न्यूटन के गति का दूसरा नियम (Newton's second law of motion)
हम न्यूटन के गति के नियम के बारे में पहले पढ़ चुके हैं लेकिन इसका विस्तारपूर्ण अध्ययन हम नीचे करेंगे।
नीचे हम न्यूटन के गति के दूसरे नियम के स्पष्टीकरण के बारे में पढ़ेंगे।
नीचे हम न्यूटन के गति के दूसरे नियम के स्पष्टीकरण के बारे में पढ़ेंगे।
न्यूटन के दूसरे नियम का स्पष्टीकरण (Explanation of Newton's second law)
जब किसी पिंड पर कोई बाह्य बल लगाया जाता है तो उसमें त्वरण उत्पन्न हो जाता है। यह त्वरण आरोपित बल के अनुक्रमानुपाती होता है। प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध किया जा सकता है कि एक निश्चित द्रव्यमान पर लगाया गया बल F द्रव्यमान में उत्पन्न त्वरण a के अनुक्रमानुपाती होता है :
पहला समीकरण (i) -: F ∝ a
किसी पिंड में एक निश्चित त्वरण उत्पन्न करने के लिए पिंड पर आरोपित बल F पिण्ड के द्रव्यमान m के अनुक्रमानुपाती होता है :
दूसरा समीकरण (ii) -: F ∝ m
समीकरण (i) व (ii) से -:
F ∝ m × a
अथवा
F = k × m × a
जहाँ k एक नियतांक (constant) है।
हम बल का मात्रक इस प्रकार चुनते हैं कि एकांक बल वह बल है जो एकांक द्रव्यमान की वस्तु में एकांक त्वरण उत्पन्न कर देता है।
तब समीकरण (iii) में,
F = 1, m = 1, तथा a = 1 रखने पर
1=k × 1 × 1 अथवा k = 1
अतः समीकरण (iii) से बना चौथा समीकरण (iv) -:
F=m × a
बल = द्रव्यमान x त्वरण
समीकरण (iv) में यदि F = 0 हो, तो a = 0 (क्योंकि m शून्य नहीं है), अर्थात् यदि वस्तु पर बाह्य बल न लगाया जाये तो वस्तु में त्वरण भी उत्पन्न नहीं होगा। त्वरण के शून्य होने का अर्थ है कि वस्तु या तो विराम अवस्था में ही रहेगी या 'नियत' वेग से चलती रहेगी। इस प्रकार, न्यूटन का पहला नियम दूसरे नियम का ही एक अंग है।
बल का मात्रक : सी० जी० एस०(CGS) प्रणाली में बल के मात्रक को 'डाइन' (dyne) तथा एम० के० एस०(MKS) प्रणाली में 'न्यूटन' (newton) कहते हैं
डाइन (Dyne) : “1 डाइन बल वह बल है जो 1 ग्राम द्रव्यमान की किसी वस्तु में 1 सेमी प्रति सेकण्ड² का त्वरण उत्पन्न कर दे ।" इस प्रकार
1 डाइन = 1 ग्राम x 1 सेमी/ (सेकण्ड)²
1 न्यूटन = 1 किलोग्राम x 1 मीटर/ (सेकण्ड)²
= 10³ ग्राम - × 10²सेमी / सेकण्ड² = 10⁵ ग्राम सेमी/सेकण्ड²
हम यह देख सकते हैं कि,
1 न्यूटन = 10⁵ डाइन
यह न्यूटन के गति का दूसरा नियम है जो पहले नियम से सम्बंधित रहता हैं। इस नियम में कई समीकरणों को मिलाकर न्यूटन का दूसरा नियम बनता है।
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