रासायनिक समीकरण (Chemical Equation) : परिभाषा, उदाहरण, कमियां
रासायनिक समीकरण (Chemical Equation) की परिभाषा
रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक (reactants) तथा उसके फलस्वरूप बनने वाले पदार्थों को क्रियाफल पदार्थ या उत्पाद (products) कहते हैं।वह समीकरण जो किसी रासायनिक अभिक्रिया को अभिकारकों तथा उत्पादों के संकेतों व सूत्रों की सहायता से संक्षेप में प्रदर्शित करती है रासायनिक समीकरण कहलाती है।
उदाहरण के लिए -
सोडियम क्लोराइड व सिल्वर नाइट्रेट की अभिक्रिया को निम्नलिखित समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
रासायनिक समीकरण में अभिकारकों के संकेत व सूत्र बराबर या तीर के चिन्ह के बायीं ओर तथा उत्पादों के संकेत व सूत्र बराबर या तीर के चिन्ह के दायीं ओर लिखते हैं।
रासायनिक समीकरणों को सन्तुलित करना
किसी भी रासायनिक समीकरण का सन्तुलित होना आवश्यक है। सन्तुलित रासायनिक समीकरण में तीर के चिन्ह के दोनों ओर विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्यायें समान होती हैं। रासायनिक समीकरणों को सन्तुलित करने की दो विधियाँ प्रमुख हैं-- अनुमान विधि (By hit and trial)
- आंशिक समीकरणों द्वारा (By using partial equations)
(i) अनुमान विधि (By hit and trial)—सरल रासायनिक समीकरणों को प्रायः अनुमान विधि द्वारा संतुलित करते है। इस विधि में कुछ संकेतों या सूत्रों के पहले अनुमान से कुछ ऐसी संख्याएँ लिखते हैं ताकि तीर के चिन्ह के दोनों ओर विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्याएँ समान हो जायें।
उदाहरण के लिए -
H2 + Cl2 → HCI (असन्तुलित समीकरण)
H2 + Cl2 → 2HCl (सन्तुलित समीकरण)
रासायनिक समीकरणों को अनुमान विधि द्वारा संतुलित करने के लिए सामान्यतः सबसे पहले सबसे जटिल अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या को संतुलित करते हैं (start with the most complicated molecule)।
H2 + Cl2 → HCI (असन्तुलित समीकरण)
H2 + Cl2 → 2HCl (सन्तुलित समीकरण)
रासायनिक समीकरणों को अनुमान विधि द्वारा संतुलित करने के लिए सामान्यतः सबसे पहले सबसे जटिल अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या को संतुलित करते हैं (start with the most complicated molecule)।
उदाहरण के लिए -
C2H5OH + O2 → CO2 + H2O
उपरोक्त समीकरण को संतुलित करने के लिए सर्वप्रथम सबसे जटिल अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या को क्रम से संतुलित करते हैं।
कार्बन की संख्या संतुलित करने पर-
C2H5OH + O2 → 2CO2 + H2O
हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या संतुलित करने पर-
हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या संतुलित करने पर-
C2H5OH + O2 → 2CO2 + 3H20
ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या संतुलित करने पर, संतुलित समीकरण प्राप्त हो जाती है
C2H5OH + 3O2 → 2CO2 + 3H2O
(ii) आंशिक समीकरणों द्वारा (By using partial equations) — प्राय: जटिल समीकरणों को इस विधि द्वारा सन्तुलित किया जाता है। इस विधि में निम्नलिखित पद (steps) क्रमवार प्रयुक्त करते हैं-
(a) सर्वप्रथम जटिल समीकरण को दो या दो से अधिक भागों में विभक्त कर लिया जाता है। उदाहरण के लिए- जब क्लोरीन गैस कॉस्टिक सोडा (NaOH) के ठण्डे व तनु विलयन से क्रिया करती है तो सोडियम क्लोराइड, सोडियम हाइपोक्लोराइट और जल प्राप्त होते हैं।
Cl2 + NaOH → NaCl + NaClO + H2O
इस समीकरण को 3 सरल पदों में विभक्त कर लेते हैं-
ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या संतुलित करने पर, संतुलित समीकरण प्राप्त हो जाती है
C2H5OH + 3O2 → 2CO2 + 3H2O
(ii) आंशिक समीकरणों द्वारा (By using partial equations) — प्राय: जटिल समीकरणों को इस विधि द्वारा सन्तुलित किया जाता है। इस विधि में निम्नलिखित पद (steps) क्रमवार प्रयुक्त करते हैं-
(a) सर्वप्रथम जटिल समीकरण को दो या दो से अधिक भागों में विभक्त कर लिया जाता है। उदाहरण के लिए- जब क्लोरीन गैस कॉस्टिक सोडा (NaOH) के ठण्डे व तनु विलयन से क्रिया करती है तो सोडियम क्लोराइड, सोडियम हाइपोक्लोराइट और जल प्राप्त होते हैं।
Cl2 + NaOH → NaCl + NaClO + H2O
इस समीकरण को 3 सरल पदों में विभक्त कर लेते हैं-
Cl2 + H2O → HCI + HClO
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HClO + NaOH → NaCIO+H2O
(b) इन आंशिक समीकरणों को उचित पूर्णांकों से गुणा कर देते हैं ताकि उन पदार्थों के अणुओं की संख्या जो मूल समीकरण में प्रदर्शित नहीं हैं, प्रत्येक समीकरण में बराबर हो जाये।
उपरोक्त आंशिक समीकरणों में HCI व HCIO माध्यमिक यौगिक हैं। HCI अणुओं की संख्या पहली व दूसरी आंशिक समीकरण में तथा HCIO अणुओं की संख्या पहली व तीसरी आंशिक समीकरण में समान है। अतः इस दशा में आंशिक समीकरणों को किसी भी संख्या से गुणा करना आवश्यक नहीं है।
(c) अब इन आंशिक समीकरणों को जोड़ देते हैं।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HClO + NaOH → NaCIO+H2O
(b) इन आंशिक समीकरणों को उचित पूर्णांकों से गुणा कर देते हैं ताकि उन पदार्थों के अणुओं की संख्या जो मूल समीकरण में प्रदर्शित नहीं हैं, प्रत्येक समीकरण में बराबर हो जाये।
उपरोक्त आंशिक समीकरणों में HCI व HCIO माध्यमिक यौगिक हैं। HCI अणुओं की संख्या पहली व दूसरी आंशिक समीकरण में तथा HCIO अणुओं की संख्या पहली व तीसरी आंशिक समीकरण में समान है। अतः इस दशा में आंशिक समीकरणों को किसी भी संख्या से गुणा करना आवश्यक नहीं है।
(c) अब इन आंशिक समीकरणों को जोड़ देते हैं।
Cl2 + H2O + HClO + HCI + 2NaOH → NaClO+ NaCl + HCl + HCIO + 2H2O
Cl2 + 2NaOH → NaCl + NaClO + H2O
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रासायनिक समीकरण से प्राप्त जानकारी
किसी रासायनिक समीकरण से हमें निम्नलिखित तथ्यों की जानकारी प्राप्त होती है-- रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
- रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप बनने वाले पदार्थों का ज्ञान हो जाता है।
- अभिकारकों तथा उत्पादों के परमाणुओं तथा अणुओं की संख्याओं का आपेक्षिक अनुपात ज्ञात हो जाता है।
- अभिकारकों तथा उत्पादों के द्रव्यमानों के आपेक्षिक अनुपात ज्ञात हो जाते है।
- रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने अथवा उसके फलस्वरूप बनने वाले गैसीय पदार्थों के आयतन ज्ञात हो जाते हैं। (यदि किसी तत्व या यौगिक के अणु भार को ग्राम में प्रदर्शित किया जाये तो वह उसका ग्राम-अणु भार कहलाता है। सामान्य ताप व दाब पर किसी गैस के एक ग्राम-अणु भार जितनी मात्रा का आयतन 22.4 लिटर होता है।)
उदाहरण के लिए —
रासायनिक समीकरण 3Mg + N2 → Mg3 N2 से निम्नलिखित जानकारी प्राप्त होती है-
- रासायनिक अभिक्रिया में मैग्नीशियम (Mg) तथा नाइट्रोजन (N2) भाग लेते हैं।
- रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप मैग्नीशियम नाइट्राइड (Mg3N2) बनता है।
- रासायनिक अभिक्रिया में मैग्नीशियम के 3 परमाणु नाइट्रोजन के 1 अणु से संयुक्त होकर मैग्नीशियम नाइट्राइड का एक अणु बनाते हैं।
- मैग्नीशियम का परमाणु भार 24 व नाइट्रोजन का परमाणु भार 14 है। अतः रासायनिक अभिक्रिया में अधिकारक (Mg व N2) तथा उत्पाद (Mg3N2 ) के द्रव्यमानों का अनुपात इस प्रकार होगा-
3Mg + N2 → Mg3 N2
3 x 24 + 2x14 3 x 24 + 2x14
= 72 ग्राम = 28 ग्राम = 100 ग्राम
- नाइट्रोजन का अणु भार 2x14 = 28 है। अतः इसका ग्राम-अणु भार 28 ग्राम है। अत: इसके 28 ग्राम का N.T.P. पर आयतन 22-4 लिटर होगा। अतः N.T.P. पर 72 ग्राम मैग्नीशियम 22.4 लिटर नाइट्रोजन से अभिक्रिया करेगा।
उदाहरण के लिए -
BaCl2 (aq) + H2SO4 (aq) → BaSO4 (s) + 2HCl (aq)
BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 ↓ + 2HCI
CaCO3 → CaO + CO2↑
CaCO3 (s) → CaO (s) + CO2 (g)
रासायनिक समीकरण की कमियां
रासायनिक समीकरण से अभिक्रिया से सम्बन्धित अनेक तथ्यों की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है। जिसके कारण रासायनिक समीकरण में भी कई कमियाँ पाई जाती हैं जिनका वर्णन निम्नलिखित हैं-- रासायनिक समीकरण से अभिक्रिया के सम्पादन के लिये आवश्यक ताप, दाब तथा उत्प्रेरक का ज्ञान नहीं होता है।
- रासायनिक समीकरण से अभिकारकों के सान्द्रण तथा अभिक्रिया के पूर्ण होने में लगे समय का ज्ञान नहीं होता है।
- रासायनिक समीकरण द्वारा क्रिया की गति का आभास नहीं होता है।
- क्रिया में प्रकाश, ऊष्मा अथवा ध्वनि आदि ऊर्जायें उत्पन्न होती हैं या नहीं, इसकी जानकारी भी रासायनिक समीकरण से प्राप्त नहीं होती है।
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