यूस्पंजिया (Euspongia):वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना,लक्षण|hindi


यूस्पंजिया (Euspongia)

यूस्पंजिया (Euspongia):वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना,लक्षण|hindi


यूस्पंजिया पोरिफेरा संघ का एक जंतु है। एक साधारण स्नान स्पंज (Bath sponge) होता है।इसका प्रयोग स्नान तथा अन्य घर के कामों के समय गंदगी साफ करने के काम में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी संरचना बाकी स्पंजों से कुछ अलग सी होती है। यह भूमध्य सागर एवं मैक्सिको की खाड़ी में काफी संख्या में पाया जाता है। आज नीचे हम इसके वर्गीकरण तथा लक्षणों के बारे में जानेंगे।

यूस्पंजिया का वर्गीकरण (Classification of Euspongia)

संघ (Phylum)  -पोरिफेरा (Porifera)
वर्ग (Class)      - डेमोस्पॉन्गिया (Demospongiae)
गण (Subclass) - केराटोसा (Keratosa)
श्रेणी (Genus)   - यूस्पंजिया (Euspongia)

यूस्पंजिया (Euspongia):वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना,लक्षण|hindi


लक्षण (Characteristics)

स्पंजिला से संबंधित कुछ लक्षण इस प्रकार हैं -

1. यूस्पंजिया
 सामान्य स्नान स्पंज है। 


2. यूस्पंजिया स्पंज बड़े पैमाने पर पाया जाने वाला तथा गोल आकृति का स्पंज होता है जो गहरे काले रंग का होता है। इसके पूरे शरीर पर कई ऑस्कुला पाए जाते है। जिसके द्वारा यह भोजन आदि ग्रहण करता है।

3. बाहर से देखने पर यह सामान्य स्पंज होता है जिसपर कई सारे ऑस्कुला पाए जाते हैं। 

4. यह एक जटिल प्रकार का स्पंज है जिसमें शरीर की दीवार में कई folding होती हैं जिनमें लगातार वृद्धि होती रहती है। 

5. यूस्पंजिया का कंकाल spongin fibres के जाल से मिलकर बना होता है जिसमें spicules नहीं होते हैं। 

6. घरेलू उपयोग में प्रयोग किये जाने वाले स्पंज को निचोड़कर और रंगाई करके तैयार किया जाता है। जिसका उपयोग स्नान तथा अन्य घरेलु कार्यों में किया जाता है।

7. सामान्य उपयोग के लिए प्रयोग किया जाने वाले bath स्पंज में मुख्य रूप से स्पंजिन फाइबर होता हैं जिनमें पानी को रोकने की क्षमता होती है।

8. इसका प्रयोग आमतौर पर कार्यालयों, आदि में डाक टिकटों को गीला करने और मुद्रा नोटों या कागजात आदि की गिनती के लिए उपयोग किया जाता है।

9. Euspongia एक गतिहीन स्पंज का रूप है। यह गर्म उथले पानी में चट्टानी तल से जुड़ा हुआ पाया जाता है।

10. यूस्पंजिया सभी देशों में पाया जाता है। अतः इसे सर्वदेशीय कह सकते हैं। यह मुख्यतः उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक मात्रा में पाया जाता है। 



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