Loris: वर्गीकरण, लक्षण, चित्र का वर्णन
Loris कॉर्डेटा संघ का एक जीव है। यह एक आदिम, रात्रिचर और वृक्ष पर रहने वाला जीव होता है। यह फलों या छोटे जानवरों को खाता है।
वर्गीकरण (Classification):
Phylum - Chordata
Group - Craniata
Subphylum - Vertebrata
Division - Gnathostomata
Superclass - Tetrapoda
Class - Mammalia
Subclass - Theria
Infraclass - Eutheria
Order - Primates
Suborder - Lemuroidea
Genus - Loris
Loris के लक्षण
1. Loris का शरीर मोटे और ऊनी भूरे रंग के फर से ढका होता है, जो देखने में चांदी जैसा दिखता है।
2. इसका सिर लोमड़ी की तरह होता है और एक pointed muzzle (snout) की तरह बना होता है। इसमें नासिका के समान छिद्र, पास-पास उभरी हुई आंखें और छोटी pinnae होती है।
3. इसके Eye orbits आगे की ओर निर्देशित होती हैं।
4. इसकी पूँछ लंबी होती है, लेकिन कहीं पकड़ बनाने योग्य नहीं होती है।
5. Loris के अंग लंबे होते हैं। इसकी उंगलियों पर चपटे नाखून होते हैं, सिवाय दूसरे उंगली के, जिसमें एक sharp toilet claw होता है। इसका चौथा अंग सबसे लंबा होता है।
6. इसके होंठ मसूड़ों से चिपके रहते हैं और बाहर निकलने योग्य नहीं होते है।
7. दांत primitive होते हैं अर्थात इसके दांत अत्यंत साधारण और अविकसित होते हैं। इसमें 36 दांत होते हैं।
8. इसका मस्तिष्क गोलार्द्ध (Cerebral hemispheres) छोटा होता है और cerebellum को कवर नहीं करता है।
9. वे उल्लेखनीय रूप से धीमी और जानबूझकर की जाने वाली गतिविधियां करते हैं और अक्सर उल्टे लटके रहते हैं।
10. Lorises में उच्च प्राइमेट्स की कुछ विशेषताएं भी पाई जाती हैं, उदाहरण के लिए, बुल्ला के साथ जुड़ी हुई tympanic ring, गोल मस्तिष्क और कुछ प्रारंभिक लक्षण भी पाए जाते हैं, जैसे पेट के ऊपर त्वचा की अनुप्रस्थ तह जिसे marsupium का अवशेष माना जाता है।
11. Lorises मेडागास्कर के बाहर विशेष रूप से भारत और श्रीलंका में पाए जाते हैं।
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