ट्राइगोन (Trygon) : वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना, लक्षण|hindi


ट्राइगोन (Trygon) : वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना, लक्षण
ट्राइगोन (Trygon) : वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना, लक्षण|hindi

ट्राइगोन (Trygon)
ट्राइगोन कोर्डेटा (Chordata) संघ का एक जीव है। यह समुद्र तल पर चुपचाप लेटा हुआ पाया जाता है और कभी-कभी शिकार की तलाश में या आत्मरक्षा में तैरता है। यह मांसाहारी होता है और छोटी मछलियों, crustaceans तथा molluscs को खाता है। आज नीचे हम इसके वर्गीकरण तथा लक्षणों के बारे में जानेंगे। 

वर्गीकरण (Classification)
संघ (Phylum)             -     कोर्डेटा (Chordata)
समूह (Group)             -     क्रेनियाटा (Craniata)
उपसंघ (Subphylum)  -     वर्टीब्रेटा (Vertebrata)
प्रभाग (Division)        -      ग्नथोस्टोमेटा (Gnathostomata)
महावर्ग (Superclass)   -     Pisces
वर्ग (Class)                  -     कोंड्रिकथाइस (Chondrichthyes)
गण (Order)                -     हाइपोट्रेमाटा (Hypotremata)
श्रेणी (Genus)              -     ट्राइगोन (Trygon)

ट्राइगोन (Trygon) : वर्गीकरण, प्राकृतिक वास, संरचना, लक्षण|hindi

लक्षण (Characteristics)
Trygon से संबंधित कुछ लक्षण इस प्रकार हैं -
  1. Trygon या Dasyatis को आमतौर पर sting-ray या whip-tailed-ray के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इनकी पूंछ पर डंक उपस्थिति होता है।
  2. इसका मुंह उदर में स्थित होता है तथा इसके मुंह के सामने एक आयताकार naso-frontal flap मौजूद होता है। 
  3. इसका सिर और शरीर पृष्ठीय रूप से दबे हुए होते हैं। इसका Pectoral fins सिर और शरीर के किनारों से जुड़े होते हैं तथा जोड़ीदार पैल्विक पंख छोटे होते हैं।
  4. इसकी dorsal side की आँखों के पीछे Spiracles (एक प्रकार का श्वसन अंग) उपस्थित होते हैं। 
  5. Trygon की ventral side पर gill-slits के पांच जोड़े मौजूद होते हैं। 
  6. इसकी पूंछ लंबी, पतली और चाबुक की तरह एक छोटे से पूँछ के पंख में समाप्त होती है और तेज दाँत दार जहरीले कांटे या डंक से लैस होती है।
  7. नर Trygon में पेल्विक फिन के पास Claspers मौजूद होते हैं। जो copulation के दौरान female को पकड़ कर रखने में सहायता करते हैं। 
  8. यह Viviparous होते हैं। अर्थात यह जीवित बच्चों को जन्म देती हैं। 
  9. Trygon Carnivorous होती है। भोजन में मुख्य रूप से क्रस्टेशियंस, मोलस्क और छोटी मछलियाँ शामिल होती हैं।
  10. यह पूंछ पर डंक मारकर अपने शिकार को घाव दे सकता है।
  11. इन मछलियों का मांस खाने योग्य होता है तथा इनके liver से उचित मात्रा में तेल निकलता है।
  12. Trygon उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के प्रशांत तटों सहित अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के उष्णकटिबंधीय भागों में पाया जाता है। इसके आलावा भारत, जापान, चीन और ऑस्ट्रेलिया से भी इसके पाए जाने की सूचना मिली है। यह Upper jurassic से लेकर हाल तक में पाई जाने वाली फिश है। 
  13. ट्रिगॉन समुद्र तल पर चुपचाप लेटा हुआ पाया जाता है और कभी-कभी शिकार की तलाश में या आत्मरक्षा में तैरता है। यह मांसाहारी होता है और छोटी मछलियों, crustaceans तथा molluscs को खाता है। दुश्मनों से खुद को बचाने के लिए इसमें सुरक्षात्मक रंग भी होते है।


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