एन्टअमीबा जिन्जिवैलिस (Entamoeba gingivalis)
एन्टअमीबा जिन्जिवैलिस (Entamoeba gingivalis) के ट्रोफोज्वॉएट्स कुत्तों, बिल्लियों, घोड़ों, बन्दरों आदि के अतिरिक्त, संसार के आधे से भी अधिक मनुष्यों के दाँतों की जड़ों के मैल तथा फूले हुए मसूड़ों और टॉन्सिल्स (tonsils) की पस थैलियों (pus-pockets) में पाए जाते हैं। ये गोल से और 12 से 20 व्यास तक के होते हैं। इसके पादाभ प्राय: 2 या 3, छोटे व मोटे होते हैं। इसका कोशिकाद्रव्य साफ एक्टोप्लाज्म और बहुत ही रिक्तिकायुक्त एण्डोप्लाज्म में विभेदित होता है। एण्डोप्लाज्म में एक केन्द्रक और कई खाद्य-धानियाँ(food vacuoles) होती हैं। दाँतों के मैल के जीवाणु तथा मसूड़ों की रुधिर केशिकाओं के श्वेत रुधिराणु (white blood corpuscles WBCs) इनका भोजन होते हैं।
इस जाति के एन्टअमीबा के जीवन चक्र (life cycle) में परिकोष्ठित प्रावस्था (encysted stage) नहीं होती, क्योंकि इसमें ट्रोफोज्वॉएट्स, एक मनुष्य से दूसरे में, चुम्बन आदि के जरिए सीधे पहुँच जाते हैं। यह एन्टअमीबा प्रायः पायरियाग्रस्त लोगों के मुख में अधिक पाया जाता है। सम्भवतः इसके संक्रमण से पायरिया होता है। पायरिया के सम्बन्ध में कहते हैं कि मसूड़ों का यह रोग कई कारणों से हो सकता है। केवल जीवाणु अथवा एक अन्य प्रोटोजॉन-ट्राइकोमोनैस टीनैक्स (Trichomonas tenax) के संक्रमण से भी सम्भवतः पायरिया हो जाता है। पायरिया के उपचार हेतु कई प्रकार की ऐसी दवाइयाँ बताई जाती हैं जिनके कुल्ले (gargle) किए जाते हैं या जिनसे मुख-ग्रासन गुहिका की सफाई की जाती है।
उपर्युक्त तथ्यों से यह पता चलता है कि एन्टअमीबा जिन्जिवैलिस सामान्य रूप से पाया जाता है तथा मनुष्य में इसे दूर करने का तरीका भी बहुत ही सरल है।
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