सिकल सेल एनीमिया या हंसियाकार-रुधिराणु ऐनीमिया(Sickle-cell Anemia) |hindi


सिकल सेल एनीमिया या हंसियाकार-रुधिराणु ऐनीमिया (Sickle-cell Anemia)

सिकल सेल एनीमिया या हंसियाकार-रुधिराणु ऐनीमिया(Sickle-cell Anemia) |hindi

सिकल सेल एनीमिया क्या है? (what is Sickle-cell Anemia?)

इस रोग में, रुधिर में ऑक्सीजन की कमी होने (low oxygen tension) पर, रोगी के अधिकांश लाल रुधिराणु, हीमोग्लोबिन की विशेष आण्विक रचना के कारण, सिकुड़कर हँसियाकार और निरर्थक हो जाते हैं जिससे रोगी की मृत्यु हो सकती है। इसे सिकल सेल एनीमिया (Sickle-cell Anemia) कहते हैं। यह रोग भी सुप्त जीन के कारण होता है।


हीमोग्लोबिन की आण्विक संरचना में चार पोलीपेप्टाइड शृंखलाएँ (polypeptide chains) होती हैं- दो समान ऐल्फा (alpha—a) श्रृंखलाएँ तथा दो समान बीटा (beta-B) शृंखलाएँ।

1.  बीटा श्रृंखलाओं
में प्रथम स्थान पर सदैव वैलीन (valine) अणु होता है। सामान्य हीमोग्लोबिन (HbA) की बीटा शृंखलाओं में मोनोमर ग्लूटैमीन (glutamine or glutamic acid) का अणु होता है। 

2.  बीटा शृंखलाओं में इस ग्लूटैमीन की प्रस्तुती एक प्रबल जीन (dominant gene) के नियन्त्रण में होती है। इस जीन के साथी सुप्त या अप्रबल जीन (recessive allele) के नियन्त्रण में बीटा श्रृंखलाओं में ग्लूटैमीन के बजाय, वैलीन के अणु की प्रस्तुती होती है। 

3.  ऐसे हीमोग्लोबिन अणु में, रुधिर में ऑक्सीजन की कमी (low oxygen tension—hypoxia) होने पर, प्रथम स्थान पर का वैलीन अणु छठे स्थान के वैलीन अणु से जुड़ जाता है। 

4.  इसके कारण हीमोग्लोबिन अणु की आकृति विकृत हो जाती है और यह ऑक्सीजन का संवहन नहीं कर पाता है । 

5.  इस प्रकार, बीटा शृंखलाओं में छठे स्थान पर वैलीन वाला हीमोग्लोबिन (HbS) त्रुटिपूर्ण और निरर्थक होता है। जिन लाल रुधिराणुओं के हीमोग्लोबिन अणु ऐसे, त्रुटिपूर्ण होते हैं, उनकी स्वयं की आकृति, ऑक्सीजन (O2) की कमी में विकृत होकर हँसियाकार हो जाती है। इसी रोग को हँसियाकार-रुधिराणु ऐनीमिया कहते हैं।



हँसियाकार-रुधिराणु ऐनीमिया (Sickle-cell Anemia) के आनुवंशिक रोग होने का पता सन् 1949 में नील एवं बीट (Neal and Beet) ने लगाया। इस रोग की वंशागति में प्रबल जीन “A” की, अप्रबल या सुप्त जीन “S” पर, अपूर्ण प्रभाविता (incomplete dominance) होती है। 



सिकल सेल एनीमिया या हंसियाकार-रुधिराणु ऐनीमिया(Sickle-cell Anaemia) |hindi



अतः homozygous dominant genotype वाले व्यक्तियों के सारे लाल रुधिराणुओं में सामान्य हीमो ग्लोबिन (HbA) होता है तथा समयुग्मजी अप्रबल (homozygous recessive) genotype वाले व्यक्तियों के सारे लाल रुधिराणुओं में त्रुटिपूर्ण हीमोग्लोबिन (HbS) होता है, परन्तु विषमयुग्मजी (heterozygous) जीनरूप के, अर्थात् संकर (hybrid) व्यक्तियों के कुछ प्रतिशत लाल रुधिराणुओं में त्रुटिपूर्ण हीमोग्लोबिन होता है। यदि अधिक मेहनत का काम न करें तो संकर व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

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