परमाणु(Atom):-परमाणु की परिभाषा तथा विभिन्न मॉडल


परमाणु(Atom)

परमाणु(Atom):-परमाणु की परिभाषा  तथा विभिन्न मॉडल

परमाणु की परिभाषा (Definition of atom)
परमाणु पदार्थ के सबसे छोटे छोटी इकाई है जो विभिन्न विभिन्न अभिक्रियाओं में भाग लेती है। विभिन्न तत्वों के परमाणु एक दूसरे से अपने गुण धर्मों के आधार पर भिन्न होते हैं। इन कणों को डाल्टन ने योगिक परमाणु कहा गया तथा अन्य वैज्ञानिकों ने इसे अणु कहा गया।अतः ऐसा कहा जा सकता है कि  परमाणु की खोज जॉन डाल्टन  ने सन् 1808 में की थी। यह एक गणितज्ञ तथा रासायनिक वैज्ञानिक थे जिन्होंने सबसे पहले यह बताया कि पदार्थ छोटे छोटे कणों से मिलकर बने होते हैं जिसे अणु कहते हैं। अणु प्रकृति में स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं और पदार्थों की विभिन्न विशेषताओं को भी दर्शाते हैं। अतः यह प्रस्तावित किया गया कि परमाणु जो है वह पदार्थ के बुनियादी खंड हैं। सभी तत्वों के परमाणु तथा तटस्थ होते हैं आता तो उन पर किसी भी प्रकार का वैद्युत आवेश नहीं होता है।

परमाणु का मॉडल (Model of atom)
परमाणु का मॉडल किसी व्यक्ति द्वारा विकसित नहीं किया गया है। कई दशकों से अनेक दार्शनिक और वैज्ञानिक परमाणु का मॉडल विकसित करने का प्रयास कर रहे थे। जिनमें से महर्षि कनाद ,ग्रीक ,जॉन डाल्टन तथा जे जे टाॅमसन प्रमुख थे। इन्होंने परमाणु के संदर्भ में अपने कई विचार प्रस्तुत किए जो इस प्रकार है

महर्षि कनाद द्वारा प्रस्तावित परमाणु —मॉडल(Atomic-model proposed by Maharishi Canada)
महर्षि कनाद जोकि वैदिक युग के महान रचित है उन्होंने यह बताया कि यदि शुद्ध पदार्थ को छोटे-छोटे कणों में तोड़ा जाए तब एक समय ऐसा आएगा जब यह कण अविभाज्य हो जाएंगे। उन्होंने शुद्ध पदार्थ के इस अंतिम सूक्ष्म कण को अणु नाम दिया और यह बताया कि किसी पदार्थ के प्रत्येक अणु में समान गुण होते हैं। उनका ऐसा मानना था कि प्रत्येक अणु पुनः दो या दो से अधिक सूक्ष्म कणों से निर्मित हो सकता है। उन्होंने इन सूक्ष्म कणों को परमाणु नाम दिया। उनके अनुसार परमाणु पदार्थ की सबसे छोटी इकाई होती है।

जॉन डाल्टन द्वारा प्रस्तावित परमाणु —मॉडल(Atomic model proposed by John Dalton)
कई प्रायोगिक परिणामों के आधार पर एक अंग्रेज स्कूल शिक्षक जॉन डाल्टन ने 1805 में परमाणु का मॉडल प्रस्तावित किया था जिसे डाल्टन के परमाणविक सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। डाल्टन के परमाणविक सिद्धांत द्वारा प्रतिपादित विधारा अवधारणाएं इस प्रकार हैं

• सभी तत्व अति सूक्ष्म कणों से मिलकर बने हैं जो परमाणु कहलाते हैं।
• परमाणु ना तो विभाजित होते हैं और ना ही एक दूसरे में रूपांतरित होते हैं।
• परमाणुओं का ना तो सृजन किया जा सकता है और ना ही विनाश किया जा सकता है।
• किसी भी तत्व के सभी परमाणु समान तथा अन्य तत्वों के परमाणुओं से भिन्न होते हैं।
• योगिक परमाणुओं के निर्माण हेतु परमाणु पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोजन करते हैं। किसी विशिष्ट तत्व की योगिक परमाणु के गुण धर्म समान तथा अन्य पत्रों तत्वों से से भिन्न होते हैं।


जे जे टॉमसन द्वारा प्रस्तावित परमाणु का-मॉडल(Model of atom proposed by JJ Tomson)
1898 में जे जे टॉमसन ने एक परमाणु का मॉडल प्रस्तावित किया जिसे प्लम पुडिंग मॉडल नाम से जाना गया। इस मॉडल के अनुसार परमाणु एक समान रूप से वितरित धन आवेशित कणों का गोला है जिसमें इलेक्ट्रॉन उसी प्रकार जुड़े रहते हैं जिस प्रकार खीर में किशमिश। परमाणु में इलेक्ट्रॉन के कारण कुल धनात्मक आवेश कुल रण आत्मक आवेश के बराबर होता है।



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