पक्षियों में पैरों या पंजों के प्रकार (Types of Feet or Claws In Birds)|in Hindi


पक्षियों में पैरों या पंजों के प्रकार (Types of Feet or Claws In Birds)


पक्षियों में पैरों या पंजों के प्रकार (Types of Feet or Claws In Birds)|in Hindi


विभिन्न पक्षियों में उनकी पंजे का आकार अलग अलग होता है। यहाँ कुछ सामान्य प्रकार की पंजों का वर्णन किया गया है-



A. दौड़ने वाले या कर्सोरियल पैर वाले पक्षी (Running or cursorial feet)

1. ऐसे पक्षी जो दौड़ते हैं उनके पैर शक्तिशाली होते हैं और उंगलियों की संख्या कम होती है।

2. इनका पिछला पंजा ऊपर उठा हुआ, छोटा या अनुपस्थित होता है।

3. रैटाइट्स (Ratites) ग्रुप के पक्षी, जैसे Rhea, Emu, Cassowary और coursers, bustards छोटे पंजे वाले पक्षी होते हैं और इनमें आगे की ओर निर्देशित तीन पंजे होते हैं। शुतुरमुर्ग के पैरों में केवल दो पंजे होते हैं, अर्थात तीसरा या मध्य पंजा और चौथा या बाहरी पंजा छोटा होता है और उसमें नाखून नहीं होते है।




B. बैठने वाले पैर (Perching feet)

1. बैठने वाले पैर अधिकांश पक्षियों (passer birds) में पाए जाते हैं, जैसे गौरैया, कौवे, बुलबुल, कोयल, मैना और रॉबिन आदि।

2. इस प्रकार के पैर में चार चलने योग्य उंगलियाँ होती हैं, आगे की तीन उंगलियाँ पतली होती हैं और इनका पिछला पैर या हल्क्स (hallux) लंबा, मजबूत और तीखे पंजों वाला होता है।

3. Perching feet में विपरीत पंजे (opposable toes) होते हैं जिसके कारण ये पक्षी अपने पैर को पेड़ की शाखा से कसकर बाँध सकते हैं।



C. चढ़ाई वाले पैर (Climbing feet)

1. Climbing feet अर्थात चढ़ाई वाले पैर मुख्यतः तोते, कठफोड़वा और hoopoes में पाए जाते हैं।

2. ये पैर युग्मज-संयोजी (zygotactylous) होते हैं। इसके दूसरे और तीसरे पैर की उंगलियाँ आगे की ओर होती हैं, जबकि पहले और चौथे पैर की उंगलियाँ पीछे की ओर होती हैं।

3. इस तरह के पैर पकड़ने के लिए अनुकूलित होता है और विशेष रूप से पेड़ों और दीवारों की ऊर्ध्वाधर सतहों पर चढ़ने के लिए अनुकूलित होता है।



D. चिपकने वाले पैर (Clinging feet)

1. चिपकने वाले पैर अर्थात Clinging feet मुख्यतः मार्टिनेट, swifts और हमिंग बर्ड में पाए जाते हैं।

2. इसमें चारों उंगलियाँ आगे की ओर होती हैं जिसमें लंबे, नुकीले और घुमावदार पंजे होते हैं।

3. यह पैर पेड़ों या किसी भी ऊर्ध्वाधर सतह पर भोजन करते समय चिपकने के लिए अनुकूलित होता है।



E. खुरचने वाले पैर (Scratching feet)

1. खुरचने वाले पैर मुर्गों, बटेरों और तीतरों में पाए जाते हैं।

2. पैर मोटे होते हैं और उनमें मजबूत पंजे होते हैं।

3. दूसरे, तीसरे और चौथे पैर की उंगलियाँ आगे की ओर होती हैं, जबकि पहला पैर पीछे की ओर होता है।

4. पक्षियों के पैर दौड़ने के साथ-साथ ज़मीन खुरचने के लिए भी अनुकूलित होता है।

5. नर पक्षियों के पैर में आमतौर पर लड़ने और मादाओं को रौंदने के लिए एक नुकीला bony spur उपस्थित होता है।




F. शिकारी पक्षी के पैर (Raptorial feet)

1. शिकारी या मांसाहारी पक्षियों में इस तरह के पैर पाए जाते हैं। इसमें मुख्यतः ओस्प्रे, बाज, चील, eagles, उल्लू और गिद्ध जैसे पक्षी आते हैं।

2. इसके चारों पंजे बड़े होते हैं और पिछला भाग मज़बूती से विकसित होता है। इनके पंजे बड़े, मज़बूत, नुकीले और घुमावदार होते हैं। सभी पंजों की निचली सतह पर बड़े मांसल बल्ब होते हैं जिन्हें टाइलारी (tylari) कहा जाता है। ये बाज में अच्छी तरह विकसित होते हैं।

3. Osprey और ketupa पक्षियों में tylari अनुपस्थित होते हैं, लेकिन इनमें नुकीले denticulated spines मौजूद होते हैं, जो फिसलन वाले जीवों (मछलियों) को पकड़ने के काम आते हैं।

4. इनके पैर शिकार को पकड़ने और थामे रखने के लिए संशोधित होता है।




G. तैरने वाले पैर (Swimming feet)

तैरने वाले पक्षियों के पैर दो प्रकार से परिवर्तित होते हैं- 

  1. तैरने और गोता लगाने वाले पैर (swimming and diving type feet) 
  2. तैराकी और पैडलिंग करने वाले पैर (swimming and paddling type feet)

I. तैराकी और गोताखोरी वाले पैर (Swimming and diving feet)

1. तैराकी और गोताखोरी वाले पैरों में पंजे आंशिक रूप से या पूरी तरह से जालदार होते हैं। इस प्रकार के पैर coots और grebes में पाए जाते हैं। इन पक्षियों में जाल निचली सतह पर लोबनुमा होता है और पंजे मुक्त होते हैं।

2. Grebes में प्रत्येक पंजा चप्पू जैसा होता है जिसके दोनों ओर मांसल त्वचीय लोब होते हैं।

3. ग्रेब में नाखून चपटे होते हैं और coot में थोड़े घुमावदार होते हैं।

4. इस प्रकार के पैर पानी में तैरने और गोताखोरी के लिए अनुकूलित होते हैं।



II. तैरने और पैडल मारने वाले पैर (Swimming and paddling feet)

1. तैरने और पैडल मारने वाले पैर cormorants, पेलेकन, बत्तख और teal में पाए जाते हैं। यहाँ पंजे जालदार होते हैं।

2. जलकाग (cormorants) और पेलेकन में चारों पंजे अपनी पूरी लंबाई में एक मज़बूत जाल से जुड़े होते हैं।

3. बत्तख और टील (teal) पक्षी में पहला पंजा अपेक्षाकृत छोटा और मुक्त होता है, जबकि आगे की तीन उंगलियां पूरी तरह जालदार होती हैं।




H. गद्देदार पैर (Wadding feet)

1. गद्देदार पैर अर्थात Wadding feet मुख्यतः बगुले, जैकाना, lapwing और snipes जैसे पक्षियों में पाए जाते हैं।

2. इस प्रकार के पैरों में पैर और उंगलियाँ बहुत लंबी और पतली होती हैं और इसमें जाल अनुपस्थित या कम विकसित होता है।

3. इस तरह के पैर जलीय पत्तियों (वनस्पति) या दलदलों पर चलने के लिए अनुकूलित होते हैं।








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