दूरी तथा विस्थापन क्या है? परिभाषा तथा अंतर(distance and displacement in hindi)


दूरी (Distance) तथा विस्थापन (Displacement); परिभाषा तथा अंतर


कभी कभी दूरी तथा विस्थापन को एक ही मान लिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है यह दोनों एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न है। नीचे हम यही जानेंगे कि इनकी परिभाषा क्या है तथा इनमें क्या अंतर है -

दूरी तथा विस्थापन
गतिमान वस्तु की स्थिति समय के साथ-साथ बदलती रहती है। गतिमान वस्तु द्वारा किसी समय में तय किये गये पथ की लम्बाई को उस वस्तु द्वारा चली गई 'दूरी' कहते हैं; जबकि वस्तु की अन्तिम तथा प्रारम्भिक स्थितियों के बीच के अन्तर को वस्तु का 'विस्थापन' कहते हैं। ।

इसके लिए एक उदाहरण इस प्रकार है, यदि एक व्यक्ति पहले बिन्दु A से बिन्दु B तक जाता है, तथा फिर बिन्दु B से C तक जाता है, तो व्यक्ति द्वारा चली गई दूरी AB + BC है । परन्तु इस व्यक्ति का विस्थापन AC है।
यदि AB तथा BC के बीच कोण 90° हो तो व्यक्ति का विस्थापन,
दूरी तथा विस्थापन क्या है? परिभाषा तथा अंतर(distance and displacement in hindi)

AC = √(AB)² + (BC)²

यदि AB = 4 किमी तथा BC = 3 किमी, तो विस्थापन

AC = √(4)² + (3)² = 5 किमी,

जबकि चली गई दूरी 4 + 3 = 7 किमी है।

'दूरी' तथा 'विस्थापन' दो अलग-अलग राशियाँ हैं। दूरी एक अदिश राशि है जिसमें केवल परिमाण होता है । विस्थापन एक सदिश राशि है जिसमें परिमाण व दिशा दोनों होते हैं।

उदाहरण के लिये, 
(i) माना कि हमारा स्कूल हमारे घर से 2 किलोमीटर पर है। हम अपने घर से स्कूल जाते हैं तथा वहाँ से घर लौट आते हैं। इस दशा में हमने 4 किलोमीटर दूरी तय की, परन्तु हमारा विस्थापन शून्य ही रहा क्योंकि हमारी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। इसी प्रकार, 

(ii) यदि हम एक पत्थर को ऊपर h ऊँचाई तक फैकें तो कुछ समय पश्चात् वह लौटकर उसी स्थान पर आ जाता है। इस प्रकार पत्थर का विस्थापन तो शून्य हुआ, परन्तु उसके द्वारा चली गई दूरी 2 h है।

(iii) यदि कोई वास्तु वृत्ताकार मार्ग पर चक्कर काट रही है तो प्रत्येक चक्कर के पश्चात वह अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाती है। इस प्रकार एक चक्कर के पश्चात वस्तु का विस्थापन तो जीरो रहता है लेकिन वास्तु द्वारा चली गई दूरी वृत्त की परिधि के बराबर होती है। 


दूरी तथा विस्थापन में अंतर (Difference between distance and displacement)

  1. दूरी गतिमान वस्तु द्वारा तय किये गए पथ की लम्बाई को कहते हैं जबकि विस्थापन गतिमान वस्तु की अंतिम तथा प्रारंभिक स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी को कहते हैं। 
  2. दूरी में केवल परिमाण होता है जबकि विस्थापन में परिमाण व दिशा दोनों होते हैं। 
  3. दूरी एक अदिश राशि है जबकि विस्थापन एक सदिश राशि है। 
  4. किसी वस्तु द्वारा तय की गई दूरी कभी शून्य नहीं होती है जबकि किसी वस्तु द्वारा तय किया गया विस्थापन शून्य भी हो सकता है। 
अतः दूरी वह होती है जो एक वस्तु द्वारा किसी समयंतराल में तय की गई सम्पूर्ण मार्ग की लम्बाई होती है। यह एक अदिश राशि होती है। 

वहीँ विस्थापन गतिमान वस्तु की अंतिम तथा प्रारंभिक स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी होता हैं। और यह एक सदिश राशि होता है। 


FAQs

1. विस्थापन क्या है?
विस्थापन किसी वस्तु द्वारा प्रारंभिक बिंदु से अंतिम बिंदु तक गति करते हुए तय की गई सीधी रेखा की दूरी को दर्शाता है। यह एक सदिश राशि है, जिसका अर्थ है कि इसमें परिमाण और दिशा दोनों शामिल होते हैं।


2. क्या विस्थापन का मान शून्य हो सकता है?
हां, विस्थापन का मान शून्य हो सकता है। यदि वस्तु प्रारंभिक बिंदु से गति नहीं करती है, या यदि वह गति करती है, लेकिन प्रारंभिक बिंदु पर वापस आ जाती है, तो विस्थापन शून्य होगा।


3. दूरी और विस्थापन क्या है?
दूरी और विस्थापन दो अलग-अलग अवधारणाएं हैं। दूरी किसी वस्तु द्वारा तय की गई कुल रैखिक दूरी को दर्शाता है, जबकि विस्थापन प्रारंभिक बिंदु से अंतिम बिंदु तक की सीधी रेखा की दूरी को दर्शाता है।



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