कीटों (Insects) का वर्ग जंतु जगत में पाए जाने वाला सबसे बड़ा वर्ग है। ज्ञात जंतु जातियों में से लगभग 10 लाख जातियां कीटों की ही हैं। मानव के लिए कीटों का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा कह सकते हैं कि मानव जीवन से कीटों का घनिष्ठ संबंध होता है जहां एक ओर कीट संख्या एवं विविधता में प्रकृति में सबसे अधिक सफल जंतु हैं वहीं दूसरी ओर मनुष्य बुद्धि और विकास बुद्धि के विकास में उच्चतम जंतु है अतः इन दोनों प्रकारों के जंतुओं के बीच में प्रतिस्पर्धा लगी ही रहती है। अगर आप कीटों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पढ़े - कीट क्या होते हैं?
मानव के लिए कीटों का महत्व इतना अधिक है कि इस विषय पर एक अलग कीटशास्त्र बनाया गया है जिसे आर्थिक कीटशास्त्र (Economic Entomology) कहते हैं। मानव जीवन से संबंधित कीटों को हम दो श्रेणियों में बांट सकते हैं जो मनुष्य के जीवन पर असर डालते हैं डालती हैं-
मानव के लिए कीटों का महत्व इतना अधिक है कि इस विषय पर एक अलग कीटशास्त्र बनाया गया है जिसे आर्थिक कीटशास्त्र (Economic Entomology) कहते हैं। मानव जीवन से संबंधित कीटों को हम दो श्रेणियों में बांट सकते हैं जो मनुष्य के जीवन पर असर डालते हैं डालती हैं-
मनुष्य के लिए लाभदायक कीट (Insects beneficial to humans)
मानव जिन वस्तुओं का उत्पादन करता है, कीट उसमें हिस्सा ही नहीं बँटाते, वरन् उसे नष्ट भी करते हैं। अतः मनुष्य के लिए यह सोचना स्वाभाविक है कि, यदि कीट प्रकृति में नहीं होते तो मानव कितना सुखी होता, यह विचार बिल्कुल ही गलत हैं। कीटों की अनेक ऐसी लाभदायक जातियाँ भी होती हैं जिनके बिना हमारा जीवन अधूरा एवं दुखमय होता। इनसे होने वाले लाभों के अनुसार, कीटों को हम कई श्रेणियों में बाँट सकते हैं-
1. उपयोगी वस्तुओं के उत्पादक- इसके अंतर्गत वह कीट आते हैं जिनके द्वारा हमें बहुत सी उपयोगी वस्तुएं मिलती हैं। जिसका प्रयोग हम अपने रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं। जैसे रेशम के बने कपड़े जो कि हमें रेशम के कीट द्वारा प्राप्त होता है, शहद तथा वैक्स जो हमें मधुमक्खी से प्राप्त होता है। इसके अलावा लाख के कीट से लाख प्राप्त होती है। साथ ही लाख से वार्निश, पॉलिश, चमड़ा (shellac), ग्रामोफोन रिकॉर्ड, मोहरी लाख (sealing wax), बिजली का सामान, बटन, खिलौने, बर्तन, चूड़ियाँ, आदि वस्तुएँ बनाई जाती हैं। मरी हुई मादाओं के सुर्ख शरीर को सुखाकर एक रंग बनाते हैं जिसे औरतें महावर लगाने के काम में लाती हैं।
कीटों की कुछ जातियों से हमें उपयोगी वस्तुएँ मिलती हैं, जैसे रेशम, मधु, मोम, लाख, रंग-रोगन, दवाइयाँ, आदि।
• फफोला गुबरैला नामक कीट के रुधिर से कैन्थराइडिन (Cantheridine) नामक दवाई बनाई जाती है। यह गुबरैला फ्रांस और स्पेन में बहुत मिलता है।
• लाही नामक कीट गहरे लाल रंग का होता है जिसका प्रयोग मदिरा तथा कुछ दवाइयों को रंगने वह कुकर खांसी इत्यादि रोगों के उपचार में भी किया जाता है। मेक्सिको रूस स्पेन इत्यादि देशों में इस बग को पाला जाता है।
मानव जिन वस्तुओं का उत्पादन करता है, कीट उसमें हिस्सा ही नहीं बँटाते, वरन् उसे नष्ट भी करते हैं। अतः मनुष्य के लिए यह सोचना स्वाभाविक है कि, यदि कीट प्रकृति में नहीं होते तो मानव कितना सुखी होता, यह विचार बिल्कुल ही गलत हैं। कीटों की अनेक ऐसी लाभदायक जातियाँ भी होती हैं जिनके बिना हमारा जीवन अधूरा एवं दुखमय होता। इनसे होने वाले लाभों के अनुसार, कीटों को हम कई श्रेणियों में बाँट सकते हैं-
1. उपयोगी वस्तुओं के उत्पादक- इसके अंतर्गत वह कीट आते हैं जिनके द्वारा हमें बहुत सी उपयोगी वस्तुएं मिलती हैं। जिसका प्रयोग हम अपने रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं। जैसे रेशम के बने कपड़े जो कि हमें रेशम के कीट द्वारा प्राप्त होता है, शहद तथा वैक्स जो हमें मधुमक्खी से प्राप्त होता है। इसके अलावा लाख के कीट से लाख प्राप्त होती है। साथ ही लाख से वार्निश, पॉलिश, चमड़ा (shellac), ग्रामोफोन रिकॉर्ड, मोहरी लाख (sealing wax), बिजली का सामान, बटन, खिलौने, बर्तन, चूड़ियाँ, आदि वस्तुएँ बनाई जाती हैं। मरी हुई मादाओं के सुर्ख शरीर को सुखाकर एक रंग बनाते हैं जिसे औरतें महावर लगाने के काम में लाती हैं।
कीटों की कुछ जातियों से हमें उपयोगी वस्तुएँ मिलती हैं, जैसे रेशम, मधु, मोम, लाख, रंग-रोगन, दवाइयाँ, आदि।
• फफोला गुबरैला नामक कीट के रुधिर से कैन्थराइडिन (Cantheridine) नामक दवाई बनाई जाती है। यह गुबरैला फ्रांस और स्पेन में बहुत मिलता है।
• लाही नामक कीट गहरे लाल रंग का होता है जिसका प्रयोग मदिरा तथा कुछ दवाइयों को रंगने वह कुकर खांसी इत्यादि रोगों के उपचार में भी किया जाता है। मेक्सिको रूस स्पेन इत्यादि देशों में इस बग को पाला जाता है।
लाभदायक कीटों के बारे में और विस्तार से जानने के लिए हमारे इस लेख को पढ़े - लाभदायक कीट कौन से होते हैं?
2. फूलों का परागण करने वाले- कई कीट ऐसे होते हैं जो सब्जियों तथा पुष्पों के पौधों में परागण की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। इन कीटों में मधुमक्खी बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह मधु एकत्रित करने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों पुष्प ऊपर बैठती है जिससे उसका परागण होता है। इसके साथ ही भौंरा भी परागण में सहायता करता है।
3. खाये जाने वाले कीट- कई कीटों को खाया भी जाता है जैसे झींगुर तथा पतंगे।
4. हानिकारक कीटों को नष्ट करने वाले- कई ऐसे होते हैं जो हानिकारक कीटों जैसे मच्छर इत्यादि को खा कर उन्हें नष्ट कर देते हैं जैसे- ड्रैगनफ्लाई।
5. भूमि को उपजाऊ बनाने वाले- कई कीट ऐसे होते हैं जो मिट्टी में उपस्थित रहते हैं तथा मिट्टी के कणों को पीस पीस कर उसे बारीक कर देते हैं केंचुए की तरह। इन सब कीटों में चीटियाँ, गुबरैले, मक्खियाँ, पतंगें, झींगुर तथा गण कोलेम्बोला (Order Collembola) के सदस्य उल्लेखनीय हैं।
6. निरर्थक पौधों को नष्ट करने वाले- कई कीट ऐसे होते हैं जो जंगली पौधों को नष्ट कर देते हैं जो कि फसलों के लिए हानिकारक होते हैं।
7. सफाई करने वाले- कुछ कीटों के लार्वी घरों तथा अन्य स्थानों पर पड़ी निरर्थक कार्बनिक वस्तुओं को गला खड़ा कर नष्ट कर देते हैं ।
8. दीप्ति कीट- कई कीट ऐसे होते हैं जिनके उदर पर प्रकाशित करने वाले अंग होते हैं। पहले लोग इनके प्रकाश का प्रयोग पारदर्शी कपड़े की थैलियों में भरकर लिखने पढ़ने में करते थे।
अगर आप कीटों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पढ़े - कीट क्या होते हैं
मनुष्य के लिए हानिकारक कीट (Insects harmful to humans)-
कीटों द्वारा मनुष्य को सीधी हानि नहीं होती है लेकिन यह अनाज में सब्जियों में घुसकर उसे नष्ट कर देते हैं तथा घरों में मक्खी, मच्छर इत्यादि बीमारियां फैलाने के कारण होते हैं। इनकी बहुत कम जातियां में मनुष्य के लिए हानिकारक होती हैं लेकिन इनकी यह बहुत कम संख्या ही मनुष्यों को बहुत बड़ी और विविध प्रकार की हानियां पहुंचाते हैं जो कि कई बार बहुत बड़े स्तर पर हो जाती है। यह कीट मनुष्य को ही नहीं बल्कि पालतू पशुओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं जिसका असर एक तरह से मनुष्य पर भी पड़ता है।
3. खाये जाने वाले कीट- कई कीटों को खाया भी जाता है जैसे झींगुर तथा पतंगे।
4. हानिकारक कीटों को नष्ट करने वाले- कई ऐसे होते हैं जो हानिकारक कीटों जैसे मच्छर इत्यादि को खा कर उन्हें नष्ट कर देते हैं जैसे- ड्रैगनफ्लाई।
5. भूमि को उपजाऊ बनाने वाले- कई कीट ऐसे होते हैं जो मिट्टी में उपस्थित रहते हैं तथा मिट्टी के कणों को पीस पीस कर उसे बारीक कर देते हैं केंचुए की तरह। इन सब कीटों में चीटियाँ, गुबरैले, मक्खियाँ, पतंगें, झींगुर तथा गण कोलेम्बोला (Order Collembola) के सदस्य उल्लेखनीय हैं।
6. निरर्थक पौधों को नष्ट करने वाले- कई कीट ऐसे होते हैं जो जंगली पौधों को नष्ट कर देते हैं जो कि फसलों के लिए हानिकारक होते हैं।
7. सफाई करने वाले- कुछ कीटों के लार्वी घरों तथा अन्य स्थानों पर पड़ी निरर्थक कार्बनिक वस्तुओं को गला खड़ा कर नष्ट कर देते हैं ।
8. दीप्ति कीट- कई कीट ऐसे होते हैं जिनके उदर पर प्रकाशित करने वाले अंग होते हैं। पहले लोग इनके प्रकाश का प्रयोग पारदर्शी कपड़े की थैलियों में भरकर लिखने पढ़ने में करते थे।
अगर आप कीटों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पढ़े - कीट क्या होते हैं
मनुष्य के लिए हानिकारक कीट (Insects harmful to humans)-
कीटों द्वारा मनुष्य को सीधी हानि नहीं होती है लेकिन यह अनाज में सब्जियों में घुसकर उसे नष्ट कर देते हैं तथा घरों में मक्खी, मच्छर इत्यादि बीमारियां फैलाने के कारण होते हैं। इनकी बहुत कम जातियां में मनुष्य के लिए हानिकारक होती हैं लेकिन इनकी यह बहुत कम संख्या ही मनुष्यों को बहुत बड़ी और विविध प्रकार की हानियां पहुंचाते हैं जो कि कई बार बहुत बड़े स्तर पर हो जाती है। यह कीट मनुष्य को ही नहीं बल्कि पालतू पशुओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं जिसका असर एक तरह से मनुष्य पर भी पड़ता है।
कीटों द्वारा कुछ प्रमुख हानियां इस प्रकार हैं
- मनुष्य भोजन के लिए कृषि द्वारा भूमि से अनाज, फल, सब्जी आदि पैदा करता है, लेकिन कोई फसल ऐसी नहीं होती जिससे अनेक प्रकार के कीट अपना भोजन प्राप्त न करते हो। पेड़-पौधों की जड़ों, तनों, पत्तियों, कलियों, फूलों, बीजों, आदि सभी पर विभिन्न प्रकार के कीट आक्रमण करते हैं। सम्भवतः कीट हमारी एक तिहाई फसल के भागीदार बन जाते हैं।
- इससे हमारे देश को लगभग 500 करोड़ और अकेले उत्तर प्रदेश को लगभग 50 करोड़ रुपयों की हानि प्रतिवर्ष होती है। इसके अंतर्गत पौधों को कुतरने वाले कीट जैसे टिड्डी, लाल कद्दू बीटल, आलू कटवी आदि, पौधों का रस चूसने वाले कीट, पौधों में धँसकर इन्हें खोखला बनाने वाले कीट, पौधों में अंडा रोपण करने एवं घोंसला बनाने वाले कीट तथा पौधों में बीमारी फैलाने वाले कीट आते हैं।
- मनुष्य तथा पशुओं में यह कीट अलग तरह से हानियां पहुंचाते हैं जैसे कॉकरोच, चीटियां, झींगुर, मच्छर, मक्खी इत्यादि के द्वारा खुजली। कई कीट जहरीले भी होते हैं जो मनुष्य तथा जानवरों में बीमारियां फैलाने का कार्य करते हैं। इसके अलावा परजीवी कीट जैसे खटमल, जूँ, तथा रोग फैलाने वाले की जैसे घरेलू मक्खी मच्छर सीसी फ्लाई ,रैट फ्लाई इत्यादि आते हैं जो मनुष्य में तथा जानवरों में बीमारियां फैलाते हैं।
- उपयोगी वस्तुओं का विनाश करने वाले कीटों के अंतर्गत कई कीट आते हैं जो मनुष्यों की कृषि व खाद्य भंडार को ही नहीं वरन् उनके घर के अन्य वस्तुओं जैसे लकड़ी के बने फर्नीचर, दीवार इत्यादि को भी नुकसान पहुंचाते हैं जैसे दीमक, वस्त्र पतंगी, रजत मछली इत्यादि। यह सभी कीट हमारे घरों में दीवारों को तथा लकड़ी के बने दरवाजों को नष्ट कर देते हैं। रजत मछली पुस्तकों तथा कागजों को खा जाती है।
हानिकारक कीटों के बारे में और विस्तार से जानने के लिए हमारे इस लेख को पढ़े - हानिकारक कीट क्या होते हैं
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