रन्ध्र की संरचना (Structure of Stomata)|hindi


रन्ध्र की संरचना (Structure of Stomata)


रन्ध्र की संरचना (Structure of Stomata)|hindi


पत्तियों की निचली सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिनकों रन्ध्र (स्टोमेटा) [stomata] कहते हैं। इन्हीं रन्ध्रों से वाष्प विसरित (diffuse) होकर वातावरण में चली जाती है। कभी-कभी रन्ध्र (stomata) पत्ती की ऊपरी सतह पर भी पाये जाते हैं। लगभग 80-90% वाष्पोत्सर्जन रन्ध्रों (stomata) के द्वारा होता है।

प्रत्येक रन्ध्र में एक छिद्र होता है। मक्का के रन्ध्र (stomata) का छिद्र 4 चौड़ा तथा 26 लम्बा होता है। ये छिद्र चारों ओर से गुर्दे (kidney) अथवा सेम के बीज के आकार की बाह्यत्वचीय कोशाओं (epidermal cells) से घिरे रहते हैं। इनको द्वार-कोशाएँ अथवा रक्षक-कोशाएँ (guard cells) कहते हैं। ये कोशाएँ जीवित होती हैं तथा इनमें हरितलवक (chloroplast), जीवद्रव्य (protoplasm) व केन्द्रक (nucleus), आदि पाये जाते हैं। द्वार-कोशाओं की बाह्यभित्ति (outer wall) पतली तथा अन्तःभित्ति (inner wall) मोटी होती है। द्वार-कोशाओं (guard cells) के चारों ओर विभिन्न आकार की बाह्यत्वचीय कोशाएँ होती हैं जिनको गौण-कोशाएँ अथवा सहायक कोशाएँ (subsidiary cells or accessory cells) कहते हैं।

रन्ध्र की संरचना (Structure of Stomata)|hindi


पत्ती पर रन्ध्र का वितरण (Distribution of Stomata on Leaf)


साधारण पौधों की पत्ती में रन्ध्र (stomata) की औसत संख्या 50 से 300 (प्रति वर्ग मिलीमीटर पत्ती की सतह में) होती है, परन्तु कम-से-कम 14 और अधिकतम् 1038 रन्ध्र प्रति वर्ग मिलीमीटर तक पाये जाते हैं। एक पत्ती में उपस्थित प्रायः सभी रन्ध्रीय छिद्रों (stomatal pores) का सम्पूर्ण क्षेत्रफल मिलकर उस पत्ती के सम्पूर्ण क्षेत्रफल के लगभग एक से दो प्रतिशत के बीच होता है। पत्तियों में रन्ध्र (stomata) का स्थान तथा वितरण दोनों सतहों पर एक समान नहीं होता है। इस वितरण व्यवस्था के अनुसार रन्ध्र (stomata) निम्न प्रकार (types) के होते हैं-

रन्ध्र की संरचना (Structure of Stomata)|hindi

  1. सेब की प्रकार के (Apple type ) — रन्ध्र (stomata) केवल निचली सतह पर पाये जाते हैं, जैसे सेब
  2. आलू की प्रकार के (Potato type) — रन्ध्र (stomata) पत्ती की निचली सतह पर अधिक तथा ऊपरी सतह पर कम पाये जाते हैं, जैसे आलू, मटर, टमाटर ।
  3. जई की प्रकार के (Oat type) — इस दशा में रन्ध्र (stomata) पत्ती की दोनों सतहों पर बराबर पाये जाते हैं, जैसे जई, गेहूँ, आदि।
  4. जल कुमुदिनी की प्रकार के (Water lily type) — इस दशा में रन्ध्र (stomata) पत्ती की केवल ऊपरी सतह पर ही पाये जाते हैं, जैसे जल कुमुदिनी (Water lily)।
  5. पोटेमोजीटोन की प्रकार के (Potamogeton type) —इनमें रन्ध्र (stomata) साधारणतः नहीं पाये जाते हैं, अथवा अवशेषी (vestigial) अवस्था में होते हैं, जैसे पोटेमोजीटोन।



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