इलेक्ट्रॉनिक विन्यास(Electronic configuration) | hindi


इलेक्ट्रॉनिक विन्यास(Electronic configuration)


किसी तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है-

इलेक्ट्रॉन परमाणु के चारों और निश्चित वृत्तीय पदों पर चक्कर लगाते रहते हैं इन पदों को कक्षाएं कहते हैं। परमाणु की कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों के वितरण को परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) कहते हैं। परमाणु की कक्षा में इलेक्ट्रॉनों के इस वितरण को ज्ञात करने के लिए  सन 1921 में वैज्ञानिक बोर(Bohr) तथा बरी(Barry) ने एक योजना प्रस्तुत की थी जिसे बोर-बरी योजना(Bohr-Burry Scheme) कहते हैं।

तत्व के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को लिखने के लिए बोर-बरी ने कुछ नियम दिए थे जो इस प्रकार हैं-

1. किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निकालने के लिए उस तत्व के परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या ज्ञात करना।

2. इन इलेक्ट्रॉनों को 2n² नियम के अनुसार ज्ञात करेंगे जहां n उस कक्षा की क्रम संख्या है। पहली कक्षा के लिए n=1 तथा इस कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2×1²=2 होती है। दूसरी कक्षा के लिए n=2 तथा इस कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2×2²=8 होती है। इसी प्रकार तीसरी और चौथी कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या क्रमशः 18 और 32 होती है।

3. सबसे बाहर की कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 से अधिक तथा इससे पहले वाले कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 18 से अधिक नहीं हो सकती है उदाहरण के लिए पोटैशियम का परमाणु क्रमांक 19 होता है जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,9 नहीं हो सकता है।

4. परमाणु के प्रथम कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या दो होती है जो दो इलेक्ट्रॉनों के भरने के बाद द्वितीय कक्षा में इलेक्ट्रॉन भरने शुरू हो जाते हैं इसके बाद किसी भी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन भरने के बाद उसकी अगली कक्षा में इलेक्ट्रॉन भरने लगते हैं।

5. सबसे बाहर के कक्षा (outermost orbit) में 2 से अधिक इलेक्ट्रॉन तभी हो सकते हैं जबकि सबसे बाहर से पहले वाली कक्षा (penultimate Orbit) में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2n² नियम के अनुसार अधिकतम हो जाए। उदाहरण के लिए टाइटेनियम का परमाणु क्रमांक 22 होता है और जब इसके इलेक्ट्रॉन कक्षा में भरने शुरू होते हैं तो पहली कक्षा में 2 इलेक्ट्रॉन आते हैं दूसरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रान, इसके बाद तीसरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन भरने शुरू हो जाते हैं। तीसरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन भरने के बाद 2 इलेक्ट्रॉन बचते हैं। चौथी कक्षा में 2 से अधिक इलेक्ट्रॉन नहीं हो सकते है चूंकि तीसरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन है तथा 2n² नियम के अनुसार इसमें अधिकतम अट्ठारह इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं तो बचे हुए 2 इलेक्ट्रॉन तीसरी कक्षा में जाते हैं इस प्रकार टाइटेनियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,10,2होता है।

6. सबसे बाहर से पहली वाली कक्षा में 8 से अधिक इलेक्ट्रॉन तभी हो सकते हैं जब उससे पहले वाले कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2n² नियम के अनुसार अधिकतम हो जाए। उदाहरण के लिए टाइटेनियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास।


इलेक्ट्रॉनिक विन्यास(Electronic configuration) | hindi
कुछ तत्वों के electronic विन्यास 


बोर बरी योजना के अपवाद (Exceptions to Bore Bury Scheme)

कुछ तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) बोर बरी योजना के अनुसार लिखे गए इलेक्ट्रॉनिक विन्यास हैं उदाहरण के लिए क्रोमियम जिसका परमाणु क्रमांक 24 है तथा कॉपर जिसका परमाणु क्रमांक 29 है के वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास उनके बोर बरी योजना के अनुसार ज्ञात किए गए इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से भिन्न है।

बोर बरी योजना के अनुसार क्रोमियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,12,2 है जबकि क्रोमियम का वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,13,1 है। इसी प्रकार बोर बरी योजना के अनुसार कॉपर का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,17,2 है जबकि कॉपर का वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,18,1 है।

परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic  Configuration) निकालने के लिए बोर बरी द्वारा दिए गए योजना में भी कई कमियां है लेकिन इनसे हमें यह जाने को मिलता है कि परमाणु क्रमांक को जानकर हम उस परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किस प्रकार कर सकते हैं तथा प्रत्येक कक्षा में इलेक्ट्रॉनों को किस प्रकार भर सकते हैं यदि कुछ अपवादों को छोड़ दे तो।



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