मेंढक के अंडाशय की अनुप्रस्थ काट (Transverse Section of Ovary of Frog)|in hindi


मेंढक के अंडाशय की अनुप्रस्थ काट (Transverse Section of Ovary of Frog)

मेंढक के अंडाशय की अनुप्रस्थ काट (Transverse Section of Ovary of Frog)|in hindi



मेंढक Amphibia वर्ग का जीव है जो मुख्यतः बारिश के दिनों में दिखने वाला सामान्य उभयचर जीव होता है। यह टोड से पूरी तरीके से भिन्न नहीं होता किंतु कुछ कुछ लक्षण उससे भिन्न होते हैं।


मेंढक का वर्गीकरण (Classification of Frog)


जगत (Kingdom)  -  जन्तु (Animalia)
शाखा (Branch)   -   यूमेटाजोआ (Eumetazoa)
प्रभाग (Division)  -  बाइलैटरिया (Bilateria)
उपप्रभाग (Subdivision)  - ड्यूटरोस्टोमिया  (Deuterostomia)
खण्ड (Section)   -  यूसीलोमैटा (Eucoelomata)
संघ (Phylum)  -  कॉर्डेटा  (Chordata)
महावर्ग (Superclass) - चतुष्पादा (Tetrapoda)
वर्ग (Class) -  ऐम्फिबिया (Amphibia)
उपवर्ग (Subclass)  - सैलेन्शिया (Salientia)
गण (Order)  -  ऐन्यूरा (Anura)

मेंढक के अंडाशय की अनुप्रस्थ काट (Transverse Section of Ovary of Frog)|in hindi


मेंढक के अंडाशय की अनुप्रस्थ काट का वर्णन

मेंढक (frog) के अंडाशय की अनुप्रस्थ काट करने पर इसमें निम्नलिखित संरचनाएँ प्रदर्शित होती हैं:

1. मेंढक के अंडाशय की अनुप्रस्थ काट में हमें अनियमित खोखले थैलीनुमा अंडाशय (sac-like ovary) देखने को मिलते हैं जिसमें कई खोखले लोब या lobules होते हैं जिनमें अंडाणु (ova) बनते हैं।

2. इसके अंडाशय की पतली दीवार रेशेदार संयोजी ऊतक से बनी होती है जिसमें रक्त वाहिकाएं, मांसपेशी फाइबर और तंत्रिकाएं होती हैं और यह बाहरी रूप से सरल स्तम्भाकार कोलोमिक उपकला (coelomic epithelium) या जर्मिनल उपकला (germinal epithelium) द्वारा ढकी होती है।

3. इसका प्रत्येक lobule और follicle बाहरी रूप से theca externa और आंतरिक रूप से theca interna से घिरा होता है।

4. इसमें विभिन्न आकार के कई रोम (follicles) होते हैं जो theca externa से जुड़े होते हैं।

5. प्रत्येक lobule के lumen में विकास के विभिन्न चरणों में गोलाकार अंडाणु मौजूद होते हैं।

6. इसके प्रत्येक अंडाणु में एक केन्द्रक होता है जो जर्दीयुक्त दानेदार कोशिका द्रव्य और पुटकीय कोशिकाओं (follicular cells) से घिरा होता है, जो सबसे छोटे अण्डकोषों (oogonia) से विकसित होते हैं।

7. जनन उपकला (germinal epithelium) अण्डजनन (oogenesis) से गुजरती है और अण्डाणु (ova)को जन्म देती है, जिन्हें विकास की विभिन्न अवस्थाओं में देखा जा सकता है।

8. इसमें पूर्ण रूप से विकसित अंडाणु गोलाकार होते हैं, जिनमें दानेदार जर्दी के साथ केन्द्रक और कोशिकाद्रव्य होता है तथा ये पुटकीय उपकला (पीट-झिल्ली) (follicular epithelium (vitelline membrane)) से घिरे होते हैं।

9. Theca externa, theca interna और follicular cells ovarian stroma बनाती हैं जो ovarian hormones का स्राव करती हैं।







No comments:

Post a Comment