मेंढक एवं टोड के लक्षणों की तुलना(Comparison of Characteristics of Frogs and Toads)|hindi


मेंढक एवं टोड के लक्षणों की तुलना (Comparison of Characteristics of Frogs and Toads)
मेंढक एवं टोड के लक्षणों की तुलना(Comparison of Characteristics of Frogs and Toads)|hindi

मेंढक (Frog)– राना टिग्रिना तथा टोड (Toad)–ब्यूफो मिलैनोस्टिक्टस में तुलना
  1. मेंढक जल-स्थलचर दोनों होते हैं अर्थात यह जल में या जलाशयों के निकट नम भूमि पर दोनों जगह पाए जाते हैं जबकि टोड मुख्यतः स्थलचर होते हैं। यह केवल अण्डनिक्षेपण के लिए जल में जाते हैं।
  2. मेंढक मुख्यतः दिनचर (diurnal) होते हैं अर्थात यह दिन में बाहर निकलते हैं जबकि टोड मुख्यतः रात्रिचर (nocturnal) होते हैं। यह रात में शिकार के लिए  निकलता है तथा दिन में पत्थरों आदि के नीचे छिप जाते हैं।
  3. मेंढक का शरीर 12 से 20 सेमी लम्बा होती है तथा त्वचा श्लेष्म के कारण चिकनी व लसलसी होती है। इसमें विष ग्रन्थियाँ अनुपस्थित रहती है जबकि टोड का शरीर 5 से 13 सेमी लम्बा होता है। इसकी त्वचा पर उभरी अनेक विष ग्रन्थियाँ होती है। इसके कारण इसकी त्वचा शुष्क व खुरदरी होती है।
  4. मेंढक में पैरोटॉएड ग्रन्थियाँ अनुपस्थित होती है जबकि टोड में कर्णपटह के पीछे एक जोड़ी बड़ी पैरोटॉएड ग्रन्थियाँ उपस्थित रहती है।
  5. मेंढक की तुण्ड (trunk) नुकीली-सी होती है जबकि टोड की तुण्ड आगे से गोलाकार या अर्धचन्द्राकार होती है।
  6. मेंढक के पीछे के पैर आगे के पैरों से अपेक्षाकृत अधिक लम्बे होते हैं। इनकी अँगुलियों के बीच विकसित जाल होता है तथा इसकी अँगुलियों के सिर काले नहीं होते हैं जबकि टोड के पीछे के पैर आगे की पैरों से अपेक्षाकृत कम लम्बे होते हैं। इनकी अँगुलियों के बीच अर्धविकसित जाल होता है तथा इनकी अँगुलियों के सिरे काले व हॉर्नी होते हैं।
  7. मेंढक के मुख-ग्रासन गुहिका में ऊपरी जबड़े में दाँत उपस्थित रहते हैं जबकि टोड की मुख-ग्रासन गुहिका में दाँत नहीं होते हैं।
  8. मेंढक की जीभ स्वतन्त्र छोर पर द्विशाखित हो जाती है जबकि टोड की जीभ स्वतन्त्र छोर पर द्विशाखित नहीं होती है।
  9. मेंढक की अंसमेखला में ओमोस्टर्नम तथा एपिस्टर्नम होती हैं जबकि टोड की अंसमेखला में ओमोस्टर्नम तथा एपिस्टर्नम नहीं होती है।
  10. मेंढक की कशेरुकदण्ड के इधर-उधर स्वैमर्डम की चूना ग्रन्थियाँ उपस्थित रहती है जबकि टोड में यह अनुपस्थित रहती है।
  11. मेंढक में नवीं कशेरुका के अनुप्रस्थ प्रवर्ध बाहर व पीछे की ओर झुके रहते है। यूरोस्टाइल के अग्र छोर पर नवीं कशेरुका के दो उभारों के लिए दो गड्ढे होते है तथा आठवीं कशेरुका उभयगर्ती व नवीं अगर्ती होती है। जबकि टोड में ये प्रवर्ध सीधे होती है। यूरोस्टाइल के अग्र छोर पर गड्ढों के बजाय दो उभार होते हैं तथा आठवीं कशेरुका अग्रगर्ती व नवीं उभयगर्ती होती है।
  12. मेंढक में यकृत तीन पिण्डों में बँटा-सा रहता है जबकि टोड में यकृत दो पिण्डों में बँटा-सा रहता है
  13. मेंढक में अवस्कर मार्ग में दोनों मूत्रवाहिनियाँ पृथक् छिद्रों से खुलती हैं। जबकि टोड में एक ही सहछिद्र से खुलती हैं।
  14. मेंढक में स्पॉन  असममित आकार का होता है। जबकि टोड में यह अण्डों की दोहरी लड़ी के रूप में होता है
  15. मेंढक के अण्डे हल्के काले रंग के तथा डिम्भक हल्के रंग का होता है। जबकि टोड के अण्डे व डिम्भक दोनों गहरे रंग के होते हैं।


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