बीजाण्ड क्या होता है?
प्रत्येक अण्डप (carpel) में एक उसका निचला भाग फूला हुआ होता है जिसे अण्डाशय (ovary) कहते है। इसके ऊपर एक पतली नली के समान रचना होती है जिसे वर्तिका (style) कहते हैं तथा इसके ऊपर एक घुण्डी के समान रचना होती है जिसे वर्तिकाग्र (stigma) कहते है। यह पुष्प का मादा जननांग होता है। कुछ पौधों में जायांग (gynoecium) एक अण्डप तथा कुछ पौधों में यह एक से अधिक अण्डपों का बना होता है। ovary के अन्दर बहुत-सी छोटी-छोटी गोलाकार रचनाएँ पायी जाती हैं जिसे बीजाण्ड या महाबीजाणुधानियाँ (ovules or megasporangia) कहते हैं।
बीज क्या होता है?
फूलों में द्वि-निषेचन (double fertilization) की क्रिया के फलस्वरूप बीजाण्ड में बहुत से परिवर्तन होते हैं जिनसे बीजाण्ड बीज में परिवर्तित हो जाता है। बीजाण्ड में बाहर की ओर के integument सूख जाते हैं। जिससे बाहर का integument सख्त व चपटा होकर बीज के बीजचोल (testa) का निर्माण करता है तथा अंदर का integument अन्तः कवच या टेगमेन (tegmen) बनाता है। जिस स्थान पर बीजाण्ड बीजाण्डवृन्त से जुड़ता है वह स्थान एक चिन्ह नाभिका (hilum) के रूप में बीजावरण पर रहता है।
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बीजाण्ड (Ovule) तथा बीज (Seed) में अंतर
- बीजाण्ड, वास्तव में अण्डाशय में निषेचन से पूर्व पाये जाने वाली महाबीजाणुधानी होती है। जबकि बीज का निर्माण फल में होता है। बीजाण्ड ही निषेचन के बाद बीज में बदलता है।
- बीजाण्ड चारों ओर से एक या दो आवरण द्वारा घिरा रहता हैं। जबकि बीज के चारों ओर बीजावरण होता है। इसमें बाह्य आवरण को बीजचोल (testa) तथा भीतरी आवरण को अन्तःकवच (tegmen) कहते हैं। इनका निर्माण बीजाण्ड के आवरणों के सूख जाने से होता है।
- बीजाण्ड में भ्रूणकोष होता है। जबकि बीज में भ्रूणकोष नहीं होता है।
- बीजाण्ड में मुख्य ऊतक बीजाण्डकाय (nucellus) होता है। जबकि बीज में बीजाण्डकाय या तो अनुपस्थित होता है अथवा पतली परत के रूप में उपस्थित होता है जिसे पेरीस्पर्म (perisperm) कहते हैं।
- बीजाण्ड में भ्रूण (embryo) नहीं होता है। जबकि बीज में भ्रूण होता है।
- बीजाण्ड में भ्रूणपोष नहीं होता है। जबकि बीज में भ्रूणपोष हो सकता है।
- बीजाण्ड का अंकुरण नहीं हो सकता है। जबकि बीज उचित परिस्थितियों में अंकुरित होकर एक नया पौधा बनाता है।
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