स्पंजिला (spongilla) स्पंज क्या है: वर्गीकरण, लक्षण, चित्र|hindi


स्पंजिला (SPONGILLA)


स्पंजिला (spongilla) स्पंज क्या है: वर्गीकरण, लक्षण, चित्र|hindi


स्पंजिला पोरिफेरा संघ के वर्ग का जंतु है। इसकी संरचना बाकी स्पंजों से कुछ भिन्न होती है। आज नीचे हम इसके वर्गीकरण तथा लक्षणों के बारे में जानेंगे।


वर्गीकरण (Classification)

जगत (Kingdom)    -     जन्तु(Animalia)
शाखा (Branch)       -    पैराजोआ (Parazoa)
संघ (Phylum)         -     पोरीफरा (Porifera)
वर्ग (Class)             -     डिमोस्पंजी (Demospongiae)
उपवर्ग (Subclass)   -     मोनैक्सोनिडा (Monaxonida)
गण (Order)            -     हैप्लोस्क्लीराइडा (Haplosclerida)

स्पंजिला (spongilla) स्पंज क्या है: वर्गीकरण, लक्षण, चित्र|hindi

लक्षण (Characteristics)
स्पंजिला से संबंधित कुछ लक्षण इस प्रकार हैं -

1. कई तालाबों, झीलों, पोखरों, आदि में पत्थरों, टहनियों, पत्तियों, आदि पर असममित पिण्डों के रूप में इसके स्पंजकाय (sponge bodies) मिलते हैं।
 
2. इसके पूरे स्पंजकाय पर अनेक सूक्ष्म चर्म रन्ध्र तथा कुछ बड़े ऑस्कुलर छिद्र होते हैं।

3. इसका चर्म स्तर अपेक्षाकृत महीन होता है। इस पर स्पंजिन धागों में निलम्बित सिलिकीय कण्टिकाएँ (siliceous) spicules) उभरी रहती हैं। कण्टिकाएँ सब एकाक्षीय (monaxon) होती हैं। 

4. इसकी नाल प्रणाली, रैगोन (rhagon) से विकसित होती है जोकि, जटिल ल्यूकोनॉएड (leuconoid) होता है। इसमें केन्द्रीय स्पंजगुहा भी कई नलिकाओं में बँटी होती है तथा कशाभी कक्ष (flagellated chambers) संख्या में बहुत अधिक, छोटे व गोल होते हैं। 

5. इनमें अलैंगिक जनन मुकुलकों (gemmules) द्वारा होता है। जाड़ों के अन्त में पूरे स्पंजकाय में असंख्य छोटे-छोटे भूरे-से मुकुलक बन जाते हैं और स्पंजकाय समाप्त हो जाता है। जहां मुकुलक गर्मियों की तेज हवा के साथ उड़कर दूर-दूर तक फैल जाते हैं। अगले जाड़ों में प्रत्येक मुकुलक से एक नन्हा स्पंज बाहर निकलकर बड़ा स्पंजकाय बन जाता है। इनमें लैंगिक जनन भी होता है।

उपर्युक्त लक्षणों द्वारा स्पंजिला के संबंध में कई जानकारियां मिलती हैं तथा इससे यह भी पता चलता है कि इनमें अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।




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