Ancylostoma duodenale: Introduction, Habitat, Morphology| In hindi


Ancylostoma duodenale: Habitat, Morphology

Ancylostoma duodenale: Introduction, Habitat, Morphology| In hindi


हुकवर्म (Hookworms) परजीवी गोलकृमि (parasitic roundworms) होते हैं जो मनुष्य के लिए सबसे खतरनाक होते हैं। ये Nematoda संघ के Strongyloidea order से संबंधित हैं।

नर Ancylostoma में एक उत्कृष्ट morphological विशेषता पाई जाती है, यह copulatory bursa होता है जो rays द्वारा समर्थित है।

ऊपर दिया गया विवरण मुख्यतः Ancylostoma duodenale, सामान्य हुकवर्म के आधार पर किया गया है। इसकी खोज 1838 में Dubini द्वारा एक इतालवी किसान महिला (Italian peasant woman) के शव परीक्षण में की गई थी।


भौगोलिक वितरण (Geographical distribution) 

लगभग डेढ़ अरब लोग या विश्व की लगभग 25% आबादी हुकवर्म से संक्रमित है। Ancylostoma duodenale को आमतौर पर "old world hook-worm" कहा जाता है। यह एशिया, अफ्रीका, यूरोप, प्रशांत द्वीप समूह और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में मनुष्यों में पाया जाने वाला एक आम हुकवर्म है। हालाँकि, यूरोप और एशिया में इसका प्रकोप अधिक पाया जाता है।
Ancylostoma की कुछ अन्य प्रजातियाँ हैं- A. caninum और A. braziliense, जो आमतौर पर कुत्तों और बिल्लियों दोनों में पाई जाती हैं, तथा A. malayanum भालुओं में आम है।


आदतें और आवास (Habits and habitat)

हुकवर्म आदिम परिस्थितियों में पनपते हैं, जहां लोग नंगे पैर चलते हैं, आधुनिक स्वच्छता की स्थिति नहीं होती और मानव मल जमीन में जमा होता है। वयस्क कृमि मनुष्य की आंत में परजीवी के रूप में रहते हैं, जहां वे आंत की दीवार (intestinal wall) की परत से रक्त, लसीका, श्लेष्म झिल्ली के टुकड़े और ऊतक द्रव को चूसते हैं। संक्रामक किशोर (infective juveniles) मानव शरीर में मल द्वारा दूषित मिट्टी से प्रवेश करते हैं, क्योंकि इसमें यह प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।


संरचना (Structure) 

labelled diagram of Male and female Ancylostoma duodenale- A. Adult male, B. Adult female, C. Anterior end, D. posterior end of male.


Ancylostoma duodenale में नर तथा मादा दोनों अलग-अलग होते हैं। परिपक्व Ancylostoma आकार में बेलनाकार और सफेद या भूरे रंग के होते हैं। वयस्क नर की लम्बाई 8 से 11 मिमी व्यास की होता है; जबकि वयस्क मादा आम तौर पर बड़ी होती है, जो 10 से 13 मिमी लम्बी और 0.6 मिमी व्यास की होती है।

नर और मादा Ancylostoma का अग्र भाग समान होता है तथा इसका पृष्ठीय भाग कुछ संकरा और घुमावदार होता है, संभवतः यही कारण है कि इन्हें हुकवर्म कहा जाता है। इसका मुंह एक बड़े कप के आकार की गुहा या buccal capsule में खुलता है, जो अंदर से cuticle से ढका होता है।

Ancylostoma के मुख कैप्सूल (buccal capsule) का प्रवेश द्वार दांतों वाली काइटिनस वेंट्रोलेटरल कटिंग प्लेटों (chitinous ventrolateral cutting plates) की एक जोड़ी से सुसज्जित होता है। मुख कैप्सूल के आधार में दो sharp teeth या lancets भी मौजूद होते हैं। Buccal capsule host की आंत की दीवार के साथ जुड़ने का काम करता है। इसके शरीर के अग्र सिरे (anterior end) की dorsal curving संभवतः intestinal epithelium पर काइटिनस प्लेटों (chitinous plates) और लैंसेट (lancets) की बेहतर पकड़ बनाने की अनुमति देता है।

मादा Ancylostoma का पिछला सिरा पतला होता है, जबकि नर Ancylostoma का पिछला सिरा एक चौड़ी छतरी जैसी संरचना की तरह होता है जिसे copulatory bursa कहते हैं। Copulatory bursa क्लोअका को घेरे हुए रहता है। Copulatory bursa एक निश्चित व्यवस्था वाली fleshy bursal rays द्वारा supported रहता है। Buccal capsule में Bursal rays और teeth taxonomic value के होते हैं।

इसकी अनुप्रस्थ काट में, देहभित्ति में बाहर से एक cuticle, epidermis और अनुदैर्ध्य दिशा वाली मांसपेशियाँ (longitudinally directed musculature) शामिल होती हैं। इसकी body cavity एक pseudocoel होती है जो निम्नलिखित अंग प्रणालियों को घेरे रहती है-

- इसके पाचन तंत्र में एक mouth, buccal capsule, muscular pharynx जिसमें एक त्रि-विकिरण लुमेन (tri-radiate lumen) होता है जो cuticle से पंक्तिबद्ध होता है, एक oesophageal bulb, intestine, मलाशय और मादा में एक गुदा तथा नर में एक cloaca होता है।

- Ancylostoma रक्त को ग्रसनी (pharynx) की चूषण क्रिया द्वारा host की आंत की दीवार में अपने छोटे दांतों या lancets द्वारा किये गए छिद्र से चूसता है, जिसे cutting plates द्वारा buccal capsule में दबा दिया जाता है।

- नर और मादा दोनों कृमि घाव में एक anti-coagulant स्रावित करते हैं जो रक्त को जमने से रोकता है। जब कृमि किसी अन्य स्थान पर चला जाता है तो उसके बाद भी घाव से कुछ समय तक रक्त रिसता रहता है। प्रत्येक वयस्क कृमि प्रतिदिन अपने host से लगभग 0-8 cc रक्त चूसता है, जिसके परिणामस्वरूप host को गंभीर anaemia हो जाता है। Ancylostoma में पाचन क्रिया आंत में होती है।

- Ancylostoma का उत्सर्जन तंत्र Ascaris के समान होता है। इसमें lateral cords में दो अनुदैर्घ्य नलिकाएँ (longitudinal canals) और एक छोटी अग्र उत्सर्जन नलिका (anterior excretory canal) होती है जो उत्सर्जन छिद्र (excretory pore) के माध्यम से बाहर की ओर खुलती है।

- नर Ancylostoma के शरीर के मध्य में आंत के चारों ओर एक एकल नलिकाकार (single tubular) धागे जैसा वृषण होता है। यह पीछे की ओर शुक्रवाहिनी (vas deferens) में जाता है, जिसके बाद seminal vesicle होती है। seminal vesicle का पिछला सिरा एक छिद्रक वाहिनी (aculatory duct) में पतला होता जाता है जो cloaca में जाती है।


- मादा में दो अत्यधिक जटिल डिम्बग्रंथि नलिकाएँ (ovarian tubules) होती हैं, एक gonopore के स्तर के आगे और दूसरी पीछे। प्रत्येक अंडाशय एक छोटी oviduct में स्थित होता है जो एक विस्तृत वीर्य ग्राही (dilated seminal receptacle) में खुलती है। इस ग्राही से एक पेशीय गर्भाशय (muscular uterus) निकलता है जो vagina में समाप्त होता है। दोनों योनियाँ आपस में मिल जाती हैं और सामान्य gonopore या vulva के माध्यम से खुलती हैं।









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