पोरीफेरा संघ के अंतर्गत कई ऐसे स्पंज आते हैं जो उपयोगी होते हैं तथा जिन का प्रयोग लोग विभिन्न कार्यों के लिए करते हैं। इन स्पंजो को इनके वास स्थान से निकालकर लोगों तक पहुंचाना स्पंज उद्योग के अंतर्गत आता है। स्पंज उद्योग क्या होता है और इसकी प्रक्रिया क्या होती है नीचे हम इसके बारे में जानेंगे।
स्पंज उद्योग (Sponge Industry)
स्पंज उद्योग के अंतरगत कई चरण होते हैं जो इस प्रकार हैं -
1. भौगोलिक वितरण (Geographical Distribution) : पोरीफेरा संघ के अंतर्गत कई उपयोगी स्पंज आते हैं जिनमें से विशेषतः बाथ स्पंज होते हैं जो अधिकतर भूमध्यसागर (Mediterranean Sea), लाल सागर (Red Sea), मेक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico) तथा पश्चिमी द्वीपसमूह (West Indies), ऑस्ट्रेलिया, फ्लोरिडा आदि देशों के तटीय सागर में मिलती हैं। इन देशों में स्पंज का विस्तृत उद्योग होता है। जहां से इन्हें कई देशों में निर्यात किया जाता है।
2. स्पंज संचयन (Sponge Collection) : समुद्र के तटीय सागर से इन स्पंजों को कई विधियों से एकत्रित करते हैं। इन्हें एकत्र करने की पुरानी विधि में नाव से गोताखोर समुद्र में गोता लगाकर हाथों से या काँटेदार आँकड़ों (hooks) से स्पंजकायो को बटोरते हैं। लेकिन अब आधुनिक स्पंज-मछुवाही (sponge-fishing) में विद्युत्चालित जलपोतों (trawlers) की सहायता से भी स्पंजकाय बटोरे जाते हैं।
3. संसाधन (Processing) : समुद्र से एकत्र करने के बाद जब इन्हें लाया जाता है तो यह स्पंजकाय काले, गन्दे और असममित आकार के होते हैं। समुद्र के किनारे इनके ढेर लगा दिए जाते हैं या फिर इन्हें रस्सियों से लटका दिया जाता है। ऐसी स्थिति में ये शीघ्र मृत होकर सड़ने लगते हैं। जिससे धीरे-धीरे इनका सारा सजीव पदार्थ सड़कर नष्ट हो जाता है और केवल स्पंजिन कंकाल बचा रहता है। इन कंकालों को डण्डों से पीट-पीटकर तथा जल से धोकर साफ कर लेते हैं। फिर इसे पॉलिश करके बाजार की माँग के अनुसार टुकड़ों में काट लेते हैं और बेचने के लिए भेज दिया जाता है।
उपर्युक्त द्वारा हमें यह पता चलता है कि स्पंज उद्योग कैसे काम करता है तथा इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है। इसके अलावा हमें यह भी पता चला कि इसका संवर्धन करके कैसे उद्योग में प्रयोग किया जाता है।
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