वायु के बारे में कुछ तथ्य (Facts about air)|hindi


वायु के बारे में कुछ तथ्य (facts about air)

वायु के बारे में कुछ तथ्य (Facts about air)|hindi
  • वायु (Air) हमारे चारों ओर होती है।
  • पृथ्वी के चारों ओर वायु का एक आवरण होता है जिसे वायुमण्डल  कहते हैं।
  • वायुमंडल की चार परतें होती हैं- क्षोभमण्डल, समतापमंडल, मध्यमंडल तथा बाह्यमंडल।
  • पृथ्वी के किसी भी भाग पर वायु द्वारा डाला गया दबाव उस भाग का वायुमंडलीय दबाव कहलाता है।
  • एक सरल वायुदाब मापी यंत्र, पारद-स्तंभ की ऊंचाई द्वारा वायुमंडलीय दाब मापता है। समुद्र तल पर सरल वायुदाब मापी यंत्र में पारद-स्तंभ की ऊंचाई 760mm या 76 सेंटीमीटर होती है।
  • 76 cm ऊँचे पारद-स्तंभ द्वारा डाला गया दबाव एक वायुमण्डलीय दबाव कहलाता है।
  • वायु मुख्यतः नाइट्रोजन (78.1%), ऑक्सीजन (20.9%), ऑर्गन (0.93%) व कार्बन डाइऑक्साइड (0.03%) का मिश्रण होती है।
  • वायु में उपस्थित सभी गैसों में से केवल कार्बन डाइऑक्साइड ही घुलनशील होती है, बाकी सभी गैसों घुलनशील होती हैं।
  • प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा ऑक्सीजन उत्पन्न होती है। यह प्रक्रिया पौधों द्वारा की जाती है।
  • वायु के विविध संघटक, संपीड़ित वायु से खंडीय आसवन द्वारा पृथक किए जा सकते हैं। वायु को उच्चदाब के अंतर्गत ठंडा करके द्रव रूप में परिवर्तित कर लिया जाता है।
  • वायु में ऑक्सीजन का 20% आयतन तथा 23.15% द्रव्यमान होता है।
  • पृथ्वी के भूपृष्ठ में ऑक्सीजन का द्रव्यमान 45.5% के लगभग होता है।
  • धात्विक ऑक्साइड को गर्म करके ऑक्सीजन प्राप्त किया जा सकता है।
  • ऑक्सीजन धातु तथा अधातुओं के साथ मिलकर उनके ऑक्सीकारक बनाता है।
  • धात्विक ऑक्सीकारक क्षारीय होते हैं जबकि अधातुओं के ऑक्सीकरण अम्लीय तथा तटस्थ होते हैं।
  • ऑक्सीजन का प्रयोग सभी जीवित प्राणियों द्वारा शिक्षण के लिए किया जाता है।
  • ऑक्सीजन की आवश्यकता इंधनों के दहन के लिए भी होती है।
  • फलीदार पौधों की जड़ों तथा ग्रंथिकाओं में उपस्थित सहजीवी बैक्टीरिया, वायुमंडलीय नाइट्रोजन को नाइट्रेटस ऑक्साइड में परिवर्तित कर देते हैं।
  • नाइट्रोजन का प्रयोग अमोनिया और नाइट्रिक अम्ल के उत्पादन में किया जाता है।
  • हानिकारक विषैली गैसें धुआं तथा धूल आदि से वायु का संदूषण वायु प्रदूषण (Air Pollution) कहलाता है। जो पदार्थ वायु प्रदूषण के कारक होते हैं उन्हें वायु प्रदूषक कहते हैं।
  • वायु प्रदूषक प्राकृतिक कारणों  तथा मानव गतिविधियों  के कारण हो सकता है।
  • प्राकृतिक कारण जो वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदाई होते है, वह हैं ज्वालामुखी उद्भेदन, वनाग्नि, कोहरा, धूल भरी आंधियां तथा परागकण व जीव-जंतुओं के अवशेषों का अपघटनआदि।
  • मानव गतिविधियां जो वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदाई हैं, वे हैं जीवाश्म ईंधनों का दहन, धातुओं का निष्कर्षण, कल-कारखानों का उपयोग अधिक गाड़ियों का प्रयोग आदि।
  • वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड द्वारा लंबी तरंगदैर्ध्य के अवरक्त विकिरण द्वारा पृथ्वी के वायुमंडल को गर्म करना ग्रीन हाउस प्रभाव (Greenhouse Effect) कहलाता है।
  • सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्सीकारकों से बने अम्ल युक्त वर्षा का पानी, अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहलाता है।



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