प्रकाश के बारे में कुछ मुख्य तथ्य (Key facts about light)|hindi


प्रकाश के बारे में कुछ मुख्य तथ्य (Some key facts about light)
प्रकाश के बारे में कुछ मुख्य तथ्य (Key facts about light)|hindi

• निर्वात में प्रकाश की चाल 3×10⁸ मीटर/सेकंड  लगभग 300 अरब मीटर प्रति सेकंड की गति से चलता है।
• सूर्य से धरती तक पहुंचने में प्रकाश लगभग 8 मिनट का समय लेता है।
प्रकाश का बहुत संकरा किरण पुंज किरण(Ray) कहलाता है।
• प्रकाश किरणों का एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम की ओर मुड़ना अपवर्तन कहलाता है।
 प्रकाश के स्रोत की दीप्ति तथा सूत्र 
• जब प्रकाश की किरणें वायु से कांच की ओर चलती है तब यह अभिलंब की ओर मुड़ जाती हैं जब यह कांच से वायु की ओर चलते हैं तब यह अभिलंब से दूर हट जाती है।
प्रकाश का अपवर्तन दो माध्यमों में प्रकाश की गति में अंतर के कारण होता है।
• वायु में प्रकाश की गति लगभग 300,000 किलोमीटर प्रति सेकंड, पानी में 2,25,000 किलोमीटर प्रति सेकंड तथा कांच में यह 1,80,000 किलोमीटर प्रति सेकंड होती है अतः वायु से कांच की ओर चलती प्रकाश की किरण वायु से पानी में चलते समय अपेक्षाकृत अधिक मुड़ेगी तो ऐसा कह सकते हैं कि कांच का अपवर्तनांक पानी से अधिक होता है
• फानाकार पदार्थ से बनी वस्तु प्रिज्म कहलाती है।
• आपतित किरण और निर्गत किरण के बीच का कोण विचलन कोण कहलाता है।
• प्रकाश का सात रंगों में विभक्त होना प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहलाता है।
 प्रकाश का प्रकीर्णन 
• कांच के प्रिज्म द्वारा प्रकाश के प्रक्षेपण के समय लाल प्रकाश सबसे कम उड़ता है जबकि बैंगनी सबसे अधिक उड़ता है।
• अवतल लेंस द्वारा प्रकाश की किरणों का मुड़ना उसकी अपसारित क्रिया कहलाती है।
लेंस जिसका मध्य भाग मोटा और किनारे के भाग पतले हो उत्तल लेंस कहलाताहै। उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस भी कहते हैं।
• लेंस जिसका मध्य भाग पतला और किनारे मोटे हो अवतल लेंस कहलाता है। अवतल लेंस को अपसारी लेंस भी कहते हैं।
• उत्तल लेंस उल्टा और वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है जब वस्तु फोकस बिंदु अथवा उसके पीछे रखी हुई हो तथा जब वस्तु फोकस अथवा प्रकाश केंद्र के मध्य हो तब उत्तल लेंस द्वारा विरचित प्रतिबिंब सीधा, आभासी तथा बड़े आकार का बनता है।
 लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब बनना तथा उसके नियम 
• अवतल लेंस सदैव सीधा, छोटा तथा आभासी प्रतिबिंब बनाता है वस्तु की स्थिति चाहे जहां भी हो।
आवर्धक लेंस या मैग्नीफाइंग ग्लास कम फोकल दूरी का उत्तल लेंस होता है।
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी दो लेंसों से निर्मित होता है। वस्तु की ओर अवस्थित लेंस अभिदृश्यक कहलाता है और जिस लेंस द्वारा प्रतिबिंब देखा जाता है वह नेत्रिका कहलाता है। अभिदृश्यक लेंस छोटी फोकल दूरी युक्त उत्तल लेंस होता है जबकि नेत्रिका लंबी फोकल दूरी युक्त उत्तल लेंस होता है।
खगोलीय दूरबीन दो लेंसों से निर्मित होता है अभिदृश्यक तथा नेत्रिका। दूरबीन का अभिदृश्यक लंबी फोकल दूरी युक्त उत्तल लेंस होता है जबकि दूरबीन का नेत्रिका लेंस कम फोकल दूरी युक्त उत्तल लेंस होता है।
कैमरे में डायग्राम की भूमिका हमारी आंखों की परितारिका के समान होती है।
• कॉर्निया परितारिका पुतली नेत्र लेंस यह सभी नेत्र के प्रमुख क्रियाशील भाग होते हैं।
 ग्रहण किसे कहते हैं? सूर्य ग्रहण तथा चंद्र ग्रहण कैसे लगते हैं?
• निकट दृष्टि दोष के कारण व्यक्ति दूरस्थ चीजों को स्पष्ट नहीं देख पाता है किंतु निकट की चीजों को वह स्पष्ट देख सकता है।
• दूर दृष्टि दोष के कारण व्यक्ति दूर की चीजों को साफ देख लेता है किंतु पास की वस्तुओं को साफ नहीं देख पाता है।
• निकट दृष्टि दोष अथवा मायोपिया को उचित फोकल दूरी के अवतल लेंस के प्रयोग द्वारा ठीक किया जा सकता है।
• दूर दृष्टि दोष को उचित फोकल दूरी के उत्तल लेंस द्वारा ठीक किया जा सकता है।



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