इलेक्ट्रॉन,प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की खोज(Discovery of e-, p+, n)|Hindi


इलेक्ट्रॉन,प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की खोज(Discovery of e-, p+, n)|Hindi

परमाणु के मूल कण(Basic particle of an atom)
परमाणु के तीन मूल कण होते हैं इलेक्ट्रान ,प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन। इन कणों के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं -

इलेक्ट्रॉन ,प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की खोज(Discovery of electron protons and neutrons)
इलेक्ट्रॉन,प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की खोज(Discovery of e-, p+, n)|Hindi
इलेक्ट्रॉन की खोज(Discovery of Electron)
इलेक्ट्रॉन की खोज सर जे जे टॉमसन ने की थी। उन्होंने पाया कि कैथोड किरणें ऋणावेशित गतिमान कणों से निर्मित है। इन कणों का द्रव्यमान बहुत कम होता है जो कि हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान का 1 / 1837 वे भाग के बराबर था। जे जे स्टोने इन ऋणावेशित कणों का नाम इलेक्ट्रॉन दिया गया। इसके बाद टॉमसन ने प्रतिपादित किया कि इलेक्ट्रॉन पदार्थ का महत्वपूर्ण संघटक है।एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान= 9.108 ×10‐³¹kg=9.108×10-²⁸g   तथा एक इलेक्ट्रान पर आवेश= 1.602×10‐¹⁹कूलाॅम होता है।

प्रोटॉन की खोज (Discovery of Proton)
जे जे थॉमसन ने एनोड किरणों की खोज की और पाया कि एनोड किरणें धन आवेशित होती हैं या धन आवेशित कणों से निर्मित होती है। यह धन आवेशित कण इलेक्ट्रॉन से अधिक भारी थे। 1866 में गोल्डस्टाइन ने पाया कि एनोड किरणों में धन आवेशित बड़ों का आदेश व द्रव्यमान किरण विसर्जित नली में हाइड्रोजन गैस पर निर्भर करता है। जब किरण विसर्जित मेले में हाइड्रोजन गैस का प्रयोग किया जाता है तब एनोड किरणों के कारणों को प्रोटॉन नाम दिया गया। हाइड्रोजन के नाभिकीय में केवल एक ही प्रोटॉन रहता है। प्रोटॉन का द्रव्यमान है 1.676×10-²⁷kg तथा प्रोटॉन पर आवेश 1.602×10-¹⁹कूलाॅम होता है।

न्यूट्रॉन की खोज(Discovery of Neutron)

1920 ईस्वी तक परमाणु को केवल इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन से निर्मित पाया गया। बाद में रदरफोर्ड ने पाया कि केवल हाइड्रोजन के परमाणु को छोड़कर अन्य परमाणु का द्रव्यमान केवल प्रोटोन के आधार पर अनुमान से अधिक है। अतः रदरफोर्ड ने परमाणु के अन्य प्रकार के कणों का अनुमान लगाया। उन्होंने यह अनुमान लगाया कि नया कण वैद्युत रूप से उदासीन होगा तथा  इसका द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर होगा। बाद में 1932 में चैडविक नामक वैज्ञानिक ने परमाणु के अंदर इन उदासीन कणों की उपस्थिति को खोजा और इन कणों को न्यूट्रॉन नाम दिया।न्यूट्रॉन का द्रव्यमान=1.676×10-²⁷kg तथा न्यूट्रॉन पर आवेश शून्य होता है अर्थात यह वैद्युत रूप से उदासीन होता है|
परमाणु के मूल कणों के द्रव्यमान यह स्पष्ट करते हैं कि इलेक्ट्रॉन ,प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन अति सूक्ष्म कण है। परमाणु के मूल कणों के अपेक्षित द्रव्यमान यह प्रदर्शित करते हैं कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग बराबर होते हैं तथा इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमान की तुलना में नगण्य होता है।
इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के आवेश परिमाण में समान तथा प्रकृति में विपरीत होते हैं। इलेक्ट्रॉन का आवेश -1.602×10‐¹⁹कूलाॅम तथा प्रोटोन का आवेश +1.602×10‐¹⁹कूलाॅम होता है। चूँकि इनसे कम आवेश किसी भी कण पर नहीं पाया गया है तो इनके आवेशों को क्रमशः इकाई ऋणावेश तथा इकाई धनावेश कहते हैं। यही परमाणु के मूल कणों के संबंध में कुछ जानकारियां हैं जिनसे इनके आवेश तथा द्रव्यमान का पता चलता है।


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