मोल अवधारणा (Mole Concept) क्या है?: परिभाषा, सूत्र, मोल का द्रव्यमान|hindi


मोल अवधारणा(Mole Concept) क्या है?: परिभाषा, सूत्र, मोल का द्रव्यमान
मोल अवधारणा  (Mole Concept) क्या है?: परिभाषा, सूत्र, मोल का द्रव्यमान|hindi

मोल अवधारणा(Mole Concept)
मोल (Mole या Mol) एक संख्या है जो 12 ग्राम कार्बन-12 में उपस्थित परमाणुओं की संख्या के बराबर होती है।

आधुनिक तकनीकों की सहायता से 12 ग्राम कार्बन-12 में उपस्थित परमाणुओं की संख्या ज्ञात की जा चुकी है। इसका मान 6.0220943 x 10²³ पाया गया है। सामान्यतः यह मान तीन दशमलव स्थान तक ही प्रयुक्त किया जाता है। अतः

                    1 मोल = 6.022 x 10²³

इस संख्या को ऐवोगेड्रो संख्या कहते हैं। इसका मान ऐवोगेड्रो ने ज्ञात नहीं किया था लेकिन ऐवोगेड्रो के रसायन विज्ञान में योगदान के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए इसका नाम ऐवोगेड्रो संख्या रखा गया है।

यहाँ यह स्पष्ट कर लेना लाभप्रद रहेगा कि जिस प्रकार दर्जन एक संख्या है, मोल भी एक संख्या ही है।

  • 1 दर्जन आलपिन  = 12 आलपिन
  • 1 मोल आलपिन  = 6.022 × 10²³ आलपिन
  • 1 दर्जन हाइड्रोजन परमाणु = हाइड्रोजन के 12 परमाणु
  • 1 मोल हाइड्रोजन परमाणु = हाइड्रोजन के 6.022×10²³ परमाणु
  • 1 मोल हाइड्रोजन (H2) = हाइड्रोजन के 6.022×10²³ अणु
  • 1 मोल अमोनिया (NH3) = अमोनिया के 6.022×10²³ अणु
  • 1 मोल Cl- = क्लोरीन के 6.022×10²³ ऋणायन
  • 1 मोल इलेक्ट्रॉन  = 6.022 × 10²³ इलेक्ट्रॉन

स्पष्ट है कि मोल (mole या mol), molecule का लघु रूप नहीं है तथा यह संख्या किसी भी प्रकार के कण (परमाणु, अणु, मूलक, आयन, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन आदि) के लिय प्रयुक्त की जा सकती है।

उपरोक्त विवरण के अनुसार, किसी भी प्रकार के कण के लिए

                मोलों की संख्या = कणों की संख्या / 6.022× 10²³            ...(1)




मोल का द्रव्यमान (Mass of a Mole)
मोल की परिभाषा के अनुसार-1 मोल कार्बन-12 का भार 12 ग्राम होता है जो इसके ग्राम-परमाणु भार के बराबर होता है। इस आधार पर यह प्रदर्शित किया जा सकता है कि किसी तत्व के परमाणुओं के 1 मोल का भार उसके ग्राम-परमाणु भार के बराबर होता है। परमाणुओं के 1 मोल को 1 ग्राम-परमाणु भी कहते हैं। इसी प्रकार किसी तत्व अथवा यौगिक के अणुओं के 1 मोल का भार उसके ग्राम-अणु भार के बराबर होता है। अणुओं के 1 मोल को 1 ग्राम-अणु भी कहते हैं। अतः


परमाणुओं के लिए -
1 मोल (1 ग्राम-परमाणु) का भार = ग्राम-परमाणु भार

∴              मोलों की संख्या = परमाणु भार / ग्राम में भार                      ...(2)

अणुओं के लिए -
1 मोल (1 ग्राम-अणु) का भार = ग्राम-अणु भार

∴               मोलों की संख्या = ग्राम में भार / अणु भार                           ...(3)


आयनों के लिए -
1 मोल (1 ग्राम-आयन) का भार = ग्राम-आयन भार

∴               मोलों की संख्या = ग्राम में भार / आयन भार                       ...(4)


उपरोक्त सूत्र सं० (2), (3) व (4) को संयुक्त करने पर किसी भी प्रकार के कणों के लिए

           मोलों की संख्या = ग्राम में भार / मोलर द्रव्यमान                       ...(5)


किसी पदार्थ के 1 मोल के ग्राम में द्रव्यमान को मोलर द्रव्यमान (molar mass) कहते हैं। स्पष्ट है कि परमाणुओं के लिए यह परमाणु भार, अणुओं के लिए अणु भार तथा आयनों के लिए आयन भार के बराबर होता है।

परमाणु भार की परिभाषा के अनुसार यह दो भारों का अनुपात होता है तथा इसकी कोई इकाई नहीं होती है। इसी प्रकार अणु भार, आयन भार तथा मोलर द्रव्यमान की भी कोई इकाई नहीं होती है। उपरोक्त सूत्र सं० (2), (3), (4) तथा (5) को प्रयुक्त करते समय सामान्यतः इसमें सम्मिलित किसी भी पद की कोई इकाई प्रयुक्त नहीं की जाती है। कुछ लेखक (authors) उपरोक्त सूत्र सं० (2), (3), (4) तथा (5) को प्रयुक्त करते समय मोलों की संख्या की इकाई मोल, ग्राम में मात्रा की इकाई ग्राम तथा परमाणु भार, अणु भार, आयन भार तथा मोलर द्रव्यमान की इकाई ग्राम/मोल प्रयुक्त करते हैं। इस आधार पर परमाणु भार, अणु भार, आयन भार तथा मोलर द्रव्यमान की इकाई ग्राम/मोल भी मानी जाती है।

उपरोक्त सूत्र सं० (1) व (5) को संयुक्त करने पर-

किसी भी प्रकार के कणों के लिए-

     ग्राम में मात्रा = कणों की संख्या / ऐवोगेड्रो संख्या × मोलर द्रव्यमान       ...(6)

उपरोक्त सूत्र की सहायता से ग्राम में मात्रा से कणों की संख्या तथा कणों की संख्या से ग्राम में मात्रा सरलतापूर्वक ज्ञात की जा सकती है।


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