चन्द्रमा की कलाएँ (THE PHASES OF THE MOON)
चंद्रमा (The Moon) के बारे में हम पहले पढ़ चुके हैं। नीचे हम चंद्रमा की कलाओं के बारे में पढ़ेंगे और इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। परिणामस्वरूप, चन्द्रमा भी पृथ्वी के साथ सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करता है। इस चक्र में पृथ्वी से देखे जाने पर चन्द्रमा की आकृति और आकार क्रमिक रूप से परिवर्तित होते रहते हैं। दिन-प्रतिदिन चन्द्रमा की आकृति व आकार में पृथ्वी से दिखलायी देने वाला यह परिवर्तन, चन्द्रमा की कलाएँ कहलाता है।
अमावस्या के दिन चन्द्रमा का अप्रकाशित पक्ष पृथ्वी की ओर होता है अतः यह अदृश्य होता है। जैसे जैसे यह अपनी कक्षा के चौथाई घूमता रहता है (1), अर्धचन्द्र (2), आधा तथा (3) लगभग सभी अप्रकाशित भाग दिखलायी देते हैं।( नीचे चित्र में देखें↴)
पूर्णिमा के दिन, सूर्य द्वारा प्रकाशित पक्ष, पृथ्वी की ओर होते हैं और चन्द्रमा पूरा (4) दिखलायी देते हैं। ये कलाएँ. विपरीत क्रम में लगातार चलती रहती हैं ( 5, 6, 7, 8) जब तक चन्द्रमा पुनः नया (अमावस्या) न हो जाए।चन्द्रमा का कला-चक्र पूरा होने में 29.5 दिन ले लेता है—एक चन्द्र माह।
चन्द्रमा की कुछ विशिष्ट कलाएँ ऊपर दिखाए गए चित्र में दर्शायी गई हैं और उनका विवरण नीचे दिया गया है-:
चन्द्रमा की कुछ विशिष्ट कलाएँ ऊपर दिखाए गए चित्र में दर्शायी गई हैं और उनका विवरण नीचे दिया गया है-:
1. पूर्णिमा : जब सूर्य की किरणें सीधे चन्द्रमा पर पड़ती हैं, तब यह प्रकाश के पूरे चक्र की तरह दिखलायी देता है। इसे पूर्णिमा अथवा पूर्ण चन्द्र कहा जाता है।
2. अर्धचन्द्र : जब चन्द्रमा का कुछ ही भाग सूर्य के प्रकाश द्वारा प्रदीप्त होता है, उसका केवल वही भाग पृथ्वी से देखा जा सकता है। इन स्थितियों में चन्द्रमा अर्धचन्द्र कहलाता है।
3. बालचन्द्र : जब पृथ्वी और सूर्य चन्द्रमा के विपरीत ओर में होते है। पृथ्वी की ओर दिखलायी देने वाली चन्द्रमा की सतह में अन्धकार होता है। परिणामस्वरूप, हम चन्द्रमा नहीं देख पाते। इस स्थित में चन्द्रमा बालचन्द्र कहलाता है। बालचन्द्र का दिन अमावस्या भी कहलाता है।
स्थिति 4 से स्थिति 8 तक की यात्रा के समय, चन्द्रमा का चमकीला भाग छोटा होता जाता है अर्थात् चन्द्रमा क्रमशः घटता जाता है।
जब चन्द्रमा, स्थिति 1 से स्थिति 4 तक तथा 2 तथा 3 स्थितियों से गुजरता है, तब उसका चमकीला भाग और अधिक बड़ा होता जाता है अर्थात् चन्द्रमा इन स्थितियों में बढ़ता जाता है।
जब चन्द्रमा, स्थिति 1 से स्थिति 4 तक तथा 2 तथा 3 स्थितियों से गुजरता है, तब उसका चमकीला भाग और अधिक बड़ा होता जाता है अर्थात् चन्द्रमा इन स्थितियों में बढ़ता जाता है।
दो हफ़्तों की अवधि जिसमें पूर्णिमा घटते हुए अमावस्या में परिवर्तित हो जाती है, कृष्ण पक्ष कहलाती है।दो हफ़्तों की अवधि जिसमें अमावस्या का चन्द्रमा बढ़ते हुए पूर्णिमा में परिवर्तित हो जाता है, शुक्ल पक्ष कहलाता है।
FAQs
1. चन्द्रमा में कुल कितनी कलाएं होती हैं?
चन्द्रमा में कुल चार कलाएं होती हैं:
- पूर्णिमा: जब चंद्रमा पृथ्वी से सूर्य के सामने होता है, तो उसका पूरा भाग सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। इस स्थिति को पूर्णिमा कहते हैं।
- अमावस्या: जब चंद्रमा पृथ्वी के बीच में आता है और सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह से रोक लेता है, तो उसका कोई भी भाग सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित नहीं होता है। इस स्थिति को अमावस्या कहते हैं।
- चंद्रमा का प्रथम चरण: जब चंद्रमा पृथ्वी से सूर्य के आधे से कम दूरी पर होता है, तो उसका केवल एक छोटा सा भाग सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। इस स्थिति को चंद्रमा का प्रथम चरण कहते हैं।
- चंद्रमा का अंतिम चरण: जब चंद्रमा पृथ्वी से सूर्य के आधे से अधिक दूरी पर होता है, तो उसका केवल एक छोटा सा भाग सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। इस स्थिति को चंद्रमा का अंतिम चरण कहते हैं।
2. चन्द्रमा किसका चक्कर लगाते हैं?
चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह पृथ्वी के चारों ओर एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा में परिक्रमा करता है। चंद्रमा की परिक्रमा का समय लगभग 27 दिन होता है।
3. चन्द्रमा की कलाएं क्यों दिखाई देती हैं?
चंद्रमा की कलाएं पृथ्वी से सूर्य के प्रकाश के अपवर्तन के कारण दिखाई देती हैं। जब चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है, तो पृथ्वी से सूर्य का प्रकाश चंद्रमा की सतह से टकराता है और अपवर्तित होता है। इस अपवर्तन के कारण चंद्रमा की सतह पर पड़ने वाला प्रकाश हमारे पास पहुँचता है जिससे चंद्रमा को चमकीला दिखाता है।
4. चाँद रात में क्यों चमकता है?
चाँद रात में चमकता है क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है। चंद्रमा की सतह चट्टानों और धूल से बनी है, जो सूर्य के प्रकाश को अच्छी तरह से परावर्तित करती है। इसलिए, जब चंद्रमा पृथ्वी के सामने होता है, तो सूर्य का प्रकाश चंद्रमा की सतह से टकराता है और हमारे पास पहुँचता है। इस कारण से चाँद रात में चमकता हुआ दिखाई देता है।
5. क्या चाँद की अपनी रौशनी होती है?
नहीं, चाँद की अपनी रौशनी नहीं होती है। यह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करके चमकता है। इसलिए, जब चंद्रमा पृथ्वी के सामने नहीं होता है, तो यह दिखाई नहीं देता है।
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