अणु भार (Molecular Weight) : परिभाषा, अणु भार ज्ञात करने की विधि|hindi


अणु भार (Molecular Weight) : परिभाषा, अणु भार ज्ञात करने की विधि
अणु भार (Molecular Weight) : परिभाषा, अणु भार ज्ञात करने की विधि|hindi

परमाणु भार किसी तत्व के एक परमाणु के भार से सम्बन्धित एक संख्या है। यह उस तत्व के एक परमाणु के द्रव्यमान तथा कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के 1/12 के अनुपात को प्रदर्शित करती है। इसी प्रकार अणु भार किसी तत्व या यौगिक के एक अणु के भार से सम्बन्धित एक संख्या है। यह उस तत्व या यौगिक के एक अणु के द्रव्यमान तथा कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के 1/12 के अनुपात को प्रदर्शित करती है। अतः,

किसी तत्व का या यौगिक का अणु भार = उस तत्व या यौगिक के एक अणु का औसत भार / कार्बन-12 के एक परमाणु का भार × 12


स्पष्ट है कि किसी तत्व या यौगिक का अणु भार उस तत्व या यौगिक के एक अणु में उपस्थित सभी परमाणुओं के परमाणु भारों के योग के बराबर होता है। उदाहरण के लिए - मेथेन (CH4) के एक अणु में एक कार्बन परमाणु तथा चार हाइड्रोजन परमाणु हैं। कार्बन का परमाणु भार 12 तथा हाइड्रोजन का परमाणु भार 1 होता है। अतः मेथेन (CH4) का अणु भार 12 +4×1 = 16 होता है।

उपरोक्त परिभाषा से यह भी स्पष्ट है कि परमाणु भार की भाँति अणु भार भी एक तुलनात्मक संख्या है तथा इसकी कोई इकाई नहीं होती है। 

यदि किसी तत्व या यौगिक के अणु भार को ग्राम में व्यक्त किया जाये तो वह उस तत्व या यौगिक का ग्राम अणु भार कहलाता है। किसी तत्व या यौगिक के एक ग्राम अणु में उसके ग्राम-अणु भार जितनी मात्रा होती है। किसी तत्व या यौगिक के एक ग्राम-अणु को उस तत्व या यौगिक के अणुओं का एक मोल भी कहते हैं।

ऐवोगेड्रो ने यह ज्ञात किया कि N.T.P. पर प्रत्येक गैस के एक मोल का आयतन 22.4 लिटर होता है। दूसरे शब्दों में, N.T.P. पर प्रत्येक गैस के 22400 मि०लि० का भार उसके ग्राम-अणु भार के बराबर होता है। इस आधार पर निम्नलिखित सम्बन्ध प्राप्त होता है-

                          अणु भार = 2 × वाष्प घनत्व

वाष्पशील पदार्थों के अणु भार ज्ञात करने की दो विधियाँ प्रमुख हैं—
  1. विक्टर मेयर की विधि
  2. हॉफमैन विधि
वर्तमान में सभी पदार्थों के अणु भार, मास स्पेक्ट्रोमीटर (mass spectrometer) की सहायता से ज्ञात किये जाते हैं।


अणु भार ज्ञात करने की विक्टर मेयर विधि 
इस विधि में सर्वप्रथम उपकरण को चित्र के अनुसार समायोजित (adjust) कर लेते हैं। 
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  1. ताँबे के जैकेट में लिये गये द्रव का क्वथनांक उस वाष्पशील पदार्थ के क्वथनांक से, जिसका अणु भार ज्ञात करना है, 20 - 30°C अधिक होना चाहिये। 
  2. हॉफमैन बोतल (Hoffman's bottle) को अलग से साफ करके तथा सुखा कर तोल लेते हैं। इसमें वाष्पशील पदार्थ की अल्प मात्रा लेकर फिर से तोल लेते हैं। 
  3. जब ताम्र जैकेट में लिया गया द्रव उबलने लगता है तथा गैस-मापी नली के जल में से बुलबुले निकलने बन्द हो जाते हैं तो विक्टर मेयर नली के मुँह का कॉर्क खोल कर उसमें हॉफमैन बोतल गिरा देते हैं, 
  4. विक्टर मेयर नली के मुँह को कॉर्क द्वारा पुनः बन्द कर देते हैं, सछिद्र आसन (beehive shelf) के ऊपर रखी गैसमापी नली को हटा देते हैं तथा जल से भरी एक दूसरी गैसमापी नली को सछिद्र आसन के ऊपर रख देते हैं। 
  5. हॉफमैन बोतल में भरे पदार्थ के वाष्पीकरण के कारण बोतल का कॉर्क खुल जाता है तथा वाष्पशील पदार्थ की वाष्पें विक्टर मेयर नली में भरी वायु को विस्थापित करती हैं। 
  6. विस्थापित वायु गैसमापी नली में एकत्रित होने लगती है। जब गैसमापी नली में बुलबुले आने बन्द हो जाते हैं तो उसमें एकत्रित वायु का आयतन नोट कर लेते हैं। जल का ताप तथा वायुमण्डलीय दाब भी नोट कर लेते हैं। और इस गणना द्वारा पदार्थ का अणु भार ज्ञात कर लेते हैं।

गणना - सर्वप्रथम प्रयोग की ताप तथा दाब की अवस्थाओं में प्राप्त विस्थापित वायु का आयतन नोट कर लेते हैं। गैस समीकरण की सहायता से पदार्थ की वाष्पों द्वारा विस्थापित वायु का आयतन N.T.P. पर ज्ञात कर लेते हैं।

मान लिया कि-

पदार्थ का द्रव्यमान = w ग्राम
पदार्थ की वाष्पों द्वारा विस्थापित वायु का N.T.P पर आयतन =V मि०लि०
अतः पदार्थ की वाष्पों का N.T.P. पर आयतन भी V मि०लि० ही होगा।

∵ N.T.P. पर पदार्थ की V मि०लि० वाष्पों का भार =w ग्राम

∴ N.T.P. पर पदार्थ की 22400 मि०लि० वाष्पों का भार = w/V × 22400 ग्राम

N.T.P. पर प्रत्येक गैस के 22400 मि०लि० का भार उसके ग्राम-अणु भार के बराबर होता है।

अतः पदार्थ का अणु भार = w/V × 22400


अणु भार ज्ञात करने की हॉफमैन की विधि 
विक्टर मेयर विधि से अवाष्पशील तथा उन वाष्पशील पदार्थों के अणु भार ज्ञात नहीं किये जा सकते हैं जो गरम करने पर अपने क्वथनांक से पूर्व ही अपघटित हो जाते हैं। हॉफमैन विधि से ऐसे वाष्पशील पदार्थों के अणु भार ज्ञात करते हैं जो गरम करने पर अपने क्वथनांक से पूर्व ही अपघटित हो जाते हैं। उदाहरण के लिए - ग्लिसरॉल का अणु भार इस विधि द्वारा ज्ञात करते हैं।

इस विधि में प्रयुक्त उपकरणों को चित्र में दिखाया गया है। 
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  1. लगभग एक मीटर लम्बी काँच की अंशांकित नली को पारे से भर कर पारे से भरी एक द्रोणिका में चित्र के अनुसार उल्टा लटका देते हैं। 
  2. नली के ऊपरी भाग में लगभग 24 सेमी लम्बाई में निर्वात उत्पन्न हो जाता है। 
  3. यह नली काँच के एक जैकेट द्वारा घिरी होती है। जैकेट में एक ऐसे द्रव की वाष्पें प्रवाहित करते रहते हैं जिसका क्वथनांक पदार्थ के अपघटन के ताप से लगभग 20-30°C कम होता है। 
  4. एक साफ एवं शुष्क हॉफमैन बोतल को तोल लेते हैं तथा उसे पदार्थ से पूरी तरह से भर कर फिर से तोल लेते हैं। 
  5. जब जैकेट में लगा थर्मामीटर एक स्थिर ताप प्रदर्शित करने लगे तब हॉफमैन बोतल को काँच की नली में नीचे की ओर से प्रवेश करा देते हैं। पारे का घनत्व अधिक होने के कारण, हॉफमैन बोतल नली में पारे के ऊपर पहुँच जाती है। 
  6. ताप के प्रभाव में पदार्थ के वाष्पीकरण के कारण बोतल का ढक्कन अलग हो जाता है। निर्वात के कारण पदार्थ का पूर्ण वाष्पीकरण हो जाता है। 
  7. पदार्थ की वाष्पों का आयतन (मि०लि० में), नली में पारे के तल की ऊँचाई (मि०मी० में), वायुमण्डलीय दाब तथा जैकेट का ताप नोट कर लेते हैं। गणना द्वारा पदार्थ का अणु भार ज्ञात कर लेते हैं।

गणना - मान लिया कि प्रारम्भ में काँच की नली में पारे के तल की ऊँचाई H मि०मी० है। अतः वायुमण्डलीय दाब H मि०मी० पारे के दाब के बराबर है। मान लिया कि प्रयोग के अन्त में काँच की नली में पारे के तल की ऊँचाई h मि०मी० है।
अतः काँच की नली में स्थित पदार्थ की वाष्पों का दाब (H-h) मि०मी० पारे के दाब के बराबर होगा। 
थर्मामीटर द्वारा पदार्थ की वाष्पों का ताप भी नोट कर लेते हैं। काँच की नली में स्थित पदार्थ की वाष्पों का आयतन भी नोट कर लेते हैं। 
गैस समीकरण की सहायता से पदार्थ की वाष्पों का आयतन N.T.P. पर ज्ञात कर लेते हैं। 

मान लिया कि,
पदार्थ का द्रव्यमान = w ग्राम
पदार्थ की वाष्पों का N.T.P. पर आयतन = V मि०लि०
∵N.T.P. पर पदार्थ की V मि०लि० वाष्पों का भार =w ग्राम

∴ N.T.P. पर पदार्थ की 22400 मि०लि० वाष्पों का भार = w/V × 22400 ग्राम

N.T.P. पर प्रत्येक गैस के 22400 मि०लि० का भार उसके ग्राम-अणु भार के बराबर होता है। अतः पदार्थ का अणु भार = w/V × 22400
 इन दोनों विधियों द्वारा हम पदार्थ या किसी यौगिक का अणुभार ज्ञात कर सकते हैं। 

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