साइकॉन या स्काइफा (Sycon or Scypha): वर्गीकरण, लक्षण|hindi


साइकॉन या स्काइफा (Sycon or Scypha)

साइकॉन या स्काइफा (Sycon or Scypha): वर्गीकरण, लक्षण

साइकॉन या स्काइफा (Sycon or Scypha)

साइकॉन जिसे स्काइफा भी कहते हैं, पोरिफेरा संघ के कैल्केरिया वर्ग का जीव (समुद्री स्पंज) है। जो उथले (shallow) पानी में चट्टान और अन्य किसी आधार से जुड़े हुए पाए जाते है। है। नीचे हम इसके वर्गीकरण तथा लक्षणों के बारे में पढ़ेंगे।


साइकॉन का वर्गीकरण (Classification of Sycon)


जगत (Kingdom) 
 -  जन्तु(Animalia)
शाखा (Branch)  -  पैराजोआ (Parazoa)
संघ (Phylum)  -    पोरीफरा (Porifera)
वर्ग (Class)  -  कैल्केरिया (Calcarea)
गण (Order)   -  हिटरोसीला (Heterocoela)



साइकॉन या स्काइफा (Sycon or Scypha): वर्गीकरण, लक्षण|hindi

साइकॉन के लक्षण (Characteristics of Sycon)

साइकॉन के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं -

1. यह छिछले समुद्र में पत्थरों, चट्टानों, आदि पर चिपके झुण्ड या कॉलोनियाँ के रूप में पाए जाते हैं। 

2. इसका शरीर भूरा-सा कँटीला नालवत् या फूलदान के आकार का (vase-shaped), 2.5-10 सेमी लम्बा होता है।

3. इसके शरीर में बड़ी-बड़ी त्रिअरीय या चौअरीय कैल्सियमयुक्त कण्टिकाओं का कंकाल रहता है। 

4. इसके स्वतन्त्र छोर पर ऑस्कुलम (osculum) के चारों ओर, लम्बी सूई-सदृश एकाक्षीय कण्टिकाओं (monaxon spicules) का ऑस्कुलर झब्बा (oscular fringe) होता है। 

5. इसके बेलनाकार शरीर में देहभित्ति से घिरी स्पंजगुहा (spongocoel) होती है। यह देहभित्ति साइकॉन नाल प्रणाली के अनुरूप, कशाभी (flagellated) एवं अन्तर्वाही (incurrent) अरीय नलिकाओं (radial canals) में वलित (folded) रहती है। इसके शरीर की सतह पर स्थित असंख्य चर्म रन्ध्र (dermal ostia) अन्तर्वाही नलिकाओं में खुलते हैं। ये नलिकाएँ प्रोसोपाइल्स (prosopyles) द्वारा कशाभी नलिकाओं में, तथा फिर ये ऐपोपाइल्स (apopyles) द्वारा स्पंजगुहा में खुलती हैं।

6. क्वॉनोसाइट्स केवल कशाभी नलिकाओं की दीवार पर होती हैं। स्पंजगुहा तथा अन्तर्वाही नलिकाएँ, शरीर के चर्म स्तर की भाँति, पिनैकोसाइट कोशिकाओं द्वारा स्तरित की जाती है।

7. यह मुख्यतः उत्तरी अटलांटिक तटों के पास अधिकता में पाया जाता है। जहाँ से इसे व्यापक रूप से कई जगहों पर वितरित या बांटा जाता हैं। 

उपर्युक्त लक्षणों द्वारा साइकॉन के बारे में विस्तार पूर्वक पता चलता है।





साइकॉन में प्रजनन (Reproduction in Sycon)

साइकॉन में प्रजनन अलैंगिक और लैंगिक दोनों तरह से होता है। इसका वर्णन इस प्रकार है :

अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction)

मुकुलन (Budding): साइकॉन में अलैंगिक प्रजनन मुकुलन के माध्यम से होता है। इसमें Mesoglea से एक bud निकलती है, Mesoglea एक जेली जैसी परत होती है जो स्पंज की बाहरी और भीतरी परतों के बीच में स्थित होती है। यह bud धीरे धीरे बढ़ती जाती है और parent sponge की तरह दिखने लगती हैं। जब यह Bud पूरी तरह से विकसित हो जाती है, तो यह parent स्पंज से अलग हो जाती है तथा आधार से चिपक कर एक नए sponge के रूप में विकसित हो जाती है। 


जेम्यूल्स (Gemmules): साइकॉन में प्रजनन जेम्यूल्स के माध्यम से भी होता है। जेम्यूल्स कठोर दीवार वाला एक कैप्सूल होता हैं जिसमें कोशिकाओं की संख्या कम होती हैं। यह तब बनता है जब स्पंज की वृद्धि के लिए environmental conditions unfavorable होती हैं। यह जेम्यूल्स पानी में लंबे समय तक निष्क्रिय पड़े रहते हैं, और मूल स्पंज के मर जाने के बाद भी जीवित रहते हैं। जब इनके germination के लिए वातावरणीय स्थिति favorable होती है तो यह एक नए स्पंज के रूप में विकसित हो जाते हैं। 

साइकॉन या स्काइफा (Sycon or Scypha): वर्गीकरण, लक्षण|hindi


लैंगिक प्रजनन (Sexual Reproduction)
साइकॉन Poifera संघ का एक उभयलिंगी (hermaphroditic) जीव है, इसका मतलब प्रत्येक स्पंज में नर और मादा दोनों gametes पाए जाते हैं। 

शुक्राणु (Sperm): साइकॉन में शुक्राणु Archaeocytes से उत्पन्न होते हैं, यह Mesoglea (स्पंज के एक्टोडर्म और एंडोडर्म के बीच जेली जैसी परत) में पाए जाने वाली अविभाज्य कोशिकाएं होती हैं। स्पंज शुक्राणु को पानी में छोड़ देते हैं जिससे यह पानी की धारा में तैरता हुआ अन्य दूसरे स्पंजों तक चला जाता हैं।

अंडे (Egg): साइकॉन में Egg भी Archaeocytes से ही बनता होते हैं। लेकिन यह मूल स्पंज में ही रहता हैं।

साइकॉन में लैंगिक जनन की प्रक्रिया:

1. जब शुक्राणु किसी दूसरे स्पंज में प्रवेश करता है, तो उसे choanocyte द्वारा पकड़ लिया जाता है, choanocyte एक collar cell होती है जो स्पंज के अंदर की रेखाएं बनाती है। Choanocyte शुक्राणु को अंडे तक ले जाता है, जहां fertilization की प्रक्रिया पूरी होती है।

2. Fertilization के फलस्वरूप एक zygote का निर्माण होता है। जिसमें कई विभाजन होते हैं। इन विभाजन के फलस्वरूप larva विकसित हो जाता है। 

3. यह larva मूल स्पंज से निकल कर कुछ समय तक पानी में स्वतंत्र रूप से तैरता रहता है और बाद में आधार से चिपक एक नए स्पंज का निर्माण करता है।

उपर्युक्त बिंदुओं द्वारा आप साइकॉन में प्रजनन को आसानी से समझ सकते हैं। प्रजनन साइकॉन में आनुवंशिक विविधता बनाए रखता है जिससे यह स्वयं को पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के अनुकूल ढाल लेते हैं। 


FAQs

1. Sycon की habit तथा habitat क्या है?

Sycon एक प्रकार का स्पंज है जो समुद्र में पाया जाता है। यह स्पंज अक्सर चट्टानों, शैवालों और अन्य समुद्री जीवों के ऊपर चिपका हुआ पाया जाता है। Sycon का निवास स्थान आमतौर पर शांत, उथले पानी में होता है, जहां यह भोजन और ऑक्सीजन की आसानी से उपलब्धता पा सकता है।


2. स्पंज का मुख्य शिकारी कौन है?

स्पंज के मुख्य शिकारी समुद्री जानवर होते हैं जो उन्हें खाते हैं। इनमें मछलियाँ, समुद्री कछुए, सीपिया और ऑक्टोपस शामिल होते हैं। कुछ स्पंजों को कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और कवक भी नुकसान पहुंचाते हैं।


3. Sycon स्पंज की बॉडी किस प्रकार की होती है?

Sycon का शरीर एक सिलेंडर या कोन के आकार का होता है। इसका बाहरी भाग एक कठोर खोल से ढका होता है जिसे स्पाइन कहते हैं। स्पाइन स्पंज को शिकारियों से बचाने में मदद करते हैं। स्पंज का आंतरिक भाग कई छोटे छिद्रों से भरा होता है। इन छिद्रों को ऑस्टियल कहा जाता है। ऑस्टियल पानी को स्पंज में ले जाते हैं, जहां इसे भोजन और ऑक्सीजन के लिए फ़िल्टर किया जाता है।


4. Sycon कितने प्रकार के होते हैं?

Sycon दो प्रकार के होते हैं:

  • Sycon raphanus: यह एक प्रकार का स्पंज है जो आमतौर पर चट्टानों और शैवालों पर पाया जाता है। यह स्पंज एक छोटे से सिलेंडर के आकार का होता है।
  • Sycon ciliatum: यह स्पंज आमतौर पर समुद्री घास और अन्य पौधों के बीच पाया जाता है। यह स्पंज एक बड़े कोन के आकार का होता है।

5. क्या Sycon एककोशिकीय है?

नहीं, Sycon एककोशिकीय नहीं होते है। यह एक बहुकोशिकीय जीव है। Sycon में हजारों से लेकर लाखों तक कोशिकाएँ होती हैं।




4 comments:

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    1. साइकॉन पोरिफेरा संघ का जीव (समुद्री स्पंज) है। जो उथले (shallow) पानी में चट्टान और अन्य किसी आधार से जुड़े हुए पाए जाते है। यह उत्तरी अटलांटिक तटों के पास अधिकता में पाया जाता है।

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  2. यह कितने नीचे पाये जाते हैं

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    1. जहाँ पानी का स्तर कम होता है वहाँ नीचे चट्टानों पर चिपके हुए पाए जाते हैं।

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