समस्थानिक और समभारिक(Isotopes and Isobars)
समस्थानिक(Isotopes)
मोजले ने सन 1913 में यह बताया कि परमाणुओं में उपस्थित रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांक पर निर्भर करते हैं। प्रत्येक तत्व का परमाणु क्रमांक निश्चित एवं स्थिर होता है। एक ही तत्व की विभिन्न परमाणुओं के परमाणु क्रमांक सम्मान तथा विभिन्न परमाणुओं के परमाणु क्रमांक भिन्न होते हैं। इसी प्रकार एक ही तत्व के विभिन्न परमाणुओं की द्रव्यमान संख्याएं भिन्न हो सकती हैं। तो ,एक ही तत्व के परमाणु जिनके परमाणु क्रमांक समान परंतु द्रव्यमान संख्याएं भिन्न होती हैं, एक दूसरे के समस्थानिक (Isotopes) कहलाते हैं।- किसी तत्व के सभी समस्थानिकों की परमाणु संख्या एक समान होती है अतः उस तत्व के सभी समस्थानिकों में प्रोटॉन की संख्या भी समान होगी।
- किसी तत्व के विभिन्न समस्थानिकों की द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है अतः उस तत्व केसमस्थानिकों में न्यूट्रॉन की संख्या भी भिन्न होगी।
समस्थानिकों की द्रव्यमान संख्या को तत्वों के संकेत के बायीं ओर लिखते हैं और संकेत के बाई और नीचे उसकी परमाणु संख्या लिखते हैं।
उदाहरण के लिए, X- तत्व का समस्थानिक इस प्रकार लिखा जाएगा-3
(A)द्रव्यमान संख्या
X
(Z)परमाणु संख्या
- हाइड्रोजन तत्व के तीन समस्थानिक हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या 1,2 और 3 है किंतु सभी की परमाणु संख्या एक के बराबर है।
- इसी प्रकार क्लोरीन के दो समस्थानिक होते हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या 35 और 37 है। क्लोरीन के दोनों समस्थानिकों की परमाणु संख्या 17 होती है।
- कार्बन के तीन समस्थानिक होते हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या 12 13 और 14 है। इन्हें हम कार्बन 12, कार्बन 13 तथा कार्बन 14 के नाम से जानते हैं। इन सभी समस्थानिकों की परमाणु संख्या 6 होती है।
- ऑक्सीजन के भी तीन समस्थानिक होते हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या 16 ,17 तथा 18 होते हैं। यह ऑक्सीजन-16 ,ऑक्सीजन-17 तथा ऑक्सीजन-18 कहलाते हैं। ऑक्सीजन के तीनों समस्थानिकों की परमाणु संख्या 8 होती हैं।
समस्थानिक की विशेषताएं (characteristics of Isotopes)
- यह एक ही तत्व के परमाणु होते हैं।
- इनका आवर्त सारणी में स्थान समान होता है।
- इनमें प्रोटॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या है संख्याएं समान होती है परंतु न्यूट्रॉनो की संख्याएं अलग-अलग होती है।
- इनके रासायनिक गुण समान होते हैं परंतु इनके भौतिक गुण भिन्न होते हैं।
समभारिक(Isobars)
किसी तत्व के वे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्याएं समान तथा उनके परमाणु क्रमांक भिन्न होते हैं वे एक दूसरे के समभारिक(Isobars) कहलाते हैं।चूँकि किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या तथा उसका परमाणु भार लगभग बराबर होते हैं अतः समभारिकों की एक पूर्ण परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है कि- वे परमाणु जिनके परमाणु भार लगभग एक समान तथा परमाणु क्रमांक भिन्न होते हैं एक दूसरे के समभारिक(Isobars) कहलाते हैं। इससे यह स्पष्ट है कि समभारिक परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्याएं भिन्न होती है।
समभारिक तत्वों के कई उदाहरण हैं जो इस प्रकार है-
- आर्गन (Ar-40) तथा कैल्शियम (Ca-40) दो भिन्न परमाणु हैं। इनके परमाणु क्रमांक क्रमशः 18 और 20 हैं तथा इनकी द्रव्यमान संख्या 40 है। अतः यह परमाणु एक दूसरे के समभारिक(Isobars) हैं।
- C-14 तथा N-14 क्रमशः कार्बन और नाइट्रोजन के परमाणु हैं। इनकी द्रव्यमान संख्या 14 है तथा परमाणु क्रमांक भिन्न (क्रमशः 6 और 7) हैं अतः यह परमाणु एक दूसरे के समभारिक(Isobars) हैं।
समभारिक(Isobars) की विशेषताएं
- समभारिकों के परमाणु क्रमांक भिन्न तथा द्रव्यमान संख्याएं समान होती हैं।
- समभारिकों में इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्याएं भिन्न होती हैं।
- समभारिकों के परमाणु भार लगभग एक समान होते हैं।
- परमाणु क्रमांक भिन्न होने के कारण समभारिकों के रासायनिक व भौतिक गुण भिन्न होते हैं।
- आवर्त सारणी में समभारिकों का स्थान भिन्न होता हैं।
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