मास्टिगोमाइकोटिना (Mastigomycotina): लक्षण, वर्ग, उदाहरण|hindi


मास्टिगोमाइकोटिना (Mastigomycotina): लक्षण, वर्ग, उदाहरण
मास्टिगोमाइकोटिना (Mastigomycotina): लक्षण, वर्ग, उदाहरण|hindi

Mastigomycotina Eumycota का sub division होता है। Eumycota को true Fungi भी कहते हैं। Mastigomycotina का Thallus coenocytic प्रकार का होता है। इसका मतलब इनके hyphae विभाजित नहीं होते हैं तथा इनमें nucleus कुछ-कुछ दूरी पर स्थित रहते हैं। इसे सामान्यतः zoosporic Fungi के रूप में जाना जाता है।

इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-
  1. इसका थैलस ज्यादातर coenocytic तथा eucarpic होते हैं। इसका मतलब यह बीच-बीच में विभाजित नहीं रहता है। 
  2. इसकी कोशिका भित्ति सेलुलोज की बनी होती है। इनमें  काइटिन अनुपस्थित होती है।
  3. यह सामान्यतः zoosporic Fungi के रूप में जाना जाता है।
  4. Mastigomycotina ज्यादातर जलीय होते हैं जबकि इनके दूसरे समूह मुख्य रूप से स्थली होते हैं। स्थलीय होने के बाद भी इनमें गतिशील zoospores बन जाते हैं जब भी पानी उपस्थित होता है।
  5. इन में मुख्यतः तीन प्रकार के zoospores पाए जाते हैं- (i) laterally biflagellate ,(ii) posteriorly Uniflagellate ,(iii) anteriorly Uniflagellate। 
  6. इनमें अलैंगिक प्रजनन Sporangia में उत्पन्न होने वाले zoospores के द्वारा होता है। यह spores - sporangiospores, motile और nonmotile प्रकार के होते हैं।
  7. यह Zoospores flagellated होते हैं। अतः यह स्वयं गति कर सकते हैं।
  8. इनमें लैंगिक जनन युग्मकों के द्वारा होता है।
  9. यह मृतोपजीवी या परजीवी के रूप में पाए जाते हैं।

Mastigomycotina को मुख्यतः तीन class में बांटा गया है-
  1. Chytridiomycetes
  2. Hyphochytriomycetes
  3. Oomycetes

Class Chytridiomycetes

इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-
  1. इनका शरीर एककोशिकीय या कोशिकाओं की संख्या की श्रेणी में होता है जोकि Rhizoids द्वारा आधार से चिपकी रहती है।
  2. इन की कोशिका भित्ति मुख्य रूप से Chitin तथा Glucans की बनी होती है।
  3. इस वर्ग के पौधों का शरीर सामान्य रूप से अगुणित होता है सिर्फ Allomyces को छोड़कर।
  4. इनमें अलैंगिक जनन zoospores के द्वारा होता है। जोकि zoosporangium में बनते हैं। यह Zoospores Uniflagellate होते हैं।
  5. इनमें लैंगिक जनन gametes के द्वारा होता है जोकि gametangia में बनने है।
  6. Fusion करके यह gametes zygote का निर्माण करते हैं। इसके बाद zygote resting period में चला जाता है। resting period के बाद यह meiosis करके नए haploid Thallus बनाते हैं।
  7. इस वर्ग के अधिकांश सदस्य जलीय होते हैं। जबकि कुछ स्थलीय तथा कुछ परजीवी होते हैं।
  8. कुछ महत्वपूर्ण परजीवी सदस्य हैं- Synchytrium endobioticum जिसके द्वारा आलू के मस्से का रोग का होता है और Physoderma maydis मक्का आदि में भूरे धब्बे का रोग फैलता हैं।
  9. Coelomomyces anophelescia मच्छरों के लार्वा पर एक एंडोपैरासाइट होता है और इसका उपयोग एनोफिलीज मच्छर के जैविक नियंत्रण के लिए किया जा सकता है।
vegetative and reproductive structures के आधार पर, Chytridiomycetes वर्ग को निम्नलिखित क्रम में विभाजित किया गया है:
  1. Order Chytridiales
  2. Order Harpochytridiales
  3. Order Blastochytridiales
  4. Order Monoblepharidales

  1. Order Chytridialesयह अब तक का सबसे बड़ा क्रम है। इसमें वर्ग के सबसे पुराने सदस्य शामिल हैं। यह अमीबा की तरह Hopping मूवमेंट के साथ तैरता है या फिर ठोस आधार पर रेंगता है।
  2. Order Harpochytridiales यह एक छोटा सा क्रम है जो दो genera Harpochytrium तथा Oedogoniomycei द्वारा दर्शाया गया है। उन्हें Harpochytriaceae परिवार में रखा गया है।
  3. Order Blastochytridiales -इसका  vegetative शरीर कवकों का बना एक जाल होता है जिसे mycelium कहते हैं। 
  4. Order Monoblepharidalesइसका शरीर भी कवकों का बना एक जाल होता है जैसा कि Blastochytridiales में था। 
इनमें लैंगिक जनन heterogamous प्रकार का होता है। जिमसें एक गतिशील नर युग्मक और एक गैर-प्रेरक मादा युग्मक के द्वारा fusion होता है।इनमें sporangia की कमी होती है।

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Class Hyphochytriomycetes

इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-

    1. इस समूह को वैकल्पिक रूप से  phylum, class, subclass या order level पर रखा जा सकता है, जिसे क्रमशः Hyphochytriomycota, Hyphochytriomycetes (or Hyphochytrea), Hyphochytriomycetidae (or Hyphochytridae) और Hyphochytriales के रूप में दिखाया जा सकता है।

    2. Hyphochytridiomycota and Hyphochytridiomycetes इन प्रकारों भी कभी-कभी प्रयोग किया जाता है। शायद Chytridiomycetes के सादृश्य द्वारा, या फिर एक टंकण त्रुटि के स्थायीकरण के कारण। 

    3. इसमें Zoospores uniflagellate होते हैं। इसका मतलब यह इसमें एक single flagella होता है जो ऊपर की तरफ होता है तथा जिसपर hair की तरह संरचना उपस्थित रहती है। इसके अंतर्गत Rhizidiomyces आता है। 

    इस वर्ग के अंतर्गत एक order आता हैं-

    Order Hyphochytriales - इसके अंतर्गत दो Family आती है -
    1. Family Hyphochytriaceae 
    2. Family Rhizidiomycetaceae

    Family Hyphochytriaceae - Family Hyphochytriaceae को तीन genus में विभाजित किया गया है-
    1. Genus Canteriomyces
    2. Genus Cystochytrium
    3. Genus Hyphochytrium

    Family Rhizidiomycetaceae - Family Rhizidiomycetaceae को भी तीन Genus में विभाजित किया गया है -
    1. Genus Latrostium
    2. Genus Reessia
    3. Genus Rhizidiomyces





    Class Oomycetes

    इसकी कुछ प्रमुख विषेशताएँ इस प्रकार हैं -

    1. इसका Vegetativeशरीर filamentous and coenocytic होता है सिर्फ एककोशिकीय Lagenidiales को छोड़कर। 

    2. इस वर्ग के सदस्य या तो holocarpic होते हैं या फिर eucarpic। वैसे इसकी अधिकांश प्रजातियां eucarpic होती हैं। 

    Holocarpic - इसका संपूर्ण थैलस जनन संरचना में परिवर्तित हो जाता है।
    Eucarpic - इसमें प्रजनन अंग केवल थैलस के एक हिस्से से ही उत्पन्न होते हैं।

    3. इसकी कोशिका भित्ति cellulose तथा glucans की बनी होती है। तथा इसमें Chitin अनुपस्थित होता है। 

    4. इसमें अलैंगिक जनन biflagellate zoospores के द्वारा होता है जो कि zoosporangia में बनते हैं।

    5. Zoosporangia - यह संशोधित hyphae होते हैं जोकि septum द्वारा आमतौर पर सीमांकित होते हैं।

    6. Zoospores mitosis करके diploid बनते हैं।

    7. इसमें zoospores biflagellate होते हैं। ऊपर वाला flagella tinsel प्रकार का होता है और नीचे वाला whiplash प्रकार का होता है। यह पौधे की पीढ़ी पर निर्भर करता है कि इसमें कौन से zoospores बनते हैं। एकल प्रकार - monomorphic या दो प्रकार के - dimorphic।

    8. इसके जीवन चक्र में दो प्रकार के zoospores बनते हैं:-

    • Primary zoospores - यह zoospores सबसे पहले बनते हैं और इनके flagella ऊपर की तरफ स्थित होते है। Primary zoospores zoosporangium से मुक्त होता है, द्वितीयक ज़ोस्पोर बनाने के लिए एनसिस्ट और अंकुरित होता है।

    • Secondary zoospores - secondary zoospore जोकि bean-shaped तथा यह laterally flagellated होता है। अर्थात इसके flagella किनारे की तरफ होते हैं।

    9. अधिकांश प्रजातियों के लिए Zooporangium और zoospores एक प्रमुख dispersal agents हैं। 


    Oomycetes में लैंगिक जनन


    1. Oomycetes में लैंगिक जनन heterogamous या oogamous प्रकार का होता है।  जिसमें oogonia (female) and antheridia (male) जनन की प्रक्रिया में भाग लेते हैं। 

    2. Female gamete (oosphere) एक oogonium द्वारा निर्मित होता है। taxon के आधार पर, एक oogonium में एक से अधिक oospheres हो सकते हैं। 

    3. Male gamete antheridium के द्वारा निर्मित होता है और युग्मक संपर्क द्वारा oogonium में स्थानांतरित हो जाता है और Male nuclei का oogonia में प्रवेश होता है तथा यह oospheres को fertilize करता है।

    4. Homothallic – यह self-fertile हो जाते हैं।  

    5. Heterothallic –इसमें जनन विपरीत जनन अंगों के बीच में होता है। 

    6. Oomycetes में तैरने वाला शुक्राणु अनुपस्थित होते है। इस प्रकार के लैंगिक जनन को  gametangial copulation कहा जाता है।

    7. antheridia और oogonia में अर्धसूत्रीविभाजन होता है। Eggs तथा sperm अर्धसूत्रीविभाजन के फलस्वरूप बनते हैं और जीवन चक्र का एकमात्र हिस्सा होते हैं जो की haploid होता हैं।

    8. Diploid zygote मोटी दीवार वाले प्रतिरोधी बीजाणुओं में विकसित होता है जो अंकुरित होते हैं और vegatative diploid hyphae को जन्म देते हैं जो zoospores के उत्पादन द्वारा अलैंगिक रूप से प्रजनन करते हैं।

    9. इसका vegetative शरीर diploid होता है तथा इसका जीवन चक्र diplontic होता है। इसका प्रमुख उदाहरण Pythium है।  



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