धातुओं के बारे में मुख्य तथ्य (Facts About Metals in Hindi)


धातुओं के बारे में मुख्य तथ्य (Facts About Metals in Hindi)
धातुओं के बारे में मुख्य तथ्य (Facts About Metals in Hindi)
  • प्रकृति में धातु (Metals) दो रूप में उपस्थित रहती हैं एक स्वतंत्र अथवा प्रकृति रूप में तथा दूसरी संयुक्त अवस्था में।
  • अधिकतर धातु प्रकृति में संयुक्त रुप में उपस्थित रहती हैं। कम क्रियाशील धातु प्रायः मुक्त अवस्था में पाए जाते हैं।
  • धातु उनके अयस्कों से रासायनिक विधियों द्वारा निष्कासित किया जाता है।
  • अधातु (Non-Metals) जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, सल्फर, कार्बन आदि पृथ्वी पर स्वतंत्र अवस्था में उपस्थित रहते हैं। अन्य अधातु पृथ्वी की भू-पर्पटी में संयुक्त रुप में उपस्थित रहते हैं।
  • धातु आघातवर्धनीय धन्य धन्य चमकीले ऊष्मा का विद्युत के सुचालक होते हैं। धातु (सोडियम और पोटेशियम को छोड़कर) कठोर और मजबूत होते हैं। अधिकतर धातुओं का (सोडियम और पोटेशियम को छोड़कर) क्वथनांक और गलनांक बहुत अधिक होता है।
  • सभी धातु ठोस होते हैं पारे को छोड़कर। सिर्फ पारा ही एक ऐसी धातु है जो तरल अवस्था में उपस्थित रहती है।
  • सभी धातु रुपहले, मटमैला रंग के होते हैं सोने और तांबे को छोड़कर।
  • अधातु भंगुर, मुलायम और निम्न क्वथनांक और गलनांक वाले होते हैं। अधातु ऊष्मा और विद्युत का कुचालक होते हैं अर्थात अधातु ऊष्मा और विद्युतरोधी होते हैं। केवल ग्रेफाइट ही एक ऐसा अधातु है जो ऊष्मा और विद्युत का सुचालक होता है।
  • अधातु सामान्य तापमान पर ठोस तरल अथवा गैसीय अवस्था में रहते हैं।
  • सोडियम एक अत्यंत क्रियाशील धातु होती है। यह सामान्य तापमान पर आक्सीजन के साथ तेजी से अभिक्रिया करती है। इसकी अभिक्रिया जल के साथ बहुत ही तीव्र होती है। यही एक महत्वपूर्ण कारण होता है कि सोडियम धातु को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
  • कुछ भोज्य पदार्थ जैसे नींबु ,चटनी, अचार आदि को तांबे, जस्ते, एल्यूमीनियम, लोहे आदि के बर्तनों में रखने की इजाजत नहीं दी जाती है क्योंकि इन पदार्थों में कमजोर अम्ल होते हें जो इन धातुओं के साथ संयोग करके विषाक्त यौगिकों का निर्माण करते हैँ। जो भोजन को जहरीला बना देता है।
  • सभी धातु आक्सीजन के साथ संयोग करके आक्सीकारक बनाते हैं।
  • अधिक क्रियाशील धातु जल के साथ संयोग करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
  • अधिकतर धातु तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करते हैं।
  • धातुओं के ऑक्सीकारक क्षारीय  होते हैं जबकि और अधातुओं के ऑक्सीकारक अम्लीय  होते हैं।
  • अनुलंब स्तंभ में धातुओं की अवरोहण क्रम में अभिक्रियाशीलता की व्यवस्था धातुओं की अभिक्रियाशील श्रंखला कहलाती है।
  • वह अभिक्रिया जिसमें अधिक क्रियाशील धातु कम क्रियाशील धातु को उसके लवण विलेयन से विस्थापित करता है, धातु विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।   
  • अधिक क्रियाशील धातु, कम क्रियाशील धातु को उसके लवण विलेयन से विस्थापित कर देते हैं किंतु कम क्रियाशील धातु, अधिक क्रियाशील धातुओं को उनके लवण विलयन से विस्थापित नहीं कर पाते हैं।
  • चांदी ,सोना और प्लैटिनम एक उत्कृष्ट धातु (Noble Metals) है। मिश्र धातु (Alloy)
  • प्लैटिनम का प्रयोग अधिकतर उद्योगों में उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
  • सोने की विशुद्धता (Purity of Gold) कैरेट में मापी जाती है।शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है।
  • धातुओं का वायु तथा नमी की उपस्थिति में परत दर परत धीमा विनाश धातुओं का संक्षारण (Corrosion of Metals) कहलाता है। धातुओं को संक्षारण से बचाने के लिए तेल, पेंट, ग्रीस आदि का प्रयोग करके, यशदीकरण द्वारा, कलई द्वारा, सम्मिश्रण द्वारा  कैथोडिक बचाव द्वारा आदि विधियों का प्रयोग किया जा सकता है।
  • धातु जैसे निकल, क्रोमियम, सोना, प्लैटिनम इत्यादि संक्षारित नहीं होते हैं।
  • लोहे की सतह पर नमी युक्त वायु की उपस्थिति में भूरे रंग का चूर्ण जंग कहलाता है।
  • एलुमिनियम का संक्षारण उसकी सतह पर एल्युमिनियम ऑक्साइड की पतली परत बनाता है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड तथा नमी युक्त वायु में तांबे की वस्तुएं हरी परत से ढक जाती है जो क्षारीय कॉपर कार्बोनेट होता है।


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