परमाणु भार (Atomic Weight) : परिभाषा, उदाहरण, फार्मूला
किसी तत्व का परमाणु भार उस तत्व के एक परमाणु के भार से सम्बन्धित एक संख्या है। प्रारम्भ में हाइड्रोजन को मानक मान कर परमाणु भार की परिभाषा इस प्रकार दी गई—"किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व का एक परमाणु हाइड्रोजन के एक परमाणु से कितने गुना भारी है।"
कुछ समय बाद ऑक्सीजन को मानक मान कर परमाणु भार की परिभाषा इस प्रकार दी गई — "किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व का एक परमाणु ऑक्सीजन के एक परमाणु के 1/16 से कितने गुना भारी है।" हाइड्रोजन या ऑक्सीजन को मानक मान कर अन्य तत्वों के जो परमाणु भार ज्ञात किये गये थे उनमें से अधिकांश पूर्णांक से काफी हट कर थे।
अतः परमाणु भार की उपरोक्त परिभाषाओं का परित्याग कर दिया गया है। परमाणु भार का आधुनिक मानक कार्बन-12 (कार्बन का 12 द्रव्यमान संख्या वाला समस्थानिक) है तथा परमाणु भार की वर्तमान परिभाषा निम्नलिखित है-
"किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या है, जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व के एक परमाणु का औसत भार कार्बन-12 के एक परमाणु के 1/12 से कितने गुना भारी है।" अतः
"किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या है, जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व के एक परमाणु का औसत भार कार्बन-12 के एक परमाणु के 1/12 से कितने गुना भारी है।" अतः
किसी तत्व का परमाणु भार = उस तत्व के एक परमाणु का औसत भार / कार्बन-12 के एक परमाणु का भार × 12
उपरोक्त परिभाषा ये यह स्पष्ट है कि
1. परमाणु भार एक संख्या है तथा इसकी कोई इकाई नहीं होती है।
2. कार्बन-12 का परमाणु भार= 12 (Exact Number)
3. कार्बन-12 की द्रव्यमान संख्या 12 है। अतः कार्बन-12 के परमाणु भार व द्रव्यमान संख्या समान है। इसी प्रकार यह प्रदर्शित किया जा सकता है कि अन्य तत्वों के परमाणु भार भी उनकी द्रव्यमान संख्या के लगभग बराबर होते हैं।
परमाणु भार = द्रव्यमान संख्या
परमाणु भार की वर्तमान परिभाषा के अनुसार हाइड्रोजन का परमाणु भार 1.008 तथा ऑक्सीजन का परमाणु भार 15.9999 हैं जो पूर्ण संख्याओं के काफी निकट हैं।
परमाणु भार ज्ञात करने की आधुनिक विधि में मास स्पेक्ट्रोमीटर (mass spectrometer) का प्रयोग किया जाता है।
परमाणु भार ज्ञात करने की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-
- तुल्यांकी भार व संयोजकता द्वारा,
- कैनिजारो की विधि द्वारा,
- ड्यूलाँग और पेटिट के नियम द्वारा,
- क्लोराइडों के वाष्प घनत्व द्वारा।
- मिशरलिक के समाकृतिकता के नियम द्वारा
1. तुल्यांकी भार व संयोजकता द्वारा परमाणु भार ज्ञात करने की विधि
किसी तत्व का परमाणु भार उसके तुल्यांकी भार तथा उसकी संयोजकता के गुणनफल के बराबर होता है।
परमाणु भार = तुल्यांकी भार × संयोजकता
2. परमाणु भार ज्ञात करने की कैनिजारो की विधि
यह विधि निम्नलिखित पदों में पूर्ण की जाती है -
- सर्वप्रथम तत्व के अनेकों वाष्पशील यौगिकों के अणु भार ज्ञात करते हैं।
- इसके बाद विश्लेषण द्वारा प्रत्येक यौगिक में तत्व की प्रतिशतता ज्ञात कर लेते हैं।
- प्रत्येक यौगिक के अणु भार व उसमें उपस्थित उस तत्व की प्रतिशतता के आधार पर गणना द्वारा यौगिक के एक मोल (ग्राम-अणु) में उपस्थित उस तत्व का द्रव्यमान ज्ञात कर लेते हैं।
यौगिक के एक मोल (ग्राम-अणु) में उपस्थित तत्व का द्रव्यमान
= तत्व की प्रतिशतता / 100 × यौगिक का ग्राम-अणु भार
इनमें से सबसे कम द्रव्यमान तत्व का ग्राम-परमाणु भार होता है। इस प्रकार तत्व का परमाणु भार ज्ञात हो जाता है।
इस विधि की निम्नलिखित कमियाँ हैं-
- इस विधि में तत्व के अधिक से अधिक यौगिकों का अध्ययन आवश्यक है अन्यथा परमाणु भार अधिक प्राप्त होने की सम्भावना रहती है।
- यह आवश्यक नहीं है कि किसी तत्व के पर्याप्त यौगिक वाष्पशील हों। अवाष्पशील यौगिकों के अणु भार परिशुद्धता (accuracy) से ज्ञात नहीं किये जा सकते हैं।
- इस विधि से प्राप्त परमाणु भार का मान परिशुद्ध (accurate) नहीं होता है।
नोट- यदि किसी तत्व के परमाणु भार को ग्राम में व्यक्त किया जाये तो वह उस तत्व का ग्राम-परमाणु भार कहलाता है। उदाहरण के लिए — हाइड्रोजन का परमाणु भार 1 है, अत: हाइड्रोजन का ग्राम-परमाणु भार 1 ग्राम है। किसी तत्व के एक ग्राम-परमाणु में उसके ग्राम-परमाणु भार जितनी मात्रा है। किसी तत्व के एक ग्राम-परमाणु को उस तत्व के परमाणुओं का एक मोल भी कहते हैं। इसी प्रकार यदि किसी तत्व या यौगिक के अणु भार को ग्राम में व्यक्त किया जाये तो वह उस तत्व या यौगिक का ग्राम-अणु भार कहलाता है। किसी तत्व या यौगिक के एक ग्राम-अणु में उसके ग्राम अणु भार जितनी मात्रा होती है। किसी तत्व या यौगिक के एक ग्राम-अणु को उस तत्व या यौगिक के अणुओं का एक मोल भी कहते हैं।
3. ड्यूलॉग और पेटिट के नियम द्वारा परमाणु भार ज्ञात करने की विधि
ड्यूलॉग और पेटिट के नियम (Dulong and Petit's Law) के अनुसार- "किसी ठोस की विशिष्ट ऊष्मा (specific heat) तथा परमाणु भार का गुणनफल लगभग 6.4 होता है।"
तत्व का परमाणु भार × विशिष्ट ऊष्मा = 6.4 (लगभग)
ड्यूलॉग और पेटिट के नियम की सहायता से तत्वों के परमाणु भार ज्ञात किये जा सकते हैं। इस विधि में निम्नलिखित पद (steps) हैं-
- सर्वप्रथम तुल्यांकी भार ज्ञात करने की किसी उपयुक्त विधि द्वारा उस तत्व का तुल्यांकी भार ज्ञात कर लेते हैं। किसी उपयुक्त विधि द्वारा तत्व की विशिष्ट ऊष्मा भी ज्ञात कर लेते हैं।
- ड्यूलाँग और पेटिट के नियम की सहायता से तत्व का लगभग परमाणु भार ज्ञात कर लेते हैं।
तत्व का लगभग परमाणु भार = 6.4 / तत्व की विशिष्ट ऊष्मा
परमाणु भार = तुल्यांकी भार × संयोजकता
तत्व के लगभग परमाणु भार को उसके तुल्यांकी भार से भाग देने पर तत्व की संयोजकता ज्ञात हो जाती है। चूँकि संयोजकता एक पूर्ण संख्या होती है, अतः प्राप्त मान को निकटतम पूर्णांक में परिवर्तित कर लेते हैं।
- तुल्यांकी भार को संयोजकता (पूर्णांक) से गुणा करने पर तत्व का सही परमाणु भार ज्ञात हो जाता है।
4. क्लोराइड के वाष्प घनत्व द्वारा परमाणु भार ज्ञात करने की विधि
किसी गैस का वाष्प घनत्व ताप तथा दाब की समान अवस्थाओं में उसके किसी आयतन के भार तथा समान आयतन की हाइड्रोजन के भार के अनुपात के बराबर होता है।
वाष्प घनत्व = गैस के किसी आयतन का भार / उसी ताप तथा दान पर हाइड्रोजन के उसी आयतन का भार
ऐवोगेड्रो ने सिद्ध किया कि सामान्य ताप व दाब (N.T.P. व S.T.P.) अर्थात् 0°C तथा 76 से०मी० वायुमण्डलीय दाब पर प्रत्येक गैस के एक मोल (एक ग्राम-अणु) का आयतन 22.4 लिटर होता है। इस आधार पर वाष्प घनत्व तथा अणु सूत्र में निम्नलिखित सम्बन्ध प्राप्त होता है-
किसी तत्व के वाष्पशील क्लोराइड के वाष्प घनत्व से उसका परमाणु भार ज्ञात किया जा सकता है। इस विधि में प्रयुक्त पद ( steps) निम्नलिखित हैं-
अणु भार = 2 × वाष्प घनत्व
- सर्वप्रथम तत्व के वाष्पशील क्लोराइड के वाष्प घनत्व को 2 से गुणा करके तत्व के क्लोराइड का अणु भार ज्ञात कर लेते हैं।
- तुल्यांकी भार ज्ञात करने की किसी उपयुक्त विधि द्वारा तत्व का तुल्यांकी भार ज्ञात कर लेते हैं।
- निम्नलिखित सूत्र की सहायता से तत्व की संयोजकता ज्ञात कर लेते हैं-
- तत्व के तुल्यांकी भार को उसकी संयोजकता से गुणा करके उसका परमाणु भार ज्ञात कर लेते हैं।
सूत्र की गणना - मान लिया कि तत्व का प्रतीक M, तुल्यांकी भार E तथा संयोजकता x है। अतः तत्व का परमाणु भार = तुल्यांकी भार संयोजकता = E×x
तत्व के क्लोराइड का अणु सूत्र = MClx
तत्व के क्लोराइड का अणु भार = तत्व का परमाणु भार + x × क्लोरीन का परमाणु भार
= E × x + x × 35.5
= x × (E + 35.5)
∴ x= तत्व के क्लोराइड का अणु भार / E + 35.5
∴ तत्व की संयोजकता = तत्व के क्लोराइड का अणु भार / तत्व का तुल्यांकी भार + 35.5
5. मिशरलिक के समाकृतित्व के नियम (Mitscherlich's law of isomorphism) द्वारा परमाणु भार ज्ञात करने की विधि
इस नियम के अनुसार-"समाकृतिक यौगिकों का रासायनिक संगठन एक-सा होता है।" दूसरे शब्दों में- "जिन यौगिकों के क्रिस्टलों की आकृतियाँ एक-सी होती हैं उनमें उपस्थित तत्वों के परमाणुओं या आयनों के जुड़ने की व्यवस्था एक-सी होती है तथा उनमें उपस्थित तत्वों के परमाणुओं या आयनों की संख्याओं का अनुपात समान होता है।" इस नियम की सहायता से तत्वों के परमाणु भार ज्ञात किये जाते हैं।
उपर्युक्त विधियों में से किसी भी विधि के द्वारा हम किसी तत्व का परमाणु भार निकाल सकते हैं।
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