पाचन तन्त्र की कार्यिकी (Physiology of Digestive System): भौतिक तथा रासायनिक प्रक्रिया
पाचन की परिभाषा (Definition of Digestion)
आहारनाल में भोजन में उपस्थित जटिल, अघुलनशील पोषक पदार्थों को शरीर की कोशिकाओं में खपने के लिए सरल, घुलनशील एवं विसरणशील पदार्थों में बदलने की क्रिया को भोजन का पाचन कहते हैं।पाचन की विधि (Mechanism of Digestion)
भोजन के पाचन में निम्न प्रकार की कुछ भौतिक तथा कुछ रासायनिक प्रक्रियाएँ होती हैं -1. भौतिक प्रक्रियाएँ (Physical Processes)
इनमें भोजन ग्रहण, इसे चबाना, निगलना, पीसना, मथना, कुचलना, आहारनाल में इसे आगे खिसकाना, पाचक रसों में इसे भली-भाँति सानना आदि यान्त्रिकीय (mechanical) प्रक्रियाएँ आती हैं।
2. रासायनिक प्रक्रियाएँ (Chemical Processes)
भोजन में macronutrients जैसे-कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, लिपिड्स बड़े-बड़े, अघुलनशील और जटिल गुरुअणुओं या बहुलकों अर्थात् पोलीमर्स (macromolecules or polymers) के रूप में होते हैं। इन गुरुअणुओं में इनकी छोटी संघटक इकाइयाँ अर्थात् एकलकों या मोनोमर्स (monomers) निर्जलीकरण बन्धों (anhydro-bonds) द्वारा परस्पर जुड़े होते हैं। अतः जल से प्रतिक्रिया (reaction) होने पर ये जटिल अणु वापस अपने एकलकों अर्थात् मोनोमर्स में टूट जाते हैं। यही इनका पाचन कहलाता है।
स्पष्ट है कि, रासायनिक स्तर पर, पाचन जल अपघटन (hydrolysis) द्वारा होता है। इसके फलस्वरूप बने एकलक या मोनोमर सरल, घुलनशील एवं विसरणशील (diffusible) अणु होते हैं। पोषक पदार्थों के इस विखण्डन में इनमें संचित विभव ऊर्जा (potential energy) की बहुत ही कम मात्रा (केवल 0.3%) की छीजन होती है।
मनुष्य के पाचन तंत्र के बारे में नीचे के पोस्ट में पढ़े। ↴
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