लेंसों द्वारा प्रतिबिंब का बनना तथा उसके नियम(Formation of Images in hindi)


लेंसों द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Formation of Images by Lenses)


लेंस पदार्थ से आते प्रकाश के अपवर्तन (Refraction of Light) के कारण प्रतिबिंब बनाते हैं।

प्रतिबिंबों के प्रकार (Types of Images)

जब प्रकाश का लेंसों द्वारा अपवर्तन अथवा दर्पण द्वारा परावर्तन होता है तब दो प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं:
  • वास्तविक प्रतिबिंब (Real reflection) : जब प्रकाश की किरणें दर्पण द्वारा परावर्तित होकर अथवा लेंस द्वारा अपवर्तित होकर किसी बिंदु पर वास्तव में मिलती हैं तब वास्तविक प्रतिबिंब बनता है। वास्तविक प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। अतः जो प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त किया जा सके वह वास्तविक प्रतिबिंब कहलाता है।
  • आभासी प्रतिबिंब (Virtual image) : जब प्रकाश की किरणें दर्पण द्वारा परावर्तित होकर अथवा लेंस द्वारा अपवर्तित होकर किसी बिंदु पर मिलती हुई प्रतीत होती है तब आभासी प्रतिबिंब बनता है। आभासी प्रतिबिंब केवल दर्पण अथवा लेंस द्वारा देखा जा सकता है लेकिन पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता। अतः ऐसा प्रतिबिंब जो केवल दर्पण अथवा लेंस द्वारा ही देखा जा सके किंतु पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सके ,आभासी प्रतिबिंब कहलाता है।



लेंसों द्वारा प्रतिबिंब बनाने के नियम (Rules of the Formation of Images by Lenses)

प्रकाश की किरणें जो लेंस के आगे किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनाते हैं निम्नलिखित नियमों का अनुपालन करती हैं:

1. प्रकाश की किरण जो मुख्य अक्ष के समानांतर आती हैं, उत्तल लेंस से अपवर्तन के बाद लेंस की फोकस से होकर गुजरती हैं।
लेंसों द्वारा प्रतिबिंब का बनना तथा उसके नियम(Formation of Images in hindi)


2. लेंस के प्रकाश केंद्र से गुजरने वाली प्रकाश की किरण अपवर्तन के पश्चात बिना किसी विचलन के सीधे निकल जाती है।
लेंसों द्वारा प्रतिबिंब का बनना तथा उसके नियम(Formation of Images in hindi)

3. किसी वस्तु से आती हुई प्रकाश की किरण उत्तल लेंस की फोकस से अपवर्तन के बाद उसके मुख्य अक्ष के समानांतर निकल जाती है।
लेंसों द्वारा प्रतिबिंब का बनना तथा उसके नियम(Formation of Images in hindi)

उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Image Formation by a Convex Lens)

उत्तल लेंस द्वारा विरचित प्रतिबिंब की प्रकृति लेंस के प्रकाश बिंदु से वस्तु की दूरी पर आधारित होती है।

1. जब वस्तु अनंत दूरी पर हो : माना कि एक वस्तु OO' अनंत पर लेंस की मुख्य अक्ष पर स्थित है। वस्तु के ऊपरी बिंदु O' से चलने वाली दो किरणें लेते हैं। चूँकि बिंदु O' अनंत पर है, अतः यह किरणें समानांतर होंगी। एक किरण जो कि लेंस के प्रकाशित केंद्र C से होकर जाती है, बिना विचलित हुए सीधी निकल जाती है। दूसरे किरण जो कि प्रथम फोकस F' से होकर जाती है, अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है। दोनों निर्गत किरणें बिंदु I' पर काटती है अतः I' बिंदु O' का प्रतिबिंब है।जब वस्तु अनंत दूरी पर हो तो प्रतिबिंब फोकस पर उल्टा बनेगा, वास्तविक होगा तथा अत्यंत धुंधला होगा।
उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Image Formation by a Convex Lens)

2. जब वस्तु अनंत अथवा 2 F के बीच में हो : माना कि एक वस्तु OO' मुख्य अक्ष के लंबवत है तथा अनंत और 2f दूरी के बीच रखी है। O' से मुख्य अक्ष के समांतर किरण O'A, लेंस से निकलने पर द्वितीय फोकस F से होकर जाती है। दूसरी किरण O'C जो प्रकाशिक-केंद्र C में से जाती है, सीधी चली जाती है। यह दोनों किरणें बिंदु I' पर मिलती हैं। अतः I' बिंदु O' का प्रतिबिंब है। I' से मुख्य अक्ष पर लंब II', वस्तु OO' का पूरा प्रतिबिंब है। इस पर बनने वाला प्रतिबिंब F और 2F के मध्य होगा, उल्टा ,वास्तविक तथा धुंधला होता है।

उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Image Formation by a Convex Lens)


3. जब वस्तु 2f पर स्थित हो : जब वस्तु OO' लेंस से 2f दूरी पर होती है तब ऐसी स्थिति में बनने वाला प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के बराबर आकार का बनेगा।
उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Image Formation by a Convex Lens)


4. जब वस्तु F और 2F के बीच स्थित हो : ऐसी स्थिति में बनने वाले प्रतिबिंब उल्टा, वास्तविक ,बड़ा तथा 2F के पीछे बनेगा।
उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Image Formation by a Convex Lens)


5. जब वस्तु F पर स्थित हो : O' से मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली किरण O'A अपवर्तन के पश्चात द्वितीय फोकस F से होकर जाती है। दूसरे किरण O'C जो प्रकाशिक-केंद्र C में से गुजरती है, सीधी चली जाती है। दोनों निर्गत किरणें आपस में समांतर होती हैं, अतः अनंत पर मिलेंगी। इस पर बनने वाला प्रतिबिंब अनंत पर, उल्टा, वास्तविकता तथा बहुत बड़ा बनेगा।
उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Image Formation by a Convex Lens)

6. जब वस्तु F और प्रकाश केंद्र के बीच स्थित हो : बिंदु O' से मुख्य अक्ष के सामान्तर किरण O'A लेंस से निकलकर AF दिशा में जाती है तथा दूसरी किरण O'C सीधी निकल जाती है। यह दोनों किरणें पीछे बढ़ाने पर I' पर मिलती हुई प्रतीत होती है। अतः I' बिंदु O' का आभासी प्रतिबिंब है। I' से मुख्य अक्ष पर लंब II', वस्तु OO' का पूरा प्रतिबिंब है। ऐसी स्थिति में बनने वाले प्रतिबिंब उसी ओर बनेगा जिस ओर वस्तु है तथा वह आभासी, सीधा तथा आकार में बड़ा होगा।

उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Image Formation by a Convex Lens)

यहां पर यह बात ध्यान देने की है कि जैसे-जैसे वस्तु अनंत से लेंस की फोकस की ओर जाती है वैसे-वैसे उसका प्रतिबिंब लेंस के दूसरी ओर तथा फोकस से दूर अनंत की ओर हटता जाता है। जब वस्तु फोकस तथा प्रकाश केंद्र के बीच होती है तब प्रतिबिंब वस्तु की ओर ही अनंत व F' के बीच बनता है।

अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Images Formation By a Concave Lens)

अवतल लेंस सदैव आभासी, सीधा और धुंधला प्रतिबिंब बनाता है जो प्रकाश केंद्र और फोकस (F) के बीच स्थित होता है। इसके दो विशिष्ट तत्व होते हैं जो इस प्रकार हैं:

1. जब वस्तु अनंत पर स्थित होती है तब बनने वाला प्रतिबिंब फोकस पर बना हुआ प्रतीत होता है जो आभासी, सीधा, बहुत छोटा तथा वस्तु की ओर बना होता है।

अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Images Formation By a Concave Lens)

2. जब वस्तु फोकस पर स्थित हो तब बनने वाला प्रतिबिंब F तथा प्रकाश केंद्र के बीच बना हुआ दिखाई देता है जो सीधा, आभासी, छोटा और वस्तु की ओर बनता है।

अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिंब का बनना (Images Formation By a Concave Lens)

लेंसों द्वारा प्रतिबिंब के बनने के लिए  पदार्थ से आने वाले प्रकाश की आवशयकता होती हैं जिसके द्वारा प्रतिबिंब बनता हैं। 





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