तुल्यांकी भार (Equivalent Weight) क्या है?:परिभाषा, उदाहरण, फार्मूला|hindi


तुल्यांकी भार (Equivalent Weight) क्या है? : परिभाषा, उदाहरण, फार्मूला

तुल्यांकी भार (Equivalent Weight) क्या है?:परिभाषा, उदाहरण, फार्मूला|hindi

तुल्यांकी भार (Equivalent Weight) की परिभाषा


किसी पदार्थ का तुल्यांकी भार वह संख्या है जो यह बताती है कि उसके कितने भाग भारानुसार हाइड्रोजन के भाग, ऑक्सीजन के 8 भाग, क्लोरीन के 35.5 भाग या किसी अन्य पदार्थ के तुल्यांकी भार जितने भाग से संयोग करते हैं या उनको अन्य पदार्थों में से मुक्त करते हैं। 

उदाहरण के लिए-

(i) 2H₂  +  O₂  →   2H2O
   
ऊपर समीकरण में 

2H₂ = 2×2×1=4   
O₂ = 2×16=32

चूँकि 4 ग्राम हाइड्रोजन 32 ग्राम ऑक्सीजन से क्रिया करती है, अतः 1 ग्राम हाइड्रोजन 8 ग्राम ऑक्सीजन से क्रिया करेगी। अत: ऑक्सीजन का तुल्यांकी भार 8 है।


(ii)  H2 + Cl2   →  2HCI

ऊपर समीकरण में 

H₂ = 2×1 = 2   
Cl2 = 2×35.5 = 71



चूँकि 2 ग्राम हाइड्रोजन 71 ग्राम क्लोरीन से क्रिया करती है, अतः क्लोरीन का तुल्यांकी भार 35.5 है।


(iii) Mg (
24 ग्राम) + 2HCI   →  MgCl2 + H2 (2 ग्राम)


चूँकि 24 ग्राम मैग्नीशियम 2 ग्राम हाइड्रोजन के तुल्य है, अतः मैग्नीशियम का तुल्यांकी भार 12 है।


उपरोक्त विवेचना (discussion) से स्पष्ट है कि-
  1. तुल्यांकी भार एक तुलनात्मक संख्या है। इसकी कोई इकाई नहीं होती है। यदि तुल्यांकी भार को ग्राम में प्रगट किया जाये तो उसे ग्राम-तुल्यांकी भार कहते हैं। उदाहरण के लिए - हाइड्रोजन का तुल्यांकी भार तथा इसका ग्राम-तुल्यांकी भार 1 ग्राम है।
  2. रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले तथा उससे बनने वाले पदार्थों के भार उनके तुल्यांकी भारों के अनुपात में होते हैं। यह रासायनिक तुल्यता का नियम (law of chemical equivalence) कहलाता है। मान लिया कि दो पदार्थों A व B की अभिक्रिया से दो पदार्थ C व D बनते है-
A+ B C + D

अतः रासायनिक तुल्यता के नियम के अनुसार

A का भार / B का भार = A का तुल्यांकी भार / B का तुल्यांकी भार

इसी प्रकार-

A का भार / C का भार = A का तुल्यांकी भार / C का तुल्यांकी भार

इसी प्रकार A व D, B व C, B व D तथा C व D के भारों के अनुपात को भी व्यक्त किया जा सकता है।


1. परिवर्ती तुल्यांकी भार (Variable equivalent weights)

कुछ तत्वों की संयोजकता भिन्न-भिन्न यौगिकों में अलग-अलग पायी जाती है अर्थात् कुछ तत्व एक से अधिक संयोजकताएँ प्रदर्शित करते हैं। चूँकि परमाणु भार एक निश्चित संख्या है तथा परमाणु भार तुल्यांकी भार तथा संयोजकता के गुणनफल के बराबर होता है, अत: कुछ तत्वों के एक से अधिक तुल्यांकी भार होते हैं। 

उदाहरण के लिए- कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO) में कार्बन का तुल्यांकी भार 6 तथा कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में कार्बन का तुल्यांकी भार 3 है।



2. अम्ल का तुल्यांकी भार

किसी अम्ल का तुल्यांकी भार वह संख्या है जो यह बताती है कि भार के विचार से उसके कितने भागों में 1 भाग विस्थापनीय (replaceable) प्रोटॉन (हाइड्रोजन के धनायन, H+) उपस्थित हैं।

किसी अम्ल का अणु भार व उसकी भास्मिकता (basicity) ज्ञात होने पर उसका तुल्यांकी भार ज्ञात किया जा सकता है

अम्ल का तुल्यांकी भार = अम्ल का अणु भार / अम्ल की भास्मिकता

किसी अम्ल की भास्मिकता उसके एक अणु में उपस्थित विस्थापनीय प्रोटॉनों (H+) की संख्या होती है। उदाहरण के लिए HCI, H2SO4 तथा H3PO4 की भास्मिकतायें क्रमश: 1, 2 व 3 है।



3. क्षार का तुल्यांकी भार 

किसी क्षार का तुल्यांकी भार वह संख्या है जो यह बताती है कि भार के विचार से उसके कितने भागों में 17 भाग हाइड्रॉक्सिल आयन (OH) उपस्थित हैं।

किसी क्षार का अणु भार तथा उसकी अम्लीयता ज्ञात होने पर उसका तुल्यांकी भार ज्ञात किया जात सकता है -

क्षार का तुल्यांकी भार = क्षार का अणु भार / क्षार की अम्लीयता

किसी क्षार की अम्लीयता उसके एक अणु में उपस्थित विस्थापनीय हाइड्रॉक्सिल (OH-) आयनों की संख्या होती है। उदाहरण के लिए - NaOH, Ca(OH)2 तथा AI(OH)3 की अम्लीयताएँ क्रमश: 1, 2 व 3 होती हैं।




4. आयन का तुल्यांकी भार

किसी आयन का तुल्यांकी भार वह संख्या है जो यह बताती है कि उसके कितने भाग भार के विचार से एक भाग H+ या 17 भाग OH- के तुल्य हैं।
किसी आयन का आयन भार उस आयन में उपस्थित सभी परमाणुओं के परमाणु भारों के योग के बराबर होता है।

उदाहरण के लिए - कार्बोनेट आयन (CO3-- ) में एक कार्बन व तीन ऑक्सीजन परमाणु हैं। कार्बन का परमाणु भार 12 व ऑक्सीजन का परमाणु भार 16 होता है। अत: कार्बोनेट आयन का आयन भार 12+3×16 = 60 है।

किसी आयन का तुल्यांकी भार ज्ञात करने के लिए उसके आयन भार को उस पर उपस्थित आवेश की मात्रा से दे भाग देते हैं।

           आयन का तुल्यांकी भार = आयन भार / आवेश की मात्रा

उदाहरण के लिए – CO3-- का आयन भार 12+3×16 = 60 है। अतः इसका तुल्यांकी भार 60/2=30 होता है।



5. लवण का तुल्यांकी भार

किसी लवण का तुल्यांकी भार वह संख्या है जो यह बताती है कि उसके कितने भाग भार के विचार से किसी अम्ल या क्षार के एक तुल्यांकी भार जितने भागों के पूर्ण उदासीनीकरण से बनते हैं।

किसी लवण का तुल्यांकी भार ज्ञात करने के लिए उसके अणु भार को धनायनों अथवा ऋणायनों पर उपस्थित आवेश की कुल मात्रा से भाग कर देते हैं।

लवण का तुल्यांकी भार = अणु भार / धनायनों या ऋणायनों पर आवेश की कुल मात्रा


उदाहरण के लिए – बेरियम क्लोराइड (BaCl2) का अणु भार 137+2×35.5 = 208 है। इसके धनायन (Ba++ ) पर आवेश की मात्रा 2 है। इसके ऋणायनों अर्थात् दो क्लोराइड (CI‐) आयनों पर आवेश की कुल मात्रा भी 2 ही है।
अतः BaCl2 का तुल्यांकी भार = 208 / 2 =104

किसी लवण का तुल्यांकी भार निम्नलिखित सम्बन्ध की सहायता से भी ज्ञात किया जा सकता है –

लवण का तुल्यांकी भार = धनायन का तुल्यांकी भार + ॠणायन का तुल्यांकी भार


उदाहरण के लिए
- बेरियम क्लोराइड (BaCl2) में उपस्थित धनायन (Ba++) का तुल्यांकी भार 137/2 अर्थात् 68.5 होता है तथा ऋणायन (Cl- ) का तुल्यांकी भार 35.5 होता है।

अतः BaCl2 का तुल्यांकी भार = 68.5+35.5 =104 

ऊपर दिए सूत्र के अनुसार, -

Ca3 (PO4)2 का तुल्यांकी भार = Ca++ का तुल्यांकी भार +  PO4 3- का तुल्यांकी भार

यदि हमें सभी भार पता हों तो निम्न सूत्र के द्वारा हम किसी लवण का तुल्यांक भार निकाल सकते हैं। 



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