हाइड्रा, अलैंगिक एवं लैंगिक, दोनों ही विधियों से प्रजनन करता है-
- अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction)
- लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)
अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction) : हाइड्रा में अलैंगिक जनन मुकुलन (budding) द्वारा होता है। हमारे देश में, जाड़ों में, अक्टूबर से जनवरी तक, जब जलाशयों में सूक्ष्म जीव-जन्तुओं की भरमार होती है, हाइड्रा में सक्रिय मुकुलन होने लगता है। Hydra में bud का निर्माण interstitial cell द्वारा होता है। यह cells ectoderm के पास पहुंचकर लगातार विभाजन करने लगती है। जिसके कारण ectodermis में उभार सी बन जाती है। यह उभार कलिका (Bud) का निर्माण करती है। ये bud parent Hydra से अलग होकर young Hydra का निर्माण करती है। अनुकूल वातावरण में एक स्वस्थ हाइड्रा के शरीर पर एक साथ कई कलिकाएँ बनती रहती हैं।
लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) : जाड़े के अन्तिम दिनों (फरवरी एवं मार्च) में, जब ताप के बढ़ने से जलाशय सूखने लगते हैं और इनके जल में CO2 की अधिकता तथा भोजन की कमी होने लगती है तब हाइड्रा में लैंगिक जनन होता है।
- Hydra के शरीर पर नन्हीं गाँठों के रूप में gonads बन जाते हैं।
- कुछ हाइड्रा की जातियाँ एकलिंगी (unisexual) होती है जैसे- Hydra oligactis। अर्थात नर तथा मादा Hydra अलग अलग होते हैं।
- कुछ Hydra द्विलिंगी (bisexual, or hermaphrodite) होते है जैसे- Hydra viridissima। अर्थात एक ही Hydra पर नर तथा मादा gonads पाए जाते हैं।
- gonads— testes तथा ovaries— Hydra के जठर भाग पर बनते हैं। एकलिंगी हाइड्रा में ये पूरे जठर भाग पर फैले होते हैं। जबकि द्विलिंगी हाइड्रा में वृषण मुख की तरफ तथा अण्डाशय आधार की तरफ होते हैं।
- अण्डाशय संख्या में एक तथा वृषण संख्या में अधिक होते हैं।
- एकलिंगी हाइड्रा के वृषण गोल गाँठ जैसे होते हैं। जबकि द्विलिंगी हाइड्रा में ये शंक्वाकार होते हैं और प्रत्येक के शिखर पर शुक्राणुओं (sperms) के निकलने के लिए एक निकासद्वार होता है। इनमें अण्डाशय की संख्या एक से तीन तक होती है और यह गाँठों जैसे होते हैं।
- Hydra में gonads एपिडर्मिस की transformed interstitial cells का एक समूह होता है जो शरीर के विभिन्न भागों से आकर यहाँ एपिडर्मिस के ठीक नीचे एकत्रित हो जाती हैं। इन्हें गोनिया (gonia) कहते हैं। इनमें gametogenesis के द्वारा gonads में वृद्धि होती है जिससे इसके ऊपर की एपिडर्मिस बाहर की ओर खिंचती जाती है। फिर भी इसकी कोशिकाओं का मीसोग्लिया से सम्बन्ध बना रहता है। इस प्रकार, प्रत्येक gonads पर एपिडर्मिस का रक्षात्मक आवरण रहता है।
शुक्रजनन (Spermatogenesis) : वृषणों के gonia spermatogonia कहलाते हैं। विभाजन एवं वृद्धि द्वारा ये primary spermatocytes बनाते हैं। इनमें फिर Spermatogenesis के दो विभाजन होते हैं—पहला अर्धसूत्री (meiotic) तथा दूसरा समसूत्री (mitotic)।
- प्रत्येक primary spermatocytes चार अर्धसूत्री (haploid) spermatids में बँट जाती है। फिर Spermateleosis द्वारा spermatids पूंछ युक्त शुक्राणुओं (sperms) में बदल जाते हैं।
- यह शुक्राणु निकासद्वार के छिद्र से, या एपिडर्मिस के आवरण के फट जाने से जल में मुक्त होकर पूँछ द्वारा स्वतन्त्र तैरने लगते हैं।
अण्डजनन (Oogenesis) : अण्डाशयों के gonia अण्डजन (oogonia) कहलाते हैं। प्रत्येक अण्डाशय में एक oogonia बाकी अण्डजनों को खाकर कर अपने कोशिकाद्रव्य में संचित करके काफी बड़ा हो जाता है। इसे primary oocyte कहते हैं।
इसमें अण्डजनन के दो परिपक्व विभाजन होते हैं जिनमें से दो polar bodies निकल जाती हैं और यह अर्धसूत्री अण्डाणु (ovum) बन जाता है।
अण्डाणु के ऊपर की एपिडर्मिस फट जाती है और यह सिकुड़कर इसके आधार भाग के चारों ओर प्यालीनुमा कुशन (cushion), अर्थात् कप (cup) बना लेती है। इस प्रकार, अण्डाणु जल में छोड़ दिया जाता है।
निषेचन (Fertilization)
- Hydra में fertilization cross fertilization होता है। अर्थात एक Hydra के male gamete दूसरे Hydra के female gamete को fertilize करता है।
- Hydra में breeding season march, april में होता है। जब CO2 की अधिकता एवं जल तथा भोजन की कमी होती है अर्थात unfavorable condition होती है तब Hydra में fertilization होता है।
- Hydra का testis के टूट जाने से sperm बाहर निकलकर जल में तैरने लगते हैं और दूसरे Hydra के ovary पर पहुंच कर sperm अपना nucleus ovary में डाल देता है। जिससे sperm ova से fuse कर जाता है। इसे fertilization कहते हैं।
- Fertilization के बाद diploid zygote का निर्माण होता है।
भ्रूणीय परिवर्धन (Embryonic Development)
- निषेचन के बाद ही zygote में segmentation होने लगता है। यह holoblastic होता है। पहले दो विभाजन vertical तथा तीसरा मध्यरेखा पर horizontal होता है।
- इनके फलस्वरूप भ्रूण 8-कोशिकीय ठोस मॉरुला (morula) बन जाता है।
- अगले विभाजन के साथ-साथ भ्रूण में तरल से भरी blastocoel बन जाती है। इसकी कोशिकाएँ blastomeres गुहा के चारों ओर एक स्तर बना लेती हैं। यही भ्रूण की blastula प्रावस्था होती है।
- इसकी कोशिकाएँ जल्दी जल्दी विभाजित होकर गुहा में भरने लगती हैं। इस प्रक्रिया को अन्तःप्रवेशन (ingression) या डीलैमिनेशन (delamination) कहते हैं।
- इससे कुछ ही समय में भ्रूण ठोस stereogastrula बन जाता है। इसका बाहरी स्तर ectoderm तथा भीतरी ठोस समूह endoderm होता है।
- शीघ्र ही यह अपने चारों ओर चिपचिपा एवं chitinous मोटा, रक्षात्मक खोल बना लेता है जिसे थीका (theca) कहते हैं।
- थीका गोल या spindle-shaped तथा समतल या कॉटेदार होता है।
- इसके बनते ही भ्रूण parent हाइड्रा से अलग होकर जलाशय में जिस वस्तु पर गिरता है उसी पर चिपक जाता है।
- थीका सूखकर कड़ा हो जाता है। ग्रीष्म ऋतु में जलाशयों के सूख जाने से वयस्क हाइड्री नष्ट हो जाती हैं, परन्तु थीकाओं में सुरक्षित भ्रूण अगले जाड़ों तक के लिए बच जाते हैं।
- थीका में बन्द भ्रूण में कुछ परिवर्तन होते हैं। इसके भीतर एक गुहा—coelenteron बन जाती है।
- endodermie कोशिकाएँ, गुहा के चारों ओर, ectoderm स्तर के ठीक नीचे, इकहरा स्तर बना लेती हैं। इस प्रकार, भ्रूण द्विस्तरीय gastrula बन जाता है।
- दोनों स्तर अपने बीच मीसोग्लिया का स्रावण करते हैं। इस प्रकार, जाड़ा प्रारम्भ होने तक थीका में बन्द भ्रूण एक नन्हा हाइड्रा बन जाता है।
- जाड़ा प्रारम्भ होते ही यह थीका को फोड़कर बाहर, जल में आ जाता है और वृद्धि द्वारा सामान्य वयस्क बन जाता है।
- जाड़े भर वयस्क हाइड्री मुकुलन द्वारा प्रजनन करके संख्या में बढ़ती रहती हैं, परन्तु जाड़े के अन्तिम दिनों में ये लैंगिक जनन द्वारा भ्रूण बनाकर समाप्त हो जाती हैं। इस प्रकार हाइड्रा एक फसली जन्तु होता है।
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