लेबियो रोहिता (Labeo rohita) : वर्गीकरण, लक्षण, चित्र का वर्णन|hindi


लेबियो  रोहिता (Labeo rohita)


लेबियो  रोहिता (Labeo rohita) : वर्गीकरण, लक्षण, चित्र का वर्णन|hindi

लेबियो कोर्डेटा (Chordata) संघ का एक जीव है। इसे आमतौर पर रोहू के रूप में जाना जाता है।लबियो रोहिता नदियों और तालाबों में बहुतायत में पाई जाती है। ये bottom feeder तथा शाकाहारी हैं। आज नीचे हम इसके वर्गीकरण तथा लक्षणों के बारे में जानेंगे। 

वर्गीकरण (Classification)

संघ (Phylum)               -       कोर्डेटा (Chordata)
समूह (Group)               -       क्रेनियाटा (Craniata)
उपसंघ (Subphylum)    -       
वर्टीब्रेटा (Vertebrata)
प्रभाग (Division)          -       ग्नथोस्टोमेटा (Gnathostomata)
महावर्ग (Superclass)    -        Pisces
वर्ग (Class)                   -        ओस्टिचथायस (Osteichthyes)
गण (Order)                 -        साइप्रिनफॉर्मिस (Cypriniformes)
जाति (Genus)              -         लेबियो(Labeo)
नस्ल (Species)            -         रोहिता (rohita)

लेबियो  रोहिता (Labeo rohita) : वर्गीकरण, लक्षण, चित्र का वर्णन|hindi

लक्षण (Characteristics)

Labeo rohita से संबंधित कुछ लक्षण इस प्रकार हैं -

1. Labeo rohita सबसे प्रसिद्ध carp मछली है और आमतौर पर रोहू के रूप में जाना जाता है।

2. इसका शरीर मध्यम रूप से गोल पेट के साथ लम्बा होता है, जिसकी लंबाई 1 मीटर तक होती है और इसका वजन लगभग 4 किलो होता है।

3. इसके शरीर का रंग ऊपर से भूरा, भूरा से काला और नीचे चांदी सफेद रंग का होता है।

4. इसकी Scales (cycloid) बड़े होते हैं तथा यह केंद्र में नारंगी से लाल रंग के होते हैं। 

5. इसका सर blunt snout के साथ बाहर निकला हुआ होता है। इसका मुंह अनुप्रस्थ और अर्ध-अंडाकार होता है जिसमें fringed मोटे होंठ होते हैं। ऊपरी होंठ से filamentous barbels की एक जोड़ी निकलती है।

6. इसकी Lateral line अलग होती है।  

7. इसमें एक जोड़ी fins उपस्थित होते हैं। Dorsal fin एक होता है जो pelvic fins के ठीक ऊपर होते हैं। तथा  caudal fin दो भागों में कटा होता है। 

8. इसका Air-bladder आमतौर पर बड़ा होता है और anterior तथा posterior भाग में विभाजित होता है। 

9. यह अपने खाद्य मूल्य के कारण आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसे खाने में बहुत ही पसंद किया जाता है। 

10. Labeo rohita का Fin formula: D. 16, P. 17, V. 9, A. 7, C. 19. होता है। lateral line पर 40-41 Scales उपस्थित होते हैं। 

11. लबियो रोहिता नदियों और तालाबों में बहुतायत में पाई जाती है। ये bottom feeder तथा शाकाहारी हैं। इसे कतला कतला और सिरहिना मृगला के साथ पाला जाता है। यह नदियों और तालाबों में प्रजनन करता है न कि सीमित जल में।

12. लबियो रोहिता पूरे उत्तरी और मध्य भारत में पाया जाता है। यह अब गोदावरी और कृष्णा नदियों में भी पाई जाती है।




FAQs

1. क्या लेबियो रोहिता मीठे पानी की मछली है?

Ans: हाँ, लेबियो रोहिता एक मीठे पानी की मछली है। यह मुख्य रूप से नदियों, तालाबों, और झीलों में पाई जाती है। इसे भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, और श्रीलंका में व्यापक रूप से पाला जाता है।


2. लेबियो रोहिता की पहचान कैसे करें?

Ans: लेबियो रोहिता की पहचान कई विशेषताओं से की जा सकती है जैसे:

  • इनका शरीर लंबा और चपटा होता है।
  • सिर बड़ा और चौड़ा होता है।
  • मुंह छोटा और निचला होता है।
  • मोटे और चबाने वाले होंठ
  • चार मूंछें, दो ऊपरी होंठ पर और दो निचले होंठ पर।
  • शरीर का रंग सिल्वर होता है और पीठ गहरे रंग की होता है।
  • इसके पंखों का रंग हल्का पीला होता है।


3. भारत की सबसे महंगी मछली कौन सी है?

Ans: भारत की सबसे महंगी मछली हिमालयन हिल्सा (Hilsa) है। यह मछली गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में पाई जाती है। यह मछली अपने स्वाद और पौष्टिक मूल्य के लिए जानी जाती है।


4. क्या लेबियो रोहिता के दांत होते हैं?

Ans: हाँ, लेबियो रोहिता के दांत होते हैं, लेकिन वे बहुत छोटे और नुकीले होते हैं। इन दांतों का इस्तेमाल यह शैवाल और अन्य जलीय पौधों को खाने के लिए करते हैं।


5. कौन सी मछली में कांटे नहीं होते हैं?

Ans: ऐसी कई मछलियां हैं जिनमें कांटे नहीं होते हैं, जैसे काला चित्ती (Black Catfish), रीवा (Rohu), कटला (Catla), मृगल (Mrigal), गौण (Common Carp), और ग्रास कार्प (Grass Carp). इन मछलियों में कांटे नहीं होते हैं, इसलिए इन्हें खाना आसान होता है।



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