाती है। अतः वर्षा के पश्चात वायु प्रलंबित असंख्य वर्षा की बूंदों द्वारा प्रकाश के विक्षेपण से इंद्रधनुष बनता है।
Related article-
No comments:
Post a Comment