आन्त्रीय रस (Intestinal juice)क्या है?: इसका महत्त्व|hindi


आन्त्रीय रस (Intestinal juice or Succus Entericus)क्या है?: इसका महत्त्व
आन्त्रीय रस (Intestinal juice)क्या है?: इसका महत्त्व|hindi

Duodenum की submucosa में उपस्थित ब्रूनर की ग्रन्थियों तथा पूरी छोटी आँत की mucosa में उपस्थित intestinal glands द्वारा स्रावित तरल और आन्त्रीय श्लेष्मिक कला की goblet cells द्वारा स्रावित mucus का मिश्रण Intestinal juice होता है। यह एक साफ, हल्के पीले से रंग का क्षारीय (pH–7.5 से 8.00) तरल होता है। 
हमारी आँत में दिनभर में लगभग 2 लीटर आन्त्रीय रस स्रावित होता है। इसका अधिकांश भाग जल होता है जिसमें पाचन एन्जाइम, लाइसोजाइम (lysozyme), अकार्बनिक आयन (inorganic ions) आदि घुले रहते हैं। इसका mucus आन्त्रीय श्लेष्मिक कला पर फैलकर कला को पाचन एन्जाइमों के दुष्प्रभाव से बचाता है। यदि काइम में रोगाणु होते हैं तो आन्त्रीय रस का लाइसोजाइम इन्हें नष्ट करता है। पोषक पदार्थों को पचाने हेतु इसमें निम्नलिखित पाचन एन्जाइम होते हैं-

  1. इरेप्सिन (Erepsin) : यह प्रोटीन पाचन को पूरा करने वाले कई एक्सोपेप्टिडेज (exopeptidase) एन्जाइमों का सामूहिक नाम है। इनमें ऐमिनोपेप्टिडेजेज तथा कार्बोक्सिपेप्टिडेजेज पोलीपेप्टाइड्स एवं ट्राइपेप्टाइड्स को सीधे ऐमीनो अम्लों में तोड़ते हैं। अन्य एन्जाइम डाइपेप्टिडेजेज (dipeptidases) होते हैं जो डाइपेप्टाइड्स (dipeptides) को ऐमीनो अम्लों में तोड़ते हैं।
  2. कार्बोहाइड्रेट - पाचक एन्जाइम अर्थात् कार्बोहाइड्रेजेज (Carbohydrases) : कार्बोहाइड्रेट्स के पाचन को पूरा करने हेतु आन्त्रीय रस में माल्टेंस, सुक्रेस (इन्वर्टेस) तथा लैक्टेस (maltase, sucrase or invertase and lactase) नामक एन्जाइम होते हैं। ये काइम के क्रमशः माल्टोस (maltose) को ग्लूकोस, सुक्रोस को फ्रक्टोस एवं ग्लूकोस तथा लैक्टोस को गैलैक्टोस एवं ग्लूकोस में अर्थात् मोनोसैकेराइड्स (monosaccharides) में तोड़ते हैं।
  3. एन्टीरोकाइनेज (Enterokinase) : जैसा कि ऊपर लिखा जा चुका है, यह एन्जाइम duodenum में पहुँचकर अग्न्याशयी रस के ट्रिप्सिनोजन को सक्रिय ट्रिप्सिन में बदलने का काम करता है।
  4. आन्त्रीय लाइपेज (Intestinal Lipase) : यह काइम की बची-खुची वसा को मोनोग्लिसराइड्स एवं वसीय अम्लों में विखण्डित करता है।
  5. न्यूक्लिएजेज (Nucleases) : ये काइम में उपस्थित न्यूक्लिओसाइड्स को इनके संघठक नाइट्रोजनीय समाक्षारों एवं शर्कराओं में विखण्डित करते हैं।
आन्त्रीय रस के अधिकांश पाचन एन्जाइम श्लेष्मिक कला की कोशिकाओं के microvilli की प्लाज्मा कला में निलंबित होते हैं। अतः इन्हें ब्रुश बोर्डर एन्जाइम (brush border enzymes) कहा जाता है।


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