द्रव्यमान ऊर्जा (Mass-energy) परिभाषा, सूत्र|hindi


द्रव्यमान ऊर्जा (Mass-energy) परिभाषा, सूत्र


द्रव्यमान ऊर्जा (Mass-energy)
आइन्सटीन के समय से पहले यह माना जाता था कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा दो विभिन्न स्वरूप हैं। द्रव्यमान पदार्थ का एक मौलिक गुण है जोकि प्रत्येक पदार्थ में होता हैऊर्जा पदार्थ के कार्य करने की क्षमता को कहते हैं। किसी पदार्थ में ऊर्जा उसकी विशेष स्थिति अथवा गति के कारण होती है (द्रव्यमान के कारण नहीं)। आइन्सटीन ने यह सिद्ध किया कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा एक दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा प्रत्येक पदार्थ में उसके द्रव्यमान के कारण भी ऊर्जा होती है। 
यदि किसी पदार्थ में m द्रव्यमान की क्षति हो जाये तो इससे उत्पन्न ऊर्जा

E = mc²,

जहाँ c (= 3 x 10⁸ मीटर/सेकण्ड) प्रकाश की चाल है। इसे 'आइन्सटीन का द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण' कहते हैं। इस सम्बन्ध के अनुसार, 1 ग्राम (= 10-³ किग्रा) द्रव्यमान के लुप्त होने पर उत्पन्न ऊर्जा

E = ( 10-³ किग्रा) x (3 x 10⁸ मीटर/सेकण्ड)² = 9 × 10¹³ जूल।

अर्थात् 1 ग्राम द्रव्यमान, 9 × 10¹³ जूल ऊर्जा के तुल्य है।





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